समाचार ब्यूरो
14/07/2023  :  18:55 HH:MM
चुनावी बॉन्ड की अपारदर्शी व्यवस्था को खत्म करेंगे: कांग्रेस
Total View  1289


नयी दिल्ली- कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को अपारदर्शी करार देते हुए कहा है कि पार्टी इसका लगातार विरोध करती रही है और सत्ता में आने के बाद वह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली इस अपारदर्शी व्यवस्था को खत्म कर देगी।


कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे की पहले की पारदर्शी व्यवस्था को अब खत्म कर दिया गया है। नयी व्यवस्था के तहत अब किसी कंपनी, व्यक्ति या संगठन से किसी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की सीमा हटा दी गई है। किस दल को किस कंपनी ने कितना चंदा दिया है इस बारे में अब कहीं कोई पूछताछ नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिये दो वित्त वर्षों में एक पार्टी के खाते में 5200 करोड़ रुपए आये। यह पैसे कहां से आया और किसने दिया, इसका कहीं कोई हिसाब किताब नहीं है। इस बारे में कोई पूछताछ करने वाला नहीं है। यह सब भाजपा सरकार कि उस मनमानी के कारण हुआ है। पहले कंपनियों को बताना पड़ सकता था कि किस पार्टी को कितना पैसा दिया है लेकिन अब इस व्यवस्था को हटा दिया है और चुनावी बॉन्ड से पार्टियों को मिलने वाले चंदे को अपारदर्शी बना दिया गया है।

प्रवक्ता ने कहा, “इलेक्टोरल बॉन्ड के कारण इलेक्टोरल फंडिंग गैर-पारदर्शी हो गई। इस बॉन्ड के खिलाफ चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट, आरबीआई सभी की आपत्तियां थीं। लेकिन इसे मनी बिल की तरह पारित किया गया है। इस एक मनी बिल के जरिए भजपा ने विधायकों को खरीदने और सरकारें गिराने का काम किया है।”

चुनावी बांड्स को लेकर पहले की व्यवस्था का जिक्र करते हुए श्री खोड़ा ने कहा, “पहले एक कंपनी अपने तीन साल के नेट प्रॉफिट का 7.5 प्रतिशत से ज्यादा दान नहीं कर सकती थी लेकिन अब भजपा सरकार ने यह लिमिट हटा दी। अब किसी कंपनी को यह बताने की जरूरत नहीं कि किसको कितनी राशि दी गई। यह बहुत अपारदर्शी है। जब इतना बड़ा बेनामी धन किसी पार्टी के खाते में आता है तो स्पष्ट होता है कि काला धन कैसे सफेद किया जाता है। अब कोई भी व्यक्ति संगठन या कंपनी कितना भी पैसा भाजपा के खाते में डाल सकती है। इसको लेकर कोई छापे नहीं पड़ेंगे। ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स विभाग अब काले धन को सफेद करने की इस अपारदर्शी व्यवस्था के चलते छापे नहीं मार सकते। भ्रष्टाचार की इस व्यवस्था में पूरी छूट दी गई है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से सवाल किया, “आपने इलेक्टोरल बॉन्ड के तहत कॉरपोरेट दान की सीमा समाप्त कर दी। क्या इससे क्रोनी कैपिटलिज्म को कानूनी जामा नहीं पहनाया गया। कांग्रेस इस चुनावी फंडिंग की पारदर्शी व्यवस्था चाहती है। कांग्रेस चाहती है कि चुनाव फंडिंग की यह अपारदर्शी व्यवस्था खत्म हो। पार्टी ने 2019 के चुनाव घोषणा पत्र में भी यह बात कही है और आगे भी इसी सिद्धांत के तहत काम करेगी। पार्टी ने रायपुर महाधिवेशन में भी यही बात कही है।”






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   4616285
 
     
Related Links :-
पार्श्वगायक नहीं अभिनेता बनना चाहते थे मुकेश
दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन
शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की निगरानी से करायें जांच : सुशील
स्वदेशी गाय की खरीद पर ट्रांसर्पोटेशन और बीमा का खर्च उठाएगी योगी सरकार
शंखनाद अभियान का आगाज करेगी भाजपा
आयकर विभाग की वेबसाइट नये स्वरूप में लाँच
अडानी ने लगायी गुजरात ऊर्जा निगम को 3900 करोड़ रुपए की चपत: कांग्रेस
लखनऊ रामेश्वरम रेल हादसे पर खडगे, राहुल, प्रियंका ने जताया शोक
तमिलनाडु ट्रेन हादसे पर मुर्मु ने जताया शोक
एनडीएमए ने ‘आपदा मित्रों’ को किया सम्मानित