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केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ (सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°) विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी, राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ (सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°) पृथà¥à¤µà¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, कारà¥à¤®à¤¿à¤•, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणॠऊरà¥à¤œà¤¾ तथा अंतरिकà¥à¤· राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ डॉ जितेंदà¥à¤° सिंह ने सà¤à¥€ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• फेलोशिप, अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ और छातà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¤• सामानà¥à¤¯ à¤à¤•à¤² आवेदन का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ दिया है। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विà¤à¤¾à¤—ों के सà¤à¥€ सचिवों की à¤à¤• उचà¥à¤š सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ बैठक की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ डॉ जितेंदà¥à¤° सिंह ने कहा कि फेलोशिप और अनà¥à¤¸à¤‚धान अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ को सà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ करने से न सिरà¥à¤« लागत और समय की बचत होगी, बलà¥à¤•à¤¿ सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¤• समान अवसर मिलेगा और छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ और विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठ’ईज ऑफ साइंस à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨â€™ हासिल करने अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की शिकà¥à¤·à¤¾ बनाने में मदद मिलेगी।
सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° के सचिव, सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤®à¤²à¤¾à¤‡à¤¨à¤¿à¤‚ग कमेटी के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· डॉ शेखर मांडे, पृथà¥à¤µà¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के सचिव, डॉ à¤à¤® रविचंदà¥à¤°à¤¨, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी विà¤à¤¾à¤— के सचिव डॉ à¤à¤¸ चंदà¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र, जैव पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी विà¤à¤¾à¤— के सचिव डॉ राजेश गोखले और वरिषà¥à¤ अधिकारियों ने बैठक में हिसà¥à¤¸à¤¾ लिया।
डॉ जितेंदà¥à¤° सिंह ने बताया कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ (à¤à¤®à¤“à¤à¤¸à¤Ÿà¥€) और पृथà¥à¤µà¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ (à¤à¤®à¤“ईà¤à¤¸) के तहत विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ (सà¥à¤•à¥‚ल/यूजी/पीजी/पीà¤à¤šà¤¡à¥€/पोसà¥à¤Ÿ-डॉकटोरल/आरà¤/विदेश से पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶) पर छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ और शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को छातà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿/ फेलोशिप पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाली कई योजनाà¤à¤‚ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, उदाहरण के लिà¤, सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° और डीबीटी, दोनों जूनियर रिसरà¥à¤š फेलोशिप (जेआरà¤à¤«) के लिठअलग-अलग परीकà¥à¤·à¤¾ आयोजित करते हैं और इसी तरह, डीà¤à¤¸à¤Ÿà¥€, डीबीटी और सीà¤à¤¸à¤†à¤ˆà¤†à¤° में पोसà¥à¤Ÿà¤¡à¥‰à¤•à¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤²/रिसरà¥à¤š à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤Ÿà¤¶à¤¿à¤ª और विदेश से पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की योजनाà¤à¤‚ हैं। हालांकि, इन सà¤à¥€ विà¤à¤¾à¤—ों में अलग-अलग विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ और साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤°/चयन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ होती हैं और इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° छातà¥à¤°à¥‹à¤‚/शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को अलग-अलग पोरà¥à¤Ÿà¤²à¥‹à¤‚ पर अलग-अलग पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚पों में आवेदन करना पड़ता है और कई परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं या साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ता है जिससे छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को कठिनाई होती है। इसमें न सिरà¥à¤« छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का समय जाता है, बलà¥à¤•à¤¿ फंडिंग à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों को अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ के वितरण के लिठचयन की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में काफी समय लगता है और संसाधन लगाना पड़ता है।
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