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नयी दिल्ली- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में सभी को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू करनी चाहिए।
डॉ. मांडविया ने आज कोलकाता में पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 10,358 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और अरोग्य केन्द्रों का संचालन हो रहा है, जिसके 16 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। राज्य में सभी लोगों को टेली मेडिसिन सेवा का लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। राज्य सरकार को पश्चिम बंगाल के लोगों के लाभ के लिए आयुष्मान भारत को जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए। उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन , टेलीमेडिसिन सेवाओं, चिकित्सा शिक्षा और सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जारी निधि की स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा,“ हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी निधि का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।”
डॉ. मांडविया ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत 180.12 करोड़ रुपये की लागत से 223 प्रखंड सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों तथा 290 करोड़ रुपये की लागत से 719 उपकेंद्रों को मंजूरी दी गई है। पश्चिम बंगाल में 16,82,87,430 लोगों के लिए 10,358 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं तथा 2,08,42,397 टेली-परामर्श दिए गए हैं।
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