लखनऊ - समाजवादी पारà¥à¤Ÿà¥€ (सपा)
अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· अखिलेश यादव ने
कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯
जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ (à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾)
सतà¥à¤¤à¤¾ में आने
के बाद सिरà¥à¤«
à¤à¥‚ठे वादे कर
रही है जिससे
समाज का हर
वरà¥à¤— परेशान है।
शà¥à¤°à¥€ यादव ने
शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को जारी
बयान में कहा
कि किसान और
गरीब सà¤à¥€ महंगाई
की मार à¤à¥‡à¤²
रहे हैं। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾
की केनà¥à¤¦à¥à¤° और
राजà¥à¤¯ की डबल
इंजन सरकारें जनता
को सिरà¥à¤« à¤à¥‚ठे
आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ दे रही
है। जनता अब
समठचà¥à¤•à¥€ है
और वह à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾
के बहकावे में
आने वाली नहीं
है। परेशान जनता
अब बस चंद
महीनों के बाद
ही होने वाले
2024 के लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ को सतà¥à¤¤à¤¾
से बाहर करने
का इंतजाम कर
रही है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि
जैसे ही चà¥à¤¨à¤¾à¤µ
समापà¥à¤¤ हà¥à¤ खादà¥à¤¯
सामगà¥à¤°à¥€ लोगों की पहà¥à¤‚च
से बाहर होने
लगी है। अरहर
की दाल 30 रूपये
महंगी हो गई।
बेसन, चीनी, रसोई
गैस के à¤à¥€
दाम बॠगये।
किसान को फसल
की लागत à¤à¥€
नहीं मिल रही
है जबकि खाद,
बीज, कीटनाशक आदि
के दाम बà¥
रहे हैं।
शà¥à¤°à¥€ यादव ने
कहा कि किसान
की तो बहà¥à¤¤
ही दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ है।
खेती-किसानी अब
मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¥‡ का धंधा
नहीं रह गयी
है। हमेशा वह
घाटे में ही
रहती है। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾
सरकार à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€ का
बहाना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करती
है जबकि किसानों
को उसकी फसल
का नà¥à¤¯à¥‚नतम समरà¥à¤¥à¤¨
मूलà¥à¤¯ (à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€) कà¤à¥€ नहीं
मिला है। गेहूं,
धान के कà¥à¤°à¤¯
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ पर किसान
की फसल की
खरीद में तमाम
अड़चने लगाई जाती
है। घटतौली, समय
से à¤à¥à¤—तान न
होने की शिकायतें
आम हैं। कà¥à¤°à¤¯
केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ की अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾
के चलते निराश
किसान अपनी फसल
को बिचौलियों के
हाथ औने-पौने
दाम पर बेचने
को मजबूर हो
जाता है।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के छल-छदà¥à¤® का
हाल इससे बà¥à¤°à¤¾
कà¥à¤¯à¤¾ होगा कि
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ ने अपने
संकलà¥à¤ª पतà¥à¤° के
वादों का à¤à¥€
खà¥à¤¯à¤¾à¤² नहीं किया।
किसानों की आय
2022 तक दà¥à¤—ना करने के
वायदे का कà¥à¤¯à¤¾
हà¥à¤†à¥¤ सरकार के
पास कोई जवाब
नहीं है। गनà¥à¤¨à¤¾
किसानों के à¤à¥à¤—तान
का à¤à¥€ वादा
à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ ने à¤à¥à¤²à¤¾
दिया।