समाचार ब्यूरो
24/06/2023  :  18:30 HH:MM
‘सेमीकंडक्टर क्षेत्र की अमेरिकी कंपनियों के भारत में निवेश के निर्णय से 80 हजार नौकरियों की संभावना’
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नयी दिल्ली- केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन, एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च जैसी वहां की कंपनियों के भारत में निवेश की घोषणाओं पर क्रियान्वयन से भारत में 80,000 तक नौकरियों के अवसर पैदा हो सकते हैं।


श्री चंद्रशेखर यहां बिजनेस टुडे के बी-स्कूल सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “ इन 80,000 नौकरियों में से मेरी राय में, 65,000-75,000 स्पष्ट रूप से वैश्विक मानकों के अनुसार उच्च स्तर की नौकरियां होंगी।”

उन्होंने कहा कि दुनिया सेमीकंडक्टर की खपत और विनिर्माण के मामले में आगे बढ़ रही है, लेकिन विश्व स्तर के साथ-साथ घरेलू स्तर पर सेमीकंडक्टर प्रतिभा की कमी होने वाली है। इस दशक के अंत तक यह कमी और भी गहरा सकती है। उन्होंने कहा कि इस कमी से बचने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान माइक्रोन, लैम रिसर्च और एप्लाइड मैटेरियल्स ने भारत में निवेश की घोषणा की है। सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित इन केवल केवल तीन घोषणाओं में रोजगार के 80,000 नए अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि लैम रिसर्च ने गुरुवार को घोषणा की थी कि भारत सरकार के कौशल विकास पारिस्थितिकी तंत्र के साथ वह दस साल की अवधि में नैनोटेक्नोलॉजी में 60,000 उच्च योग्य भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने जा रही है। वह भारत में सेमीकंडक्टर इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करने का वर्चुअल नैनो फैब्रिकेशन वातावरण प्रदान बनाने में सेमुलेटर3डी के साथ सेमीवर्स का उपयोग करेगी।

इसी तरह मेमोरी चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी माइक्रोन दो चरणों में 82.5 करोड़ डालर का निवेश करने वाली है जिससे सीधे 5,000 और परोक्ष रूप से 15,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसी तरह एप्लाइड मटेरियल्स भारत में एक नए केंद्र में चार वर्षों में 40 करोड़ डॉलर का निवेश करने वाली है। अनुमान है कि इसके परिचालन के पहले पांच वर्षों में पारिस्थितकी तंत्र में दो अरब डालर से अधिक के नियोजित निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा कम से कम 500 नई उन्नत इंजीनियरिंग नौकरियां पैदा होंगी।

मंत्री चंद्रशेखर ने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा, “यदि आप इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग , इलेक्ट्रॉनिक्स या कंप्यूटर विज्ञान या किसी अन्य की डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको निश्चित रूप से उद्योग विशेष से संबंधित विशिष्ट कौशल प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए, मैं लगातार लोगों से कहूंगा कि आप एमबीए करें लेकिन एक प्रमाणन कार्यक्रम भी करें जो आपके व्यापक ज्ञान को किसी विशिष्ट क्षेत्र में काम करने की क्षमता हासिल करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, अमेरिका भर लगभग 2,77,000 लोग चिप-निर्माण उद्योग में - अनुसंधान एवं विकास, डिजाइन, विनिर्माण, परीक्षण आदिकाम के काम करते हैं ।वहां के सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसआईए) का अनुमान है कि अमेरिका में बनाए जा रहे नए फैब में 2027 तक 42,000 नई स्थायी नौकरियाँ तथा 2021 से 2026 तक सालाना औसतन 1,85,000 अस्थायी नौकरियाँ (बिल्डिंग फैब से संबंधित) सृजित होंगी। उन्होंने कहा यूरोपीय संघ हो, जापान हो, चीन हो, दक्षिण कोरिया हो या ताइवान, हर सरकार का लक्ष्य चिप उत्पादन को अपने देश में लाना है। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने भी अपना स्वयं का सिलिकॉन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की यात्रा शुरू कर दी है। इससे देश में इंजीनियरिंग प्रतिभाओं की मांग बढ़ेगी ।

डेलॉइट का अनुमान है कि वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में सीधे तौर पर लगे कार्यबल की संख्या 2021 के 20 लाख से बढ़ कर 30 लाख 2030 तक 30 लाख से अधिक हो जाएगी । इस तरह जिससे इस क्षेत्र में सालाना एक लाख से अधिक भर्तियां होने की उम्मीद है।






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