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नयी दिलà¥à¤²à¥€- आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€
(आप) ने कहा कि देशवासियों के लिठयह बहà¥à¤¤ चिंता की बात है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ करेंसी की
कीमत और गिर गई है और आज à¤à¤• डॉलर 83.13 रà¥à¤ªà¤ का हो गया
है।
आप की मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का ककà¥à¤•à¥œ ने मंगलवार को संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा
कि पारà¥à¤Ÿà¥€ का मानना है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ और बराबरी विकसित देशों से होनी चाहिà¤à¥¤
आज à¤à¤• अमेरिकी डॉलर की कीमत चीन के 7.02 यूआन के बराबर
है जबकि à¤à¤• à¤à¤• अमेरिकी डॉलर की कीमत 83.13 à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रà¥à¤ªà¤ के
बराबर पहà¥à¤‚च गया है। यह अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है। यह सिरà¥à¤« उन लोगों के लिà¤
चिंता का विषय नहीं है, जो अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚
को पà¥à¤¾à¤ˆ के लिठविदेश à¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾ चाहते हैं, बलà¥à¤•à¤¿ यह देश के
हर नागरिक से जà¥à¥œà¤¾ मसला है। इससे देश की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा कम होती है।
सà¥à¤¶à¥à¤°à¥€ ककà¥à¤•à¥œ ने कहा कि आज सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ यह है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤, रूस से सबसे
जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤°à¥‚ड ऑयल और हथियार खरीदता है और इसकी कीमत à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रà¥à¤ªà¤ में करने के बजाय
दिरहम या यà¥à¤†à¤¨ में दे रहा है। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ करेंसी की कीमत
इतनी गिर चà¥à¤•à¥€ है कि इसकी मांग बहà¥à¤¤ कम है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ करेंसी के गिरने की वजह ये है
कि हम लगातार विदेशों से आयात तो कर रहे हैं, लेकिन दूसरे
देशों को निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ नहीं कर रहे हैं। इसका यह मतलब है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पास à¤à¤¸à¤¾ कोई सामान
मैनà¥à¤¯à¥à¤«à¥ˆà¤•à¥à¤šà¤° नहीं हो रहा है, जिसकी विदेश में
मांग हो।
आप की पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि मेक इन इंडिया का कैंपेन मातà¥à¤° हेडलाइन मैनेजमेंट के
तहत चलाया गया था। मेक इन इंडिया के तहत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोई à¤à¥€ मैनà¥à¤¯à¥à¤«à¥ˆà¤•à¥à¤šà¤°à¤¿à¤‚ग हब नहीं
बना। à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रà¥à¤ªà¤ की कीमत कैसे बà¥à¥‡à¤—ी और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में निवेशक कैसे आà¤à¤‚गे? यह तà¤à¥€ संà¤à¤µ
होगा, जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ मैनà¥à¤¯à¥à¤«à¥ˆà¤•à¥à¤šà¤°à¤¿à¤‚ग हब बनेगा और
अपना सामान विदेशों में बेच पाà¤à¤—ा। यह तब हो पाà¤à¤—ा, जब वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚
को लाइसेंस राज से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलेगी और वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सामान बना पाà¤à¤‚गे। इसलिà¤
वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठइज ठडूइंग बिजनेस सिरà¥à¤« à¤à¤• नारा नहीं होना चाहिà¤à¥¤
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब तक केंदà¥à¤° में कम पà¥à¥€-लिखी सरकार है, जो लोगों के
पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संवेदनहीन है और गिरते रà¥à¤ªà¤ की कीमत पर ये कह कर निकल जाती है कि डॉलर बà¥
रहा है, रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ नहीं गिर रहा है, तब तक
देशवासियों को महंगाई की मार à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥€ पडेगी।
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