समाचार ब्यूरो
14/01/2022  :  10:59 HH:MM
अपनी सोलर आयरनिंग कार्ट से दुनिया को प्रेरित करने वाली एक नवप्रवर्तक छात्रा इस समय चल रही 16वीं आधिकारिक क्वीन्स बैटन रिले के लिए भारत की बैटन बियरर है
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पर्यावरणविद् बन चुकी तमिलनाडु के तिरुवन्मलाई जिले की एक नवप्रवर्तक छात्रा सुश्री विनीशा उमाशंकर को भारत में कल से चल रही 16वीं आधिकारिक क्वीन्स बैटन रिले (12 - 15 जनवरी 2022) के लिए "परिवर्तनंकारी (चेंजमेकर)" तथा बैटन धारक के रूप में चुना गया है। युवा नवप्रवर्तक और पर्यावरणविद सुश्री विनीशा कई लोगों के लिए एक प्रेरणा रही हैं, और वह एक बैटन-बेयरर के रूप में चुने जाने के लिए एक उपयुक्त पात्र भी हैं ।
16वीं आधिकारिक क्वीन्स बैटन रिले 7 अक्टूबर, 2021 को लंदन के बकिंघम पैलेस में शुरू हुई और 294 दिनों के लिए राष्ट्रमंडल के 72 देशों और क्षेत्रों की यात्रा के बाद बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में 28 जुलाई, 2022 को इसका समापन होगा। इस अवधि के लिए निर्धारित मार्ग में आने वाले 27वें राष्ट्र, भारत में इस बैटन के आगमन के साथ  क्वीन्स बैटन रिले 12 से 15 जनवरी, 2022 तक यह क्वीन्स बैटन रिले भारत में चलती रहेगी।

 

सुश्री विनीशा उमाशंकर ने अपनी उस मोबाइल सोलर आयरनिंग कार्ट के लिए भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त निकाय, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) भारत द्वारा स्थापित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट (आईजीएनआईटीई) पुरस्कार प्राप्त किया, जो अपने भाप चालित आयरन बॉक्स के लिए सौर पैनलों का उपयोग करता हैI ग्लासगो, स्कॉटलैंड में 2021 में जलवायु परिवर्तन पर 26वे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में उनके भाषण के बाद यह नवाचार दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन गया है।

 

सुश्री विनीशा की आज की सफलता संस्थागत समर्थन तंत्र और नवोन्मेषकों के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को दर्शाती है। पुरस्कार प्रदान करने के बाद, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) ने विनीशा के नवाचार के लिए प्रोटोटाइप विकास और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) संरक्षण को आगे बढाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एनआईएफ इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) के साथ साझेदारी में अपने नवाचार के प्रौद्योगिकी तैयारी स्तर (टीआरएल) में सुधार के लिए भी प्रतिबद्ध है ।

 

विनीशा की सोलर आयरनिंग कार्ट का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक स्वागत योग्य बदलाव लाने के लिए इसकी इस्त्री में कोयले की आवश्यकता को समाप्त कर देती है। इसके वास्तविक उपयोगकर्ता (एंड-यूजर्स) अपनी दैनिक कमाई बढ़ाने के लिए इसे लेकर  इधर-उधर जा सकते हैं और घर-घर जा कर अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इस्त्री कार्ट में यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और मोबाइल रिचार्जिंग के साथ एक सिक्का संचालित जीएसएम पीसीओ भी लगाया जा सकता है, जिससे अतिरिक्त आय प्राप्त हो सकती है। कपड़ों पर इस्त्री करने के लिए परम्परागत लोहे की इस्त्री में लकड़ी का कोयला जला कर चल रही लाखों गाड़ियों के लिए यह सौर ऊर्जा से चलने वाला एक सरल विकल्प है और इससे श्रमिकों और उनके परिवारों को लाभ हो सकता है। इस उपकरण को सूरज की रोशनी के न होने की स्थिति में पहले से चार्ज की हुई  (प्री-चार्ज) बैटरी तथा बिजली या डीजल से चलने वाले जनरेटर से भी संचालित किया जा सकता है।

 

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आधारित समाधानों के माध्यम से वैश्विक जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। यह विनीशा जैसे नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी है उनकी वैज्ञानिक सोच, सामाजिक फोकस और संस्थागत समर्थन तंत्र के आधार पर जो देश को एक मजबूत आशा बंधाती हैं कि "कल आज से बेहतर हो सकता है" जैसे कि अभी भारत में एनआईएफ द्वारा प्रदर्शित किया गया है, और सम्भव है कि दुनिया के अन्य हिस्सों में इस नवाचार को दोहराया जाए।







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