समाचार ब्यूरो
13/06/2023  :  20: 15 HH:MM
खिलाड़ी फैसला करें,आईपीएल जरूरी या डब्ल्यूटीसी: शास्त्री
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मुबंई - विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में भारत को मिली करारी हार के बाद दिग्गज क्रिकेटरों के बीच छिड़ी बहस के बीच भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि यह खिलाड़ियों पर निर्भर करता है कि वे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे व्यवासयिक टूर्नामेंट को चुनते हैं अथवा डब्ल्यूटीसी सरीखे प्रतिष्ठित मैचों की तैयारी में अपना समय और ऊर्जा खपाते हैं।


क्रिकइंफो के अनुसार शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, “ देखिए ऐसा कभी नहीं होने वाला है कि आपको किसी मैच या सीरीज़ की तैयारी के लिए 20-21 दिन मिले। अंतिम बार ऐसा 2021 के इंग्लैंड दौरे पर हुआ था, जब भारतीय टीम पहले टेस्ट से तीन सप्ताह पहले वहां पहुंच गई थी। इसका भारत को फ़ायदा भी हुआ और वे सीरीज़ में 2-1 से आगे थे। लेकिन यह तभी संभव हो पाया था, जब कोरोना के कारण आईपीएल का दूसरा हाफ़ टल गया था। तभी इतना समय मिल पाया था।”

उन्होंने कहा, “ "हमें यथार्थ में जीना होगा। आपको ये 20 दिन कभी नहीं मिलेंगे और अगर ऐसा होता है तो आपको आईपीएल छोड़ना होगा। यह अब खिलाड़ियों और बीसीसीआई पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई भी इस पर ध्यान देगा। अगर हर बार डब्ल्यूटीसी का फ़ाइनल आईपीएल के एक सप्ताह बाद जून में पड़ता है तो फ़ाइनल में पहुंचने वाले फ़्रैंचाइज़ियों के लिए कुछ शर्ते होनी चाहिए।”

गौरतलब है कि डब्ल्यूटीसी चैंपियनशिप के फाइनल में हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल जैसे मैचों की तैयारियों के लिए आदर्श रूप से कम से कम 20-25 दिन चाहिए होते हैं जबकि आईपीएल के बाद टीम को तैयारी का अवसर नहीं मिला। भारतीय कोच राहुल द्रविड़ ने भी डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल से पहले व्यस्त शेड्यूल का हवाला दिया था और कहा था कि एक कोच के तौर पर वह ऐसी तैयारियों से बिल्कुल भी ख़ुश नहीं हो सकते, लेकिन सच्चाई यही है कि उन्हें इससे अधिक समय मिल भी नहीं सकता है।

उन्होंने कहा था, “ शेड्यूल बहुत टाइट है। जब आप यहां पर तीन सप्ताह पहले आते हो और दो अभ्यास मैच खेलते हो, तब आपकी तैयारी बेहतर होती है। लेकिन यह सुविधा हमारे पास नहीं है। हालांकि यह कोई बहाना या शिक़ायत भी नहीं है। भारतीय घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बेहतरीन कर रहे है, उन्हें बस ढूंढ़ने और सही मौक़ा देने की ज़रूरत है।”

भारत को अगले डब्ल्यूटीसी चक्र की शुरुआत जुलाई में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ से करना है। इस साल अक्तूबर-नवंबर में 50 ओवर के विश्व कप को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन को खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेजमेंट भी करना है। इसका मतलब यह भी है कि वेस्टइंडीज़ दौरे पर कुछ खिलाड़ियों को आराम भी दिया जा सकता है।

शास्त्री का मानना है कि यह सही मौक़ा है जब कुछ युवा खिलाड़ियों को मौक़ा दिया जाए, जो आगे अनुभवी खिलाड़ियों की जगह भी ले सकें। उन्होंने भारतीय टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं से कुछ 'कठिन निर्णय' लेने की भी बात कही।

उन्होंने कहा, “ "थिंक-टैंक और चयनकर्ताओं को भविष्य को देखते हुए योजना बनानी होगी। ऑस्ट्रेलिया ऐसा कई वर्षों से करता आ रहा है। वे सिर्फ़ आज नहीं बल्कि अगले तीन साल की टीम बनाते हैं। वे इसका इंतज़ार नहीं करते कि अचानक से कुछ खिलाड़ी संन्यास लें या ख़राब फ़ॉर्म में आएं और उनके पास कोई विकल्प ही ना रहे। उनकी टीम में युवा और अनुभव का मिश्रण है। वहां के युवा खिलाड़ी, अनुभवी खिलाड़ियों से तेज़ी से सीखते हैं। वहां का टीम प्रबंधन कठिन निर्णय भी लेता है, जिसको कई लोग पसंद नहीं करते, लेकिन वह टीम के हित में होता है। तभी उनकी टीम इतनी मज़बूत है। यही योजना भारत को भी बनानी होगी।”

कप्तान रोहित भी कहीं ना कहीं शास्त्री की बातों से सहमत नज़र आते हैं। उन्होंने फ़ाइनल के बाद पोस्ट मैच कॉन्फ़्रेंस में कहा था, “ हमें कुछ सवालों का जवाब ढूंढ़ना होगा। घरेलू क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें बस ढूंढ़ने, तराशने और सही समय पर सही मौक़ा देने की ज़रूरत है।”






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