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रांची- à¤à¤¾à¤°à¤–ंड विधानसà¤à¤¾ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· रबींदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥
महतो ने राजà¤à¤µà¤¨ पर सवाल उठाया है।
à¤à¤¾à¤°à¤–ंड मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मोरà¥à¤šà¤¾ के à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विशेष
सतà¥à¤° बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° आदिवासियों की पहचान सरना धरà¥à¤® कोड को विधानसà¤à¤¾ से पारित कर राजà¤à¤µà¤¨ को
à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया, लेकिन राजà¤à¤µà¤¨ से बिल को लौटा दिया । 1932
खतियान को विधानसà¤à¤¾ से पारित कर राजà¤à¤µà¤¨ को à¤à¥‡à¤œà¤¾, वो à¤à¥€ लोटा दिया
गया। राजà¤à¤µà¤¨ à¤à¥€ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के इशारे पर काम कर रहा है।बाद में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने à¤à¤¾à¤·à¤£ को
अपने टà¥à¤µà¥€à¤Ÿà¤° हैंडल पर à¤à¥€ डाला।
उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय है कि 11 नवंबर 2000
को à¤à¤¾à¤°à¤–ंड सरकार ने विधानसà¤à¤¾ का विशेष सतà¥à¤° बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° सरना आदिवासी धरà¥à¤® कोड बिल
पारित कराया था। उसे राजà¤à¤µà¤¨ की सहमति लिठबिना केंदà¥à¤° सरकार को à¤à¥‡à¤œ दिया गया।
राजà¤à¤µà¤¨ को सिरà¥à¤« इसकी औपचारिक सूचना दी गयी। अमूमन à¤à¤¸à¤¾ नहीं होता है और इसमें बिल
के पास होने में अड़चनें आती हैं।
इसके बाद जनवरी 2023 में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² रमेश बैस के
दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 1932 के खतियान आधारित सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ नीति के बिल
को राजà¥à¤¯ सरकार को वापस लौटा दिया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤–ंड सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की
परिà¤à¤¾à¤·à¤¾, सामाजिक और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• लाà¤à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तक विसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठविधेयक को वापस à¤à¥‡à¤œà¤¾ था।
विधानसà¤à¤¾ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ महतो ने कहा, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿
मोरचा के आंदोलन में घोषणापतà¥à¤° में यह बात है। हम लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं।
हम नारा लगा चà¥à¤•à¥‡ हैं à¤à¤¾à¤°à¤–ंडी की हो पहचान। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने 1932
के खतियान विशेष सतà¥à¤° बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° राजà¤à¤µà¤¨ को à¤à¥‡à¤œà¤¾à¥¤ राजà¤à¤µà¤¨ ने उस बिल को वापस कर
दिया। राजà¤à¤µà¤¨ किसके इशारे पर चलता है यह पता करना होगा। पिछड़ा वरà¥à¤— के आकà¥à¤·à¤£ को 27
पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कर दिया। यह किसका संकेत है। कौन दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ है कौन दोसà¥à¤¤ है समà¤à¤¨à¤¾ चाहिà¤à¥¤
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