महोबा.- उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶
के महोबा में सैकड़ों की संखà¥à¤¯à¤¾ में किसानों ने अपनी पांच सूतà¥à¤°à¥€à¤¯ मांगों को लेकर
गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° से अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कालीन धरना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया।
अपने घरों से चारपाई व à¤à¥‹à¤œà¤¨ सामगà¥à¤°à¥€ लेकर आये यह किसान सदर तहसील परिसर में डट
गठ। किसानों के हंगामे के कारण अफरा.तफरी की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ उतपनà¥à¤¨ हो गई है। à¤à¤¾à¤°à¥€
अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के चलते यहां राजसà¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— के अदालती व अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ कामकाज ठप हो गये।
किसान फसल बीमा कà¥à¤²à¥‡à¤® का बकाया à¤à¥à¤—तानठआपदा राहत, मटर की फसल की 8000
रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€ समेत विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मांगों को लेकर किसानों ने पूरà¥à¤µ घोषित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®
के तहत जोरदार पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया। दिन चà¥à¤¨à¥‡ के साथ ही जिले के कोने.कोने से आकर जà¥à¤Ÿà¥‡
सैकड़ो की संखà¥à¤¯à¤¾ में किसानों ने पहले नारेबाजी करते हà¥à¤ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की सड़कों पर
जोरदार जà¥à¤²à¥‚स निकाला और बाद में सदर तहसील पहà¥à¤‚च कर अपना डेरा जमा लिया।
आंदोलनकारी किसान अपने साथ चारपाई, बिसà¥à¤¤à¤° व à¤à¥‹à¤œà¤¨
सामगà¥à¤°à¥€ आदि à¤à¥€ लेकर आये है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी मांगे पूरी होने से पहले अधिकारियों से
किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की बातचीत से à¤à¥€ इंकार किया है।
तहसील में शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कालीन धरना को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ आंदोलनकारी
किसानों के अगà¥à¤† गà¥à¤²à¤¾à¤¬ सिंह राजपूत ने कहा कि पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· वरà¥à¤·à¤¾,अतिवृषà¥à¤Ÿà¤¿,उपल वृषà¥à¤Ÿà¤¿ जैसी
आपदाओं के शिकार बà¥à¤‚देलखंड के किसानों की सबà¥à¤° की सीमा अब खतà¥à¤® हो चà¥à¤•à¥€ है। इस बार
वह आर.पार की लड़ाई के लिठघर से निकला है। शासन और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ से अपनी मांगों पर ठोस
कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ के बगैर वह वापस नही लौटेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कथित किसान यूनियनों और
राजनीतिक दलों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनका उपयोग कर ठग लिठजाने के चलते अब जिले का किसान सतरà¥à¤•
है। यही वजह है कि अबकी उसने बगैर किसी डंडा. à¤à¤‚डा के अपनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया
है।
किसान नेता गà¥à¤²à¤¾à¤¬ सिंह ने कहा कि जिले में किसानों का शोषण और उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ किया जा
रहा है। फसल बीमा का पà¥à¤°à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤® अदा करने के बावजूद किसानों को यहां गत वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के
कà¥à¤²à¥‡à¤® का à¤à¥à¤—तान नही किया गया। किसानों की फसल खरीद का 72
घणà¥à¤Ÿà¥‡ के à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¥à¤—तान के शासन के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ होने के बाद à¤à¥€ जिले में किसान पिछले
तीन महीनों से à¤à¥à¤—तान के लिठचकà¥à¤•à¤° लगा रहा है लेकिन उसकी सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ वाला कोई नही।
किसान नेता ने बà¥à¤‚देलखंड में मटर की अचà¥à¤›à¥€ पैदावार होने के चलते किसान को उसका
8000 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने की à¤à¥€ मांग की। उधर किसान
आंदोलन के कारण नगर में अबà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ उतपनà¥à¤¨ होने के चलते पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾
कायम करने को कड़ी मशकà¥à¤•à¤¤ उठानी पड़ी।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸ उप अधीकà¥à¤·à¤• आर0पी0 राय ने बताया कि
किसानों के धरना सà¥à¤¥à¤² पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की कड़ी निगरानी की गई है। कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बिगाड़ने
पर किसानों को कड़ी कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की चेतावनी दी गई है।