समाचार ब्यूरो
12/01/2022  :  10:20 HH:MM
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाजार मूल्य से बहुत कम मूल्य पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से जल शोधन के लिए आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – एआई) संचालित स्टार्ट-अप शुरू किया
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नवीन प्रौद्योगिकी के माध्यम से जल शोधन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पूर्व छात्रों द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस –एआई) संचालित स्टार्ट-अप शुरू किया। इस सुविधा का उद्देश्य बाजार मूल्य से बहुत ही कम मूल्य पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – एआई) संचालित स्टार्ट-अप पहल अन्य स्टार्ट-अप के लिए भी प्रेरक बननी चाहिए ।

भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय - प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) और गुरुग्राम स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पूर्व छात्रों द्वारा गुरुग्राम में स्थापित एक तकनीकी स्टार्ट अप कंपनी मैसर्स स्वजल वाटर प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह कंपनी मलिन (झुग्गी) बस्तियों, गांवों और उच्च उपयोगिता वाले क्षेत्रों के लिए इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स (आईओटी) सक्षम सौर जल शोधन इकाई पर अपनी परियोजना के लिए बहुत ही कम मूल्य पर समाज के विभिन्न वर्गों के लिए विश्वसनीय स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नवीन तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा स्वजल को दी गई वित्तीय सहायता का स्वागत किया और कहा कि उनका मंत्रालय कौशल और प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तियों   वाले संभावित ऐसे छोटे और व्यवहार्य स्टार्ट-अप तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है जिनके  पास  संसाधनों की कमी है। मंत्री महोदय ने स्वजल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक, डॉ. विभा त्रिपाठी को इस तकनीक को बढ़ाने के लिए कहा, ताकि 2024 तक सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के भारत के उस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके जैसा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने परिकल्पित किया था।

 

मंत्री महोदय ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) और जल जीवन मिशन जैसी केंद्र की पहल के अलावा निजी क्षेत्र को भी ऐसे लगभग 14 करोड़ घरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों के साथ बड़े पैमाने पर आगे आना चाहिए जहां अभी तक स्वच्छ पेय जल नहीं पहुंच पाया  है।






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