नयी दिलà¥à¤²à¥€ - à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि
अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषद के महानिदेशक हिमांशॠपाठक ने सोमवार को कहा कि किसानों को अधिक से
अधिक लाठदिलाने के लिठकृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ को और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ बनाने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸
जारी हैं।
डॉ पाठक ने
यहां संवाददाता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में कहा कि कृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ होने से
इसका लाठकिनानों को तà¥à¤°à¤‚त मिलेगा । केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ के रिकà¥à¤¤ पदों को à¤à¤°à¤¾ जा रहा है और
जहां यह काम अबतक पूरा नही हà¥à¤† है उसे जलà¥à¤¦ से जलà¥à¤¦ पूरा किया जाà¤à¤—ा । देश में 725 से अधिक कृषि
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤° हैं ।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा
कि कृषि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• तकनीक और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से लैश कराया जा रहा है तथा
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जरूरी संसाधन उपलबà¥à¤§ कराठजा रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि परिषद के संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨
अपने संसाधनों से आय अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करते हैं जिसे वे अपने विकास कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर खरà¥à¤š कर सकते
हैं। पहले संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को आय खरà¥à¤š करने का अधिकार नहीं था लेकिन अब येसी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की
जा रही है जिससे वे इस राशि का उपयोग कर सकते हैं।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा
कि वह पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर बनाना चाहते हैं और धान की à¤à¤• इस तरह की
किसà¥à¤® को लेकर à¤à¤• समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ करना चाहते हैं जिसकी खेती à¤à¤•à¤¸à¤¾à¤¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ , बंगलादेश और
नेपाल में की जा सके ।
महानिदेशक ने
कहा कि कृषि के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में वह निजी सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤—ीदारी को बेहतर करना चाहते हैं
ताकि किसानों तक उसका लाठपहà¥à¤‚चे ।