समाचार ब्यूरो
07/01/2022  :  11:40 HH:MM
जॉबकास्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत नियोक्ता नये कर्मचारियों के लिए लिंक्डइन का प्रयोग करते हैं।
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जॉबकास्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत नियोक्ता नये कर्मचारियों के लिए लिंक्डइन का प्रयोग करते हैं। इसी तरह, 66 प्रतिशत नियोक्ता इसके लिए फेसबुक का, और 54 प्रतिशत ट्विटर का उपयोग करते हैं। अगर नौकरी तलाशने वालों की बात की जाये, तो केवल 36 प्रतिशत लोग ही लिंक्डइन पर हैं, 40 प्रतिशत ट्विटर पर, और सबसे ज्यादा 83 प्रतिशत फेसबुक पर मौजूद रहते हैं। लिंक्डइन ने हाल ही में अपनी हिंदी सेवा भी शुरू कर दी है और इसके लिए कंपनी भारत के प्रमुख अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन और रेडियो के माध्यम से भी प्रचार कर रही है। जाहिर है कि लिंक्डइन को अब हिंदी भाषी यूजर्स की तलाश है, क्योंकि दुनिया भर की कंपनियां भारतीय प्रतिभाओं की तलाश में हैं और उन्हें भारत में बहुत संभावनाएं नजर आती हैं।

तकनीक और नयी सोच युवाओं को मजबूती दे सकती है। नौकरी तलाशने के लिए सोशल मीडिया इन दिनों एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। अनुमान है कि 80 फीसदी से अधिक नियोक्ता नये कर्मचारियों की तलाश सोशल मीडिया पर करते हैं। जॉबकास्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 93 प्रतिशत नियोक्ता नये कर्मचारियों के लिए लिंक्डइन का प्रयोग करते हैं। इसी तरह, 66 प्रतिशत नियोक्ता इसके लिए फेसबुक का, और 54 प्रतिशत ट्विटर का उपयोग करते हैं। अगर नौकरी तलाशने वालों की बात की जाये, तो केवल 36 प्रतिशत लोग ही लिंक्डइन पर हैं, 40 प्रतिशत ट्विटर पर, और सबसे ज्यादा 83 प्रतिशत फेसबुक पर मौजूद रहते हैं। लिंक्डइन ने हाल ही में अपनी हिंदी सेवा भी शुरू कर दी है और इसके लिए कंपनी भारत के प्रमुख अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन और रेडियो के माध्यम से भी प्रचार कर रही है। जाहिर है कि लिंक्डइन को अब हिंदी भाषी यूजर्स की तलाश है, क्योंकि दुनिया भर की कंपनियां भारतीय प्रतिभाओं की तलाश में हैं और उन्हें भारत में बहुत संभावनाएं नजर आती हैं।

 

सोशल मीडिया के जरिए ऐसे लोगों को आसानी से जॉब मिलता है, जिनका प्रोफाइल अच्छा है, साथ ही जिनके नाम को कई लोगों ने रेफर भी किया हो। इससे यह भी साफ होता है कि जॉब की तलाश करने वालों को अपने सोशल मीडिया पर इमेज खराब करने वाली और फालतू की चीजें पोस्ट नहीं करनी चाहिए। समझदारी से और इमेज अच्छी करने वाली सामग्री पोस्ट करने से बात बन सकती है। इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति का कहना है कि सभी क्षेत्रों में ढेरों अवसर मौजूद हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल, बीमा, हाउसिंग, पर्यटन, होटल, पौष्टिक भोजन, यानी हर सेक्टर में अवसरों की भरमार है। सभी क्षेत्रों में अवसर हैं। वह कहते हैं कि सरकार की जिम्मेदारी नौकरी देना नहीं है, बल्कि ऐसा वातावरण प्रदान करना है जहां नौकरियां पैदा करने वालों को बढ़ावा मिले। सरकारी मशीनरी को किसी नये उद्यम में तब तक दखल नहीं देना चाहिए, जब तक वह सालाना 50 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल न कर ले।






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