समाचार ब्यूरो
27/07/2023  :  29:11 HH:MM
बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने को सामंजस्य से सभी विभाग कार्य करें : सिन्हा
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देहरादून- उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों व विशेष रूप से मैदानी क्षेत्रों के लिए बाढ़ प्रबंधन योजना बनाए जाने के संबंध में बैठक आयोजित की गई।

श्री सिन्हा ने सिंचाई विभाग उत्तराखंड, सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश, केंद्रीय जल आयोग, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियो को आपसी समन्वय के साथ बाढ़ प्रबंधन योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग वेबसाइट में समस्त बड़ी नदियों के जलस्तर की रिपोर्ट प्रत्येक घंटे में अपडेट करें। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों की नदियों के जल संग्रहण क्षेत्र में होने वाली वर्षा के साथ ही ऊपरी क्षेत्र में नदियों के जल स्तर व जल प्रवाह की जानकारी के आधार पर बाढ़ से प्रभावित हो सकने वाले मैदानी क्षेत्रों के लिये चेतावनी की व्यवस्था मजबूत की जाए ताकि समय रहते प्रभावित हो सकने वाले जनसमुदाय को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये जा सके।
श्री सिन्हा ने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग द्वारा उत्तराखंड में मात्र चार स्थान रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश, तथा हरिद्वार के लिये बाढ़ पूर्वानुमान से सम्बन्धित जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती है। कुमाऊं मण्डल में किसी भी क्षेत्र के लिये बाढ़ पूर्वानुमान से सम्बन्धित कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं करवायी जाती है। उन्होंने केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियो को निर्देशित करते हुए कहा कि कुमाऊं मण्डल की प्रमुख नदियों में भी बाढ़ पूर्वानुमान व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग के कुमाऊं डिविजन, आपदा प्रबंधन कार्यालय देहरादून में भी सूचनाओं के आदान-प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग से सम्पूर्ण राज्य के डिजिटल टोपेग्राफिक मानचित्र प्राप्त कर मानचित्र पर आंकड़ों को रेखांकित किया जाए तथा उन समस्त आंकड़ों का एमआईएस तथा एल्गोरिथम तैयार कर, तदनुसार सम्बन्धित आंकड़ो को जी.आई.एस मैप पर अपडेट किया जाए ताकि नदियों के जलस्तर के अनुसार आबादी वाले क्षेत्रों हेतु पूर्व में ही सटीक चेतावनी जारी की जा सके।
श्री सिन्हा द्वारा वांछित बाढ़ पूर्वानुमान तथा जल भराव के दृष्टिगत सिंचाई विभाग देहरादून को एक कांसेप्ट नोट तैयार किये जाने हेतु निर्देशित किया गया ताकि इसके अनुसार केन्द्रीय जल आयोग से कार्रवाई हेतु अनुरोध किया जा सके।
बैठक में केंद्रीय जल आयोग, सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश, सिंचाई विभाग उत्तराखंड के अधिकारी तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

 






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