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नयी दिलà¥à¤²à¥€ - रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ राजनाथ सिंह ने कहा है
लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ विविधता वाले देश में हम à¤à¤²à¥‡ ही अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को महतà¥à¤µ दें
लेकिन किसी दूसरी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दà¥à¤°à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ नहीं रखना चाहिà¤à¥¤
शà¥à¤°à¥€ सिंह ने शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को यहां रकà¥à¤·à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ विà¤à¤¾à¤— की हिंदी सलाहकार समिति की
14 वीं बैठक की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ सहित समसà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के पà¥à¤°à¤¤à¤¿
आतà¥à¤®à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ रखने पर ज़ोर दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ जैसे लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤•, और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ
विविधता वाले देश में जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ के साथ à¤à¤• समावेशी दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ के तहत कारà¥à¤¯ करने
की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “हम अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को महतà¥à¤¤à¤¾ दें, पर किसी दूसरी
à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कतई दà¥à¤°à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ न रखें। à¤à¤¾à¤·à¤¾ के संदरà¥à¤ में तमाम शोध बताते हैं कि
हमें जितनी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ मालूम होंगी, हमारा मषà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•
उतना ही सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रहता है। इसलिठà¤à¥€ हमें बाकी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठको समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखना
चाहिà¤à¥¤â€
हिनà¥à¤¦à¥€ की बढ़ती लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशà¥à¤µ पटल पर
हिंदी का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि,
‘à¤à¤• वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ होने’, और ‘जैसा बोला जाता
है वैसी लिखी जाने’ जैसी विशेषताओं ने इसे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾
बनाया है।
रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ में राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के बारे में रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि
उनका मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ हिंदी के संवैधानिक पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚, और सरकार की
राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ नीति संबंधी निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ के लिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि
हिंदी के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— को बढ़ाने के लिठमंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने कà¥à¤› अà¤à¤¿à¤¨à¤µ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किठहैं, जिसके परिणाम
उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤œà¤¨à¤• और कारगर रहे हैं।
शà¥à¤°à¥€ सिंह ने कहा, “हमारे विà¤à¤¾à¤—, व अनà¥à¤¯
कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और उपकà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में हर सà¥à¤¤à¤° पर इस बात के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठजाते हैं कि सरकारी
कामकाज में हिंदी के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— को बढ़ावा मिले और इसमें काफी सफलता à¤à¥€ मिली है।â€
à¤à¤¾à¤·à¤¾ को सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परंपरा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ बताते हà¥à¤ रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि
हिंदी में अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है। इसका अंदाजा इसी
बात से लगाया जा सकता है, कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾
के बाद जिन-जिन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने हिंदी को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ रखा था, उनमें से
अधिकांश की मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ हिंदी नहीं थी।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “सन 1918 में महातà¥à¤®à¤¾
गांधी ने इंदौर में, हिंदी साहितà¥à¤¯ समिति की नींव रखते समय
इसे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ के रूप में चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ किया था। केशवचंदà¥à¤° सेन से लेकर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद
सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, काका कालेलकर, बंकिमचंदà¥à¤° और
ईशà¥à¤µà¤°à¤šà¤‚दà¥à¤° विदà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾à¤—र जैसे महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ हिंदी का पà¥à¤°à¤¬à¤² समरà¥à¤¥à¤¨ किया था। à¤à¤¸à¥‡
में हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बनता है, कि हम हिंदी को
बढ़ावा देकर उन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के सपनों को साकार करें।â€
सारà¥à¤¥à¤• अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ के महतà¥à¤µ का वरà¥à¤£à¤¨ करते हà¥à¤ रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि हिंदी को
बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठअनà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¤¸à¤¾ नहीं होना चाहिà¤, जो अरà¥à¤¥ का
अनरà¥à¤¥ कर दे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, “अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ में
अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ अथवा हमारी समृदà¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को अपनाने का ही पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना
चाहिà¤à¥¤ इसका सà¥à¤à¤¾à¤µ तो हमारा संविधान à¤à¥€ देता है।â€
बैठक में सांसद राजेंदà¥à¤° अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤², शà¥à¤¯à¤¾à¤® सिंह यादव
, जी वी à¤à¤² नरसिमà¥à¤¹à¤¾ राव सहित रकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ और उसके अंतरà¥à¤—त आने वाले
सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• उपकà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के वरिषà¥à¤ अधिकारीगण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।
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