समाचार ब्यूरो
07/07/2023  :  21:27 HH:MM
अमृतकाल में कृषि विकास के साथ देश को आगे बढ़ाने का लक्ष्य:तोमर
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नयी दिल्ली- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) की ओर से आयोजित कृषि पर चिंतन शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्य आतिथ्य के रुप में किया।


शिविर का उद्देश्य भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति, निर्यात बढ़ाने और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श कर भविष्य की कार्ययोजना तैयार करना है।

श्री तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रीय फलक पर देंखे तो वैश्विक मंदी एवं कोरोना के संकटकाल में भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूत बना रहा, इसे सामूहिक प्रयासों से और भी सशक्त बनाया जाएं। हमारे कृषि क्षेत्र ने देश का पेट तो भरा ही, हम दुनिया के कई देशों की मदद भी कर सकें। चिंतन शिविर में विचार होना चाहिए कि सरकार की किसान हितैषी योजनाएं और अधिक पारदर्शी कैसे हों, किसान हित में कामकाज और सरल हों, हमारे लक्ष्य कैसे पूरे हों। मिनिमम गर्वेनेंस हो और हमारी कार्यपद्धति की प्रशंसा की पात्र हों।

श्री तोमर ने इस संबंध में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य वर्ष 2047 तक अमृतकाल में भारत को विकसित भारत के रूप में प्रतिष्ठित करना है, जिसके लिए जरूरी पैरामीटर्स को फुलफिल करना हमारी जिम्मेदारी है। उसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह चिंतन किया जा रहा है कि कृषि क्षेत्र में क्या-क्या बढ़ेगा, 2047 में हम कहां खड़े होंगे, उत्पादन क्षमता क्या होगी, उत्पादकता क्या होगी, फसलों के प्रकार क्या होंगे, इस बारे में सोचकर किसानों के साथ समन्वय हमारी जिम्मेदारी है। अमृतकाल में हमें समग्र रूप से विचार करते हुए तय करना पड़ेगा कि सरकार के काम की दिशा व गति क्या होगी। चुनौतियों का आंकलन व उन्हें चिन्हित करते हुए लक्ष्यावधि में काम करते आगे बढ़ना होगा।

नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा व डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने भी शिविर में विचार रखें। प्रारंभ में कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राकेश रंजन ने कृषि पर दो दिवसीय चिंतन शिविर की प्रस्तावना रखी। शिविर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, डेयर व आईसीएआर के अधिकारियों के साथ विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।

शिविर में कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने के लिए रणनीतियां विकसित करना ,एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन से जुड़े मुद्दों व चुनौतियों का समाधान करना, उर्वरक के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, मृदा की उर्वरता को बढ़ाना, और एक अनुकूल- टिकाऊ कृषि प्रणाली की स्थापना में योगदान देना तथा वनस्‍पति संरक्षण के पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण में सामंजस्य स्थापित करने के लिए विभिन्न संगठनों- हितधारकों के बीच तालमेल बनाना आदि प्रमुख है।






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