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नयी दिलà¥à¤²à¥€- कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता
राहà¥à¤² गांधी ने मोदी उपनाम आपराधिक मानहानि मामले
में अपनी दो वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ की सजा पर रोक लगाने की à¤à¤• बार फिर गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगाते हà¥à¤ उचà¥à¤šà¤¤à¤®
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के समकà¥à¤· कहा है कि शिकायतकरà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ के विधायक पूरà¥à¤£à¥‡à¤¶
मोदी इस मामले में अहंकारी कहना और माफी मांगने के लिठदबाव डालना नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤•
पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का घोर उलà¥à¤²à¤‚घन है, जिसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया जाना चाहिà¤à¥¤
उचà¥à¤šà¤¤à¤®
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ इस मामले में अगली सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ चार अगसà¥à¤¤ को करेगा।
शà¥à¤°à¥€ गांधी ने
शीरà¥à¤· अदालत में बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को à¤à¤• ताजा जवाबी हलफनामा दायर कर अपनी सजा पर रोक लगाने
की गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगाई। ‌
अपने हलफनामे
में शà¥à¤°à¥€ गांधी ने कहा है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमेशा कहा है कि वो इस मामले में दोषी नहीं
हैं और उनको दी गई सजा कानूनी कसौटी पर आगे खड़ा उतरने वाला नहीं है।
शिकायतकरà¥à¤¤à¤¾
शà¥à¤°à¥€ पूरà¥à¤£à¥‡à¤¶ मोदी के माफी मांगने वाले बयान के संदरà¥à¤ में शà¥à¤°à¥€ गांधी ने कहा कि
अगर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लिया होता।
शà¥à¤°à¥€ गांधी ने
अपने हलफनामे में आगे कहा,“बहà¥à¤¤ मामूली अपराध को देखते हà¥à¤ यह
बहà¥à¤¤ असाधारण मामला है। à¤à¤• चà¥à¤¨à¥‡ हà¥à¤ सांसद के रूप में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ (याचिकाकरà¥à¤¤à¤¾) को
अपूरà¥à¤£à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है। इस वजह से उनकी सजा पर रोक लगा दी जाà¤, ताकि वह लोकसà¤à¤¾
के मौजूदा और आगे आने वाले सतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤— ले सकें।â€
उचà¥à¤šà¤¤à¤®
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ‘मोदी सरनेम’ यानी मोदी
उपनाम की टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ को लेकर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता शà¥à¤°à¥€ गांधी को अपराधिक मानहानि का दोषी
ठहराठजाने के खिलाफ दायर उनकी विशेष अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ याचिका पर 21 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को नोटिस
जारी किया था।
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ बी
आर गवई और नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त कà¥à¤®à¤¾à¤° मिशà¥à¤°à¤¾ की पीठने शà¥à¤°à¥€ गांधी के खिलाफ
मानहानि का मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ दरà¥à¤œ कराने वाले गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के विधायक पूरà¥à¤£à¥‡à¤¶ मोदी और राजà¥à¤¯ सरकार
को नोटिस जारी कर अपना अपना पकà¥à¤· रखने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया था।
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता
शà¥à¤°à¥€ गांधी के वरà¥à¤· 2019 की à¤à¤• टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ के मामले में आपराधिक
मानहानि का दोषी ठहराठजाने और इसके लिठदो साल की सजा देने के मामले में निचली
अदालत के फैसले पर मà¥à¤¹à¤° लगाने वाले गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सात जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ के फैसले के
खिलाफ 15 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2023 को उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का दरवाजा
खटखटाया था।
याचिका में
आपराधिक मानहानि के लिठदी गई दो साल की सजा शà¥à¤°à¥€ गांधी की सांसद की सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ चली
गई थी। शà¥à¤°à¥€ गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे।
शà¥à¤°à¥€ गांधी ने
बैंक करà¥à¤œ घोटाले के आरोपियों में शामिल नीरव मोदी à¤à¤µà¤‚ कà¥à¤› अनà¥à¤¯ का नाम लेते हà¥à¤ 2019 में à¤à¤•
सà¤à¤¾ को संबोधित करते हà¥à¤ कथित तौर पर आपतà¥à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¤• टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की थी। उनकी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ कि ‘ये सà¤à¥€ चोरों
के उपनाम मोदी ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हैं’ के लिठनिचली अदालत ने मानहानि का
दोषी माना था। इसके लिठदो साल की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ थी। इस फैसले को राहà¥à¤² गांधी ने उचà¥à¤š
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी, लेकिन सजा पर रोक लगाने की उनकी
याचिका खारिज कर दी गई थी।
बारह जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता शà¥à¤°à¥€ गांधी के खिलाफ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के विधायक शà¥à¤°à¥€ मोदी ने उचà¥à¤šà¤¤à¤® नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯
में à¤à¤• ‘कैविà¤à¤Ÿâ€™ दायर की थी।
शà¥à¤°à¥€ मोदी की
अपराधिक मानहानि की शिकायत के बाद शà¥à¤°à¥€ गांधी पर मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ दरà¥à¤œ किया गया था और बाद
में अदालत ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दोषी ठहराया था।
इसकी वजह से
कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता राहà¥à¤² गांधी की लोकसà¤à¤¾ की सदसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ समापà¥à¤¤ होने के बाद उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नई
दिलà¥à¤²à¥€ के लà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤‚स जोन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अपना आधिकारिक आवास à¤à¥€ खाली करना पड़ा था। यह आवास
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सांसद होने के नाते आवंटित किया गया था।
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ विधायक
ने शीरà¥à¤· अदालत में कैविà¤à¤Ÿ दायर कर गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगाई थी कि यदि शà¥à¤°à¥€ गांधी उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯
के फैसले को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देते हैं तो सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ करते समय उनका (शिकायत करने वाले मोदी)
पकà¥à¤· à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾ जाà¤à¥¤
मानहानि का यह
मामला 2019 का है। इस मामले में 23 मारà¥à¤š 2023 को सूरत
के मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ ने गांधी को मानहानि के अपराध के लिठदोषी ठहराया था।
इस अपराध के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अधिकतम दो साल की जेल की सजा सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ थी। बाद में सतà¥à¤°
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ की अदालत ने सूरत के मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ की अदालत के फैसले को
बरकरार रखा था।
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