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नयी दिलà¥à¤²à¥€- आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€
(आप) के राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ सांसद राघव चडà¥à¤¢à¤¾ ने गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€
(à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾) उनकी छवि खराब करने के लिठउनके खिलाफ निराधार दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर रही है।
शà¥à¤°à¥€ चडà¥à¤¢à¤¾ ने संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे
पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी की तानाशाह सरकार ने दिलà¥à¤²à¥€ सरकार का गला घोंटने के लिà¤
असंवैधानिक बिल पास किया है। केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृहमंतà¥à¤°à¥€ अमित शाह का इतने से मन नहीं à¤à¤°à¤¾
है। अब मोदी सरकार ने à¤à¤• नयी परंपरा शà¥à¤°à¥‚ की है कि जो à¤à¥€ उसके खिलाफ बोलेगा, उसकी सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾
खतà¥à¤® कर देगी, उसको निलंबित कर देगी या à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° कर
देगी। मोदी सरकार को लोकतंतà¥à¤° का डà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾ करने के बजाय देश में तानाशाही शासन की
घोषणा कर देनी चाहिà¤à¥¤
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे बड़ी अफवाह कंपनी à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृहमंतà¥à¤°à¥€
अमित शाह ने संसद में à¤à¥‚ठबोला कि गलत हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° हो गया। अमित शाह देश के दूसरे
नंबर के मंतà¥à¤°à¥€ है। उनको सदन की कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ के बारे में समानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की जानकारी
होनी चाहिà¤à¥¤ चयन समिति में किसी à¤à¥€ सदसà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किसी à¤à¥€ सदसà¥à¤¯ का नाम पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤
किया जा सकता है और उसके हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° की जरूरत नहीं होती है। दअरसल, मोदी सरकार का
à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° मकसद राहà¥à¤² गांधी की तरह राघव चडà¥à¤¢à¤¾ की à¤à¥€ सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ खतà¥à¤® करनी है। लेकिन हम
लड़ना और जीतना जानते हैं। अगर गलत हथकंडे अपनाकर राघव चडà¥à¤¢à¤¾ की सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ खतà¥à¤® की गई
तो वो दोबारा à¤à¥€ चà¥à¤¨ कर आ जाà¤à¤‚गे। लेकिन अमित शाह जी को à¤à¥‚ठऔर अफवाह नहीं फैलानी
चाहिà¤à¥¤
शà¥à¤°à¥€ चडà¥à¤¢à¤¾ ने कहा कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ का मूलमंतà¥à¤° है कि à¤à¤• à¤à¥‚ठको हजार बार बोलो ताकि
वो सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ में तबà¥à¤¦à¥€à¤² हो जाà¤à¥¤ इस मंतà¥à¤° के तहत à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ ने मेरे खिलाफ दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°
शà¥à¤°à¥‚ किया गया है। अमूमन यहई देखा जाता है कि जब à¤à¥€ किसी सदसà¥à¤¯ के खिलाफ
विशेषाधिकार समिति कोई कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥‚ करती है तो वह सदसà¥à¤¯ उस पर कोई सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤•
बयान नहीं देता है। लेकिन मà¥à¤à¥‡ मजबूरन à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के à¤à¥‚ठका परà¥à¤¦à¤¾à¤«à¤¾à¤¶ करने के लिठदेश
के सामने आना पड़ा। राघव चडà¥à¤¢à¤¾ ने रूल बà¥à¤• का हवाला देते हà¥à¤ कहा कि रूल बà¥à¤• के
अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ संचालित होती है। रूल बà¥à¤• में लिखा है कि किसी à¤à¥€ चयन समिति के
गठन के लिठकोई à¤à¥€ सांसद नाम पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर सकता है और जिस सदसà¥à¤¯ का नाम
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया जाता है। उसके हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° और लिखित सहमति की जरूरत नहीं होती है।
रूल बà¥à¤• में कहीं पर à¤à¥€ नहीं लिखा है कि चयन समिति में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किसी सदसà¥à¤¯ का
नाम देने के लिठलिखित सहमति या हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° चाहिà¤à¥¤ इसके बावजूद à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤•
à¤à¥‚ठा पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° फैलाया गया कि गलत हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° हो गया।
शà¥à¤°à¥€ चडà¥à¤¢à¤¾ ने कहा कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ की अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ का हमारे पास कोई इलाज नहीं है लेकिन
पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ये होता है कि जब à¤à¥€ कोई विवादित बिल सदन में आता है तो à¤à¤• समिति गठन की
पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ बताई गई है कि अगर कोई सदसà¥à¤¯ चाहता है कि अà¤à¥€ बिल पर मतदान न हो, बलà¥à¤•à¤¿ इस पर और
चरà¥à¤šà¤¾ की जाà¤, बिल में और कà¥à¤¯à¤¾ बदलाव किठजाà¤à¤‚, वो बताया जाà¤à¥¤
इसके लिठयह चयन समिति गठित की जाती है। उस समिति में कà¥à¤› नाम पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किठजाते
हैं और जिस सदसà¥à¤¯ को उस समिति में नहीं रहना है, वो अपना नाम
वापस ले लेता है। यह मातà¥à¤° à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ है। किसी सदसà¥à¤¯ को जबरदसà¥à¤¤à¥€ समिति में नहीं
शामिल गया है।
विशेषाधिकार समिति के संसदीय बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨ का हवाला देते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा ,
“मेरे खिलाफ जो शिकायत आई है, उसे विचार के
लिठविशेषाधिकार समिति को à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया है। संसदीय बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨ में कहीं पर à¤à¥€ जाली, जालसाजी, हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° जैसे
शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं किया गया है। सिरà¥à¤« इसकी जांच करने के लिठकहा गया है। कम
से कम संसदीय बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨ में हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° शबà¥à¤¦ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया गया होता। जब हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°
ही नहीं है, तो कहां से आà¤à¤‚गे? à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के à¤à¥‚ठका
मà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करना बहà¥à¤¤ आसान नहीं है। इसलिठहमें मीडिया के जरिठदेश के सामने आकर अपनी
बात रखनी पड़ी है।â€
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