समाचार ब्यूरो
11/01/2022  :  10:10 HH:MM
समीक्षा बैठक में श्री वैष्णव ने कोविड तैयारी से संबंधित निम्नलिखित पहलुओं की जांच पड़ताल की • रेलवे अस्पताल का बुनियादी ढांचा • बाल चिकित्सा वार्ड में कामकाज • टीकाकरण: रेलवे के कर्मचारी और उनके बच्चों का टीकाकरण और रेलवे के फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज देने का प्रावधान • दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, जिओलाइट स्टॉक और अन्य आवश्यक चिकित्सा सहायता और वेंटिलेटर की कार्यप्रणाली, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक और अन्य उपकरण जो कोविड उपचार में महत्वपूर्ण हैं • ऑक्सीजन संयंत्रों को चालू करना (कुल स्वीकृत ऑक्सीजन संयंत्रों में से 78 पहले ही शुरू हो चुके हैं और 17 चालू होने बाकी हैं) • जागरूकता पैदा करनाः • रेलवे स्टेशनों पर मास्क लगाने, हाथों की सफाई और अन्य एहतियाती उपायों के बारे में बारंबार घोषणाएं करना • रेलवे स्टेशनों पर बिना मास्क के लोगों के प्रवेश को रोकना या उन्हें हतोत्साहित करना • मास्क पहनने और अन्य एहतियाती उपायों को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाना • कोविड की वर्तमान स्थिति के दौरान आपात स्थिति में/के लिए विशेष स्टेशनों के संचालन और/या रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों/प्रवासियों की संख्या में अचानक वृद्धि की समीक्षा करना।
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज राज्य-विशिष्ट अथवा केंद्रशासित प्रदेश-विशिष्ट समस्याओं और आवश्यकताओं के लिए तकनीकी समाधान और विज्ञान आधारित उपचार के लिए केंद्र-राज्य समन्वय का आह्वान किया।

मंत्री महोदय आज नई दिल्ली स्थित पृथ्वी भवन में हाईब्रिड मोड में सभी विज्ञान मंत्रालयों और विज्ञान विभागों की एक उच्च स्तरीय संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजयराघवन, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन सचिव और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर, डॉ. राजेश गोखले सचिव जैव प्रौद्योगिकी विभाग, डॉ. के सिवन, सचिव अंतरिक्ष विभाग एवं  भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) अध्यक्ष डॉ. के सिवन, डॉ. के.एन. व्यास, सचिव परमाणु ऊर्जा विभाग डॉ केएन व्यास, डॉ. शेखर मांडे, सचिव वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) डॉ. शेखर मांडे, हेमंग जानी, सचिव क्षमता निर्माण आयोग  श्री हेमंग जानी तथा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया ।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ अलग-अलग व्यापक अभ्यास किया जा रहा है ताकि उन क्षेत्रों की पहचान की जा सके जहां तकनीकी हस्तक्षेप विभिन्न समस्याओं को हल करने में मदद कर सकते हैं जिससे कि  आम आदमी के जीवन को आसान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए जैसे  à¤œà¤®à¥à¤®à¥‚ और कश्मीर की केंद्र शासित प्रदेश सरकार को उस क्षेत्र में हुई नवीनतम भारी बर्फबारी को हटाने की तकनीक के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी वहीं पुडुचेरी और तमिलनाडु को समुद्र तटों के पुनरुद्धार और उनके नवीनीकरण में सहायता की जा रही है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ अगले सप्ताह से शुरू होने वाली बैठकों की एक ऐसी श्रृंखला की योजना बनाई गई है जिसमें केंद्र-राज्य सहयोग के लिए चिन्हित की गई विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समस्याओं के 'समाधान-आधारित' दृष्टिकोण तथा राज्यों और स्थानीय निकायों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के उपयोग में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय जल्द ही सभी मुख्य सचिवों को राज्य सरकारों द्वारा विशिष्ट प्रस्तावों या आवश्यकताओं के लिए एक प्रोफार्मा के साथ पत्र लिखेगा और सुचारू समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेगा।






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