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1863 को कोलकाता में जनà¥à¤®à¥‡ नरेंदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद के नाम से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤.11सितमà¥à¤¬à¤°,1893 में शिकागो(अमरीका)की धरà¥à¤® संसद में उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठà¤à¤¾à¤·à¤£ ने पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤• सकारातà¥à¤®à¤• रचनातà¥à¤®à¤• और सृजनातà¥à¤®à¤• छवि पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की थी‌।पेश है,उनके पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤·à¤£ का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंश- अमेरिका के बहनो और à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹, आपके इस सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤ªà¥‚रà¥à¤£ और जोरदार सà¥à¤µà¤¾à¤—त से मेरा हृदय अपार हरà¥à¤· से à¤à¤° गया है। मैं आपको दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संत परंपरा की तरफ से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देता हूं। मैं आपको सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ की जननी की तरफ से धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देता हूं और सà¤à¥€ जाति, संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के लाखों, करोड़ों हिंदà¥à¤“ं की तरफ से आपका आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करता हूं। मेरा धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ कà¥à¤› उन वकà¥à¤¤à¤¾à¤“ं को à¤à¥€ जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस मंच से यह कहा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सहनशीलता का विचार सà¥à¤¦à¥‚र पूरब के देशों से फैला है। मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है कि मैं à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤® से हूं, जिसने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को सहनशीलता और सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पाठपढ़ाया है। हम सिरà¥à¤« सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• सहनशीलता में ही विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं रखते, बलà¥à¤•à¤¿ हम विशà¥à¤µ के सà¤à¥€ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ को सतà¥à¤¯ के रूप में सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करते हैं। मà¥à¤à¥‡ गरà¥à¤µ है कि मैं à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ देश से हूं, जिसने इस धरती के सà¤à¥€ देशों और धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के परेशान और सताठगठलोगों को शरण दी है। मà¥à¤à¥‡ यह बताते हà¥à¤ गरà¥à¤µ हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इजरायलियों की पवितà¥à¤° सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ संजोकर रखी हैं, जिनके धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था और तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में शरण ली थी। मà¥à¤à¥‡ इस बात का गरà¥à¤µ है कि मैं à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ धरà¥à¤® से हूं, जिसने महान पारसी धरà¥à¤® के लोगों को शरण दी और अà¤à¥€ à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाल-पोस रहा है। à¤à¤²à¤¾ हम à¤à¤—वान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उसे अपने दिल और हर à¤à¤• जीवित पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ में नहीं देख सकते. विवेकानंद
à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹, मैं आपको à¤à¤• शà¥à¤²à¥‹à¤• की कà¥à¤› पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ चाहूंगा जिसे मैंने बचपन से सà¥à¤®à¤°à¤£ किया और दोहराया है और जो रोज करोड़ों लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हर दिन दोहराया जाता है: जिस तरह अलग-अलग सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ से निकली विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ नदियां अंत में समà¥à¤¦ में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपनी इचà¥à¤›à¤¾ के अनà¥à¤°à¥‚प अलग-अलग मारà¥à¤— चà¥à¤¨à¤¤à¤¾ है। वे देखने में à¤à¤²à¥‡ ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सà¤à¥€ à¤à¤—वान तक ही जाते हैं। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ जो कि आज तक की सबसे पवितà¥à¤° सà¤à¤¾à¤“ं में से है, गीता में बताठगठइस सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है: जो à¤à¥€ मà¥à¤ तक आता है, चाहे वह कैसा à¤à¥€ हो, मैं उस तक पहà¥à¤‚चता हूं। लोग चाहे कोई à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¤¾ चà¥à¤¨à¥‡à¤‚, आखिर में मà¥à¤ तक ही पहà¥à¤‚चते हैं।
सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤à¤‚, कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾à¤à¤‚ और इसके à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• वंशज हठधमिरà¥à¤¤à¤¾ लंबे समय से पृथà¥à¤µà¥€ को अपने शिकंजों में जकड़े हà¥à¤ हैं। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पृथà¥à¤µà¥€ को हिंसा से à¤à¤° दिया है। कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हà¥à¤ˆ है। कितनी ही सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का विनाश हà¥à¤† है और न जाने कितने देश नषà¥à¤Ÿ हà¥à¤ हैं।
अगर ये à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• राकà¥à¤·à¤¸ नहीं होते तो आज मानव समाज कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उनà¥à¤¨à¤¤ होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चà¥à¤•à¤¾ है। मà¥à¤à¥‡ पूरी उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है कि आज इस समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का शंखनाद सà¤à¥€ हठधरà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾à¤“ं, हर तरह के कà¥à¤²à¥‡à¤¶, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच की दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का विनाश करेगा।
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