समाचार ब्यूरो
13/01/2022  :  10:13 HH:MM
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज सभी वैज्ञानिक फेलोशिप, अनुदान और छात्रवृत्ति के लिए एक साझा एकल आवेदन का प्रस्ताव रखा
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केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सभी वैज्ञानिक फेलोशिप, अनुदान और छात्रवृत्ति के लिए एक सामान्य एकल आवेदन का प्रस्ताव दिया है।
विज्ञान मंत्रालयों और विज्ञान विभागों के सभी सचिवों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि फेलोशिप और अनुसंधान अनुदान को सुव्यवस्थित करने से न सिर्फ लागत और समय की बचत होगी, बल्कि सभी छात्रों को एक समान अवसर मिलेगा और छात्रों और विद्वानों के लिए ’ईज ऑफ साइंस एजुकेशन’ हासिल करने अर्थात विज्ञान की शिक्षा बनाने में मदद मिलेगी।

सीएसआईआर के सचिव, स्ट्रीमलाइनिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ शेखर मांडे, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, डॉ एम रविचंद्रन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ एस चंद्रशेखर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ राजेश गोखले और वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।

डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमओएसटी) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के तहत विभिन्न स्तरों (स्कूल/यूजी/पीजी/पीएचडी/पोस्ट-डॉकटोरल/आरए/विदेश से पुनः प्रवेश) पर छात्रों और शोधकर्ताओं को छात्रवृत्ति/ फेलोशिप प्रदान करने वाली कई योजनाएं हैं। उन्होंने कहा, उदाहरण के लिए, सीएसआईआर और डीबीटी, दोनों जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए अलग-अलग परीक्षा आयोजित करते हैं और इसी तरह, डीएसटी, डीबीटी और सीएसआईआर में पोस्टडॉक्टोरल/रिसर्च एसोसिएटशिप और विदेश से पुनः प्रवेश की योजनाएं हैं। हालांकि, इन सभी विभागों में अलग-अलग विज्ञापन और साक्षात्कार/चयन प्रक्रियाएं होती हैं और इस प्रकार छात्रों/शोधकर्ताओं को अलग-अलग पोर्टलों पर अलग-अलग प्रारूपों में आवेदन करना पड़ता है और कई परीक्षाओं या साक्षात्कारों का सामना करना पड़ता है जिससे छात्रों को कठिनाई होती है। इसमें न सिर्फ छात्रों का समय जाता है, बल्कि फंडिंग एजेंसियों को अनुदान के वितरण के लिए चयन की प्रक्रिया में काफी समय लगता है और संसाधन लगाना पड़ता है।






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