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नयी दिलà¥à¤²à¥€- परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ पाने वाली ‘पदà¥à¤® शà¥à¤°à¥€ ’से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤
à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की आदिवासी महिला जमà¥à¤¨à¤¾ टà¥à¤¡à¥‚ अपने विवाह के बाद पूरà¥à¤µà¥€ सिंहà¤à¥‚म जिले के
चकोलिया गांव में अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² आकर वहां वीरान हà¥à¤ जंगल को देखकर निराश हà¥à¤ˆà¤‚, लेकिन उसी समय
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मन में आस-पास के वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को पà¥à¤¨: हरा-à¤à¤°à¤¾ करने का संकलà¥à¤ª ले लिया।
संकलà¥à¤ª को सिदà¥à¤§à¤¿ तक पहà¥à¤‚चाने की उनकी कहानी पर धनविका टॉकीज और आर के फिलà¥à¤®
पà¥à¤°à¥‹à¤¡à¤•à¥à¤¶à¤¨ के सहयोग से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤° और फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ वजà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤ नटराज
महरà¥à¤·à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राजधानी में संसद-à¤à¤µà¤¨ परिसर के पास ही ऑल इंडिया फाइन आरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ à¤à¤‚ड कà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤Ÿà¥à¤¸
सोसाइटी (आईफैकà¥à¤¸) गैलरी में ‘ द लेडी टारà¥à¤œà¤¨
ऑफ इंडिया ’ शीरà¥à¤·à¤• से आयोजित फोटो पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ लोगों
को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ कर रही है। वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ पर टिमà¥à¤¬à¤° माफिया की कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¡à¤¼à¥€ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§ करने
वाली à¤à¤• आदिवासी महिला की कहानी को जीवंत करने वाली यह à¤à¤• माह की पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ 23
जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ तक चलेगी। इसमें जमà¥à¤¨à¤¾ टà¥à¤¡à¥‚ की 40 से अधिक
तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ की गयी हैं।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ ने यूनीवारà¥à¤¤à¤¾ से फोन पर कहा , “ वरà¥à¤· 1998
में नयी नवेली दà¥à¤²à¥à¤¹à¤¨ बनकर अपनी ससà¥à¤°à¤¾à¤² पहà¥à¤‚ची थीं। विवाह के रसà¥à¤®à¥‹à¤‚ रिवाजों
से फà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤ मिलने के बाद, मेरा अपने घर के
आसपास उजड़े हà¥à¤ जंगल को देखकर मन वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ हो उठा। उसी दौरान, मैंने जंगलों को
हरा-à¤à¤°à¤¾ करने का संकलà¥à¤ª लिया। â€
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में जिन चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और लकड़ी माफिया जैसे ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ से
जोखिमों को जिस साहस से सामना किया, उसे देख कर उनके
कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और देश à¤à¤° में उनके पà¥à¤°à¤¸à¤‚शकों ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से ‘लेडी टारà¥à¤œà¤¨â€™ के नाम से
पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया।
वजà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤ नटराज का कहना है कि इस फोटो पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ देश-दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को
परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦à¥ टà¥à¤¡à¥‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना है, जिससे मानव समाज
को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अधिक से अधिक जागरà¥à¤• कर सकें।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “ मैंने जमà¥à¤¨à¤¾ टà¥à¤¡à¥‚ के जंगलों को बचाने के
लिठलकड़ी माफिया के खिलाफ लड़ने को लेकर उनके अटूट साहस को इस पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥€ के
माधà¥à¤¯à¤® से चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है। ये तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ केवल उनके जीवन को ही
चरितारà¥à¤¥ नहीं करती हैं, बलà¥à¤•à¤¿ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£
को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने की à¤à¥€ सीख देती हैं। हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत के संरकà¥à¤·à¤£ के लिà¤
समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤• उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय जीवन का चितà¥à¤°à¤£ है। â€
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ ‘वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ समिति’ के माधà¥à¤¯à¤® से
करीब दो दशक से इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ हैं और लोगों को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•
कर रही हैं।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ ने कहा, “ अवैध रूप से वन
की कटाई करने वाले टिंबर माफिया और नकà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना करने के लिठमैंने गांव
वालों को à¤à¤•à¤¤à¥à¤° करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। शà¥à¤°à¥‚ में सिरà¥à¤« चार महिलाà¤à¤‚ ही मेरे साथ खड़ी
हà¥à¤ˆà¤‚। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ महिलाओं के साथ मिलकर मैंने ‘जंगल बचाओ’ अपना अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨
छेड़ा। â€
ओडिशा के मयूरà¤à¤‚ज जिले में बगराई à¤à¤µà¤‚ बबिता मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ के घर 1980
में जनà¥à¤®à¥€ और दसवीं तक पढ़ाई करने वाली शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ के पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® की राह
कोई आसान नहीं थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस काम में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ माफिया खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® धमकी देने
लगे थे, लेकिन वह जंगल को हरा-à¤à¤°à¤¾ करने के लिà¤
बिना à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ हà¥à¤ इस राह पर लगातार आगे बढ़ती रहीं। â€
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 2005 में ‘वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾
समिति’ का गठन किया। इस संगठन से गांव के
साथ-साथ अनà¥à¤¯ गांव के कई लोग जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ और आज उनका परिवार पांच लोगों से बढ़कर 10
हजार से अधिक हो गया हैं, जो जंगल को
हरा-à¤à¤°à¤¾ करने में अपना योगदान दे रहे हैं।
इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ पर कई छोटे-बड़े हमले होते रहे। à¤à¤• बार जब वह
टà¥à¤°à¥‡à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से लकड़ी की तसà¥à¤•à¤°à¥€ करने वालों के खिलाफ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ मासà¥à¤Ÿà¤° के पास
शिकायत के लिठजा रही थीं, तब उन पर बड़ा
पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° किया गया और वह गंà¤à¥€à¤° रूप से घायल हो गईं थीं।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ ने कहा कि उऩà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लगà¤à¤— 2017 में à¤à¤¾à¤°à¤–ंड की
ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ दà¥à¤°à¥Œà¤ªà¤¦à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ से मà¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤¤ की।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मà¥à¤°à¥à¤®à¥‚ को अपने ‘वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾
समिति’ के तहत 50 हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° वन
à¤à¥‚मि को हरा-à¤à¤°à¤¾ करने की सफलता के पीछे की कहानी के बारे में पूरी जानकारी दी।
वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से जंगलों को हरा-à¤à¤°à¤¾ करने के लिठपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ और सराहनीय काम को लेकर, आखिरकार साल 2019
में 'लेडी टारà¥à¤œà¤¨' को पूरà¥à¤µ
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ रामनाथ कोविंद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के चौथे सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नागरिक
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° ‘पदà¥à¤® शà¥à¤°à¥€â€™ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤
किया गया। इससे पहले, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गॉडफà¥à¤°à¥‡ फिलिपà¥à¤¸ बहादà¥à¤°à¥€
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° 2014 से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जा चà¥à¤•à¤¾ है।
शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ कहती हैं कि वह पति मानसिंह टà¥à¤¡à¥‚ उनके इस सराहनीय कारà¥à¤¯ में
शà¥à¤°à¥‚ से लेकर अब तक मदद करते आठहैं। वह उनके साथ घर बनवाने में à¤à¥€ हाथ बंटाती
हैं।
सात बहनों में सबसे छोटी जमà¥à¤¨à¤¾ पेड़ों को अपना à¤à¤¾à¤ˆ मानकर, हर साल
रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के दिन राखी बांधती और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ दिवस के अवसर पर बड़े कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित
करती हैं। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ जमà¥à¤¨à¤¾ बताती हैं कि वह अनà¥à¤¯ महिलाओं के साथ मिलकर अपनी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾
का जिमà¥à¤®à¤¾ खà¥à¤¦ उठाती हैं। वह तीर कमान और तेज धारदार वाले हथियारों के साथ बेखौफ
होकर जंगल में जाती हैं।
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