à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषद-गनà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (आईसीà¤à¤†à¤°-à¤à¤¸à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ), कोयंबटूर ने अनामलाई बाघ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ (à¤à¤Ÿà¥€à¤†à¤°) के सहयोग से "आदिवासियों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£" पर à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाया और 5 जनवरी 2022 को अनामलाई टाइगर रिजरà¥à¤µ (à¤à¤Ÿà¥€à¤†à¤°) के अटà¥à¤Ÿà¤¾à¤—टà¥à¤Ÿà¥€ में अपनी अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति घटक(à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€) परियोजना शà¥à¤°à¥‚ की।
अनामलाई बाघ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ में à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ परियोजना को लागू करने के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कृषि अनà¥à¤¸à¤‚धान परिषद-गनà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के निरà¥à¤£à¤¯ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤ à¤à¤Ÿà¥€à¤†à¤° के उप-निदेशक शà¥à¤°à¥€ à¤à¤®à¤œà¥€ गणेशन ने अपने उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤£ में कहा कि संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ने इस बाघ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ में à¤à¤¸à¥‡ आदिवासियों के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª की पहचान करने में अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• सावधानी बरती है जो बहà¥à¤¤ दूरसà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ लगà¤à¤— दà¥à¤°à¥à¤—म बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में रहते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अनà¥à¤¯ बाघ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के विपरीत, अनामलाई टाइगर रिजरà¥à¤µ में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ लोगों के विविध समूह हैं।
à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ हाथियों को संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के अपने गहन जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और कौशल के साथ हाथियों को पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करने में वन विà¤à¤¾à¤— की बहà¥à¤¤ मदद करने वाली 'मालासर' जनजातियों का उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤,उप निदेशक ने कहा कि आदिवासियों को बचाना वनों का संरकà¥à¤·à¤£ करने के समान है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस अवसर पर à¤à¤¾à¤•à¥ƒà¤…नà¥à¤ª-गनà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं का à¤à¥€ विमोचन किया।
आदिवासियों के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¥‹à¤‚ की पहचान करने में आईसीà¤à¤†à¤°-à¤à¤¸à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ टीम के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को रेखांकित करते हà¥à¤, गनà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से डॉ जी. हेमापà¥à¤°à¤à¤¾ ने अपने अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤£ में उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया कि जनजातीय आबादी में साकà¥à¤·à¤°à¤¤à¤¾ दर सामानà¥à¤¯ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बहà¥à¤¤ कम है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आदिवासियों, महिलाओं और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विशेष रूप से इस बात की जानकारी होनी चाहिठकि शिकà¥à¤·à¤¾ न केवल उनके आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास और समृदà¥à¤§à¤¿ के लिठबलà¥à¤•à¤¿ उनकी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ के लिठà¤à¥€ जरूरी है।
यह उलà¥à¤²à¥‡à¤– करते हà¥à¤ कि 'à¤à¤¾à¤·à¤£ से अधिक कारà¥à¤¯ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है', डॉ हेमापà¥à¤°à¤à¤¾ ने कहा कि आदिवासी लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को इस उदà¥à¤¯à¤® में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से à¤à¤¾à¤— लेने और à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ परियोजना का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ ढंग से उपयोग करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को आदिवासियों के सहयोग से अगले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में अनà¥à¤¨à¤¾à¤®à¤²à¤¾à¤ˆ बाघ अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ की आदिवासी बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में आईसीà¤à¤†à¤°-à¤à¤¸à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठतकनीकी हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª से सकारातà¥à¤®à¤• परिणाम मिलने की आशा है।
अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति घटक के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और नोडल अधिकारी डॉ. डी. पà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª ने अपने परिचयातà¥à¤®à¤• à¤à¤¾à¤·à¤£ में उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया कि यह परियोजना पहली बार à¤à¤Ÿà¥€à¤†à¤° में लागू की जा रही है। à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ को लागू करने के लिठसंसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठहसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¥‹à¤‚ को दो जनजातियों जैसे कि 'मालासर' और 'मलाई मालासर' ,के बीच फोकस समूहों के संचालन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन के आधार पर अंतिम रूप दिया गया था, जो नागारूथॠ-1, नागारूथॠ-2, पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सरकारपति, चिनà¥à¤¨à¤¾à¤°à¤ªà¤¤à¤¿, कूमाटà¥à¤Ÿà¥€ और पालकीनारू की आदिवासी बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से संबंधित हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि 47 लाख से अधिक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आदिवासी बचà¥à¤šà¥‡ लगातार पोषण की कमी से पीड़ित हैं, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इन बसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में आदिवासी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को पोषण उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने और बनाठरखने के लिठशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जाà¤à¤—ा और इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के दौरान 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨' पर किचन गारà¥à¤¡à¤¨ बीज किट वितरित किठजाà¤à¤‚गे। आदिवासियों का सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£' रेडियो सेट के वितरण के साथ-साथ आदिवासियों को उन रेडियो कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की जानकारी दी जा रही है जो उनके जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ में सहायता कर सकते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आईसीà¤à¤†à¤°-à¤à¤¸à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ गांवों में आदिवासी लोगों को कृषि उपकरण, घरेलू सामान और पौधे à¤à¥€ वितरित कर रहा है।
इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में à¤à¤¾à¤•à¥ƒà¤…नà¥à¤ª-गनà¥à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की à¤à¤¸à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ टीम, आदिवासी गà¥à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ और तमिलनाडॠवन विà¤à¤¾à¤—, तमिलनाडॠकृषि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ और आकाशवाणी के अधिकारियों ने à¤à¤¾à¤— लिया।