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नयी दिलà¥à¤²à¥€- कृषि à¤à¤µà¤‚ किसान कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ और कृषि
अनà¥à¤¸à¤‚धान à¤à¤µà¤‚ शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— (डेयर), à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि
अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषदॠ(आईसीà¤à¤†à¤°) की ओर से आयोजित कृषि पर चिंतन शिविर का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚à¤
शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ कृषि मंतà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° सिंह तोमर ने मà¥à¤–à¥à¤¯ आतिथà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में
किया।
शिविर का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿, निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ बढ़ाने
और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बनाने जैसे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर विचार-विमरà¥à¤¶ कर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की
कारà¥à¤¯à¤¯à¥‹à¤œà¤¨à¤¾ तैयार करना है।
शà¥à¤°à¥€ तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨
है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ फलक पर देंखे तो वैशà¥à¤µà¤¿à¤• मंदी à¤à¤µà¤‚ कोरोना के संकटकाल में à¤à¥€ हमारा
कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° मजबूत बना रहा, इसे सामूहिक
पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से और à¤à¥€ सशकà¥à¤¤ बनाया जाà¤à¤‚। हमारे कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° ने देश का पेट तो à¤à¤°à¤¾ ही, हम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कई
देशों की मदद à¤à¥€ कर सकें। चिंतन शिविर में विचार होना चाहिठकि सरकार की किसान
हितैषी योजनाà¤à¤‚ और अधिक पारदरà¥à¤¶à¥€ कैसे हों, किसान हित में
कामकाज और सरल हों, हमारे लकà¥à¤·à¥à¤¯ कैसे पूरे हों। मिनिमम
गरà¥à¤µà¥‡à¤¨à¥‡à¤‚स हो और हमारी कारà¥à¤¯à¤ªà¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की पातà¥à¤° हों।
शà¥à¤°à¥€ तोमर ने इस संबंध में केंदà¥à¤° सरकार की महतà¥à¤µà¤¾à¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ किसान
समà¥à¤®à¤¾à¤¨ निधि (पीà¤à¤®-किसान) योजना का उदाहरण à¤à¥€ दिया।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का लकà¥à¤·à¥à¤¯ वरà¥à¤· 2047 तक अमृतकाल में
à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विकसित à¤à¤¾à¤°à¤¤ के रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित करना है, जिसके लिठजरूरी
पैरामीटरà¥à¤¸ को फà¥à¤²à¤«à¤¿à¤² करना हमारी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। उसी लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के
लिठयह चिंतन किया जा रहा है कि कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ बढ़ेगा,
2047 में हम कहां खड़े होंगे, उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾
कà¥à¤¯à¤¾ होगी, उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¤¤à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ होगी, फसलों के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°
कà¥à¤¯à¤¾ होंगे, इस बारे में सोचकर किसानों के साथ
समनà¥à¤µà¤¯ हमारी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। अमृतकाल में हमें समगà¥à¤° रूप से विचार करते हà¥à¤ तय
करना पड़ेगा कि सरकार के काम की दिशा व गति कà¥à¤¯à¤¾ होगी। चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का आंकलन व
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ चिनà¥à¤¹à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ लकà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾à¤µà¤§à¤¿ में काम करते आगे बढ़ना होगा।
नीति आयोग के सदसà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‹. रमेश चंद, केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ कृषि
सचिव मनोज अहूजा व डेयर के सचिव व आईसीà¤à¤†à¤° के महानिदेशक डॉ. हिमांशॠपाठक ने à¤à¥€
शिविर में विचार रखें। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठमें कृषि मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के अतिरिकà¥à¤¤ सचिव राकेश रंजन ने
कृषि पर दो दिवसीय चिंतन शिविर की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रखी। शिविर में कृषि à¤à¤µà¤‚ किसान
कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯, डेयर व आईसीà¤à¤†à¤° के अधिकारियों के साथ
विशेषजà¥à¤ž à¤à¤¾à¤— ले रहे हैं।
शिविर में कृषि को जलवायॠअनà¥à¤•à¥‚ल बनाने के लिठरणनीतियां विकसित करना ,à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पोषक
ततà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ व चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का समाधान करना, उरà¥à¤µà¤°à¤• के
संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ उपयोग को बढ़ावा देना, मृदा की उरà¥à¤µà¤°à¤¤à¤¾
को बढ़ाना, और à¤à¤• अनà¥à¤•à¥‚ल- टिकाऊ कृषि पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ की
सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ में योगदान देना तथा वनसà¥â€à¤ªà¤¤à¤¿ संरकà¥à¤·à¤£ के परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£-अनà¥à¤•à¥‚ल दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ में
सामंजसà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संगठनों- हितधारकों के बीच तालमेल बनाना आदि
पà¥à¤°à¤®à¥à¤– है।
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