समाचार ब्यूरो
22/01/2022  :  11:02 HH:MM
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 16 के अंतर्गत पांच अलग-अलग आदेश जारी करके, मंत्रालय ने इन सोशल मीडिया खातों और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। भारत की खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया खातों और वेबसाइटों की लगातार निगरानी कर रही थीं और उन्होंने उन पर तत्काल कार्रवाई के लिए मंत्रालय को सूचना दी। काम करने का ढंग : समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए 35 खाते पाकिस्तान से परिचालित हो रहे थे और इनकी चार समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क के रूप में पहचान की गई थी। इनमें 14 यूट्यूब चैनल चलाने वाला अपनी दुनिया नेटवर्क और 13 यूट्यूब चैनल चलाने वाला ताल्हा फिल्म्स नेटवर्क शामिल थे। चार चैनलों का एक सेट और दो अन्य चैनलों का सेट भी एक दूसरे के मिलकर काम कर रहे थे। इन सभी नेटवर्क का एक मात्र लक्ष्य भारतीय दर्शकों के बीच फर्जी खबरों का प्रसार था। एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में काम करने वाले चैनल समान हैशटैग और एक जैसी सम्पादन शैली का इस्तेमाल करते थे। साथ ही ये समान लोगों द्वारा संचालित थे और एक दूसरे को प्रोत्साहन देते थे। कुछ यूट्यूब चैनलों का संचालन पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनलों के एंकरों द्वारा किया जा रहा था। कंटेंट का स्वरूप मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया खातों को पाकिस्तान द्वारा भारत से जुड़ी संवेदनशील विषयों से जुड़ी फर्जी भारत विरोधी खबरों को फैलाने में किया जा रहा था। इसमें भारतीय सेना, जम्मू और कश्मीर एवं भारत के दूसरे देशों के साथ विदेश संबंध जैसे विषय शामिल थे। यह देखने में आया कि पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के निधन के संबंध में यूट्यूब चैनलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें फैलाई गईं। इन यूट्यूब चैनलों ने पांच राज्यों के आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए भी कंटेंट पोस्ट करना शुरू कर दिया था। इन चैनलों ने अलगाववाद को बढ़ावा देने, भारत को धर्म के आधार पर बांटने और भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए कंटेंट फैलाया। ऐसी जानकारी से दर्शकों को देश की सार्वजनिक व्यवस्था को विपरीत प्रभाव डालने वाले अपराधों को उकसावा मिलने की आशंका थी। हाल की कार्रवाई से पहले सरकार ने दिसंबर, 2021 में 20 यूट्यूब चैनलों और 2 वेबसाइटों को ब्लॉक किया था। उस समय पहली बार भारत विरोधी फर्जी खबरों के नेटवर्क के खिलाफ आईटी नियम, 2021 के तहत मिली आपात शक्तियों का इस्तेमाल किया गया था। खुफिया एजेंसियां और मंत्रालय भारत में व्यापक सूचना परिदृश्य को सुरक्षित रखने के क्रम में मिलकर काम करते हैं।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप आगे बढ़ते हुए, भारत सरकार ने बच्चों को राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विरासत, चरित्र, अनुशासन, भावना के साथ राष्ट्रीय कर्तव्य और देशभक्ति वाले प्रभावी नेतृत्व में गौरव विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सैनिक स्कूलों के वर्तमान स्वरूप में बदलाव के रूप में रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल समिति के अधीन संबद्ध सैनिक स्कूलों को शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। ये स्कूल एक विशिष्ट कार्यक्षेत्र के रूप में काम करेंगे जो रक्षा मंत्रालय के वर्तमान सैनिक स्कूलों से भिन्न्नता एवं विविधता लिए हुए होंगे। पहले चरण में राज्यों/गैर-सरकारी संगठनों/निजी भागीदारों से 100 संबद्ध भागीदारों को इसमें शामिल करना प्रस्तावित है।
इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में इच्छुक छात्रों के बड़े वर्ग को सैनिक स्कूलों के समान शिक्षा प्रदान करना है। सैनिक स्कूल समिति ने ऐसे उन सभी आवेदक स्कूलों को आवेदन पत्र भेज दिए हैं जिन्होंने 15 जनवरी 2022 तक खुद को पंजीकृत करवाया है । आवेदन पत्र 21 जनवरी 2022 तक ऑनलाइन प्रारूप के माध्यम से भरकर सैनिक स्कूल सोसाइटी के पास वापस जमा कराना आवश्यक है। अब तक 194 स्कूल https://sainikschool.ncog.gov.in पर “पंजीकृत" किए जा चुके हैं।

 à¤‡à¤¸à¤•à¥‡ बाद जिला स्तर पर स्कूल मूल्यांकन समिति द्वारा स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा और जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह तक सैनिक स्कूल समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। मूल्यांकन समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे:

(क) अध्यक्ष के रूप में जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर

(ख) उसी जिले में स्थित नवोदय विद्यालय संगठन/केन्द्रीय विद्यालय संगठन के प्रधानाचार्य

(ग़) निकटतम सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य

सैनिक स्कूल समिति द्वारा अनुमोदित स्कूल अगले शैक्षणिक वर्ष यानी अप्रैल 2022 में कक्षा 6वीं ओर उससे  आगे के लिए सैनिक स्कूल पाठ्यक्रम और उसकी गतिविधियों का पालन करना शुरू कर देंगे। शिक्षकों के प्रशिक्षण, खेलकूद और अतिरिक्त  पाठ्येतर गतिविधियों सहित स्कूल प्रबंधन के अन्य पहलुओं के बारे में अनुमोदित स्कूलों को अलग से सूचित किया जाएगा।

नए सैनिक स्कूलों द्वारा 'एक स्कूल एक खेल' के सिद्धांत को भी लागू किया जाएगा ताकि उस राज्य के लिए कम से कम एक खेल गतिविधि पर ध्यान केंद्रित किया जा सके जहां स्कूल स्थित है ।






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