नयी दिलà¥à¤²à¥€ - राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯
रकà¥à¤·à¤¾ संपदा सेवा के अधिकारियों से छावनियों में पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥‚मि के
पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के लिठपà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी का अधिक से अधिक इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने को कहा है।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ ने सोमवार को यहां à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ संपदा सेवा के 2018
और 2022 बैच तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन सेवा के 2022
बैच के अधिकारियों à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¥ अधिकारियों से यहां राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¨ में
मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की।
अधिकारियों को संबोधित करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• सेवा में उनकी
यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ समय में शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ है जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर नेतृतà¥à¤µ की à¤à¥‚मिका में
है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• समृदà¥à¤§à¤¿ के साथ-साथ तकनीकी पà¥à¤°à¤—ति के बल पर विशà¥à¤µ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨
आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को दिखाया है कि पà¥à¤°à¥‹à¤¦à¥à¤¯à¥Œà¤—िकी और परंपराà¤à¤‚
साथ-साथ चल सकती हैं।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रकà¥à¤·à¤¾ संपदा सेवा के अधिकारियों का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि
वे यह सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करें कि उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जाने वाली सेवाà¤à¤‚ और सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚
परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के अनà¥à¤•à¥‚ल और टिकाऊ हों। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी सà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को सकà¥à¤·à¤®
बनाती है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में विशेषजà¥à¤žà¤¤à¤¾ के साथ-साथ अपने तकनीकी कौशल में सà¥à¤§à¤¾à¤°
करते रहना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि छावनियों में पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ और रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥‚मि के
पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के लिठपà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी का अधिकतम संà¤à¤µ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जाना चाहिà¤à¥¤
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन सेवा के पà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥‡à¤¶à¤¨à¤°à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤
की जलवायॠऔर à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ वनों के फैलाव से निकटता से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ हà¥à¤ˆ है। वन और वनà¥à¤¯
जीव जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वन सहारा देते हैं, हमारे देश के
अमूलà¥à¤¯ संसाधन और विरासत हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में गिरावट, वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में
कमी, गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग और जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ के
खतरे वैशà¥à¤µà¤¿à¤• बातचीत और à¤à¤¾à¤—ीदारी के केनà¥à¤¦à¥à¤° में हैं। इसीलिठपरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ 21वीं सदी के लिà¤
चिंता का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विषय बन गया है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को “ लाइफ-लाइफसà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤²
फॉर à¤à¤¨à¤µà¤¾à¤¯à¤°à¤¨à¤®à¥‡à¤‚ट†का मंतà¥à¤° दिया है। वन समाधान का à¤à¤•
अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंग हैं और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन सेवा के अधिकारी समाधान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं में से हैं। उनसे
अपेकà¥à¤·à¤¾ की जाती है कि वे इस मंतà¥à¤° के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤¨ के लिठअथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸
करें।