|
इंदिरा गांधी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उड़ान अकादमी (आईजीआरयूà¤) की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ साल 1986 में फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤—ंज हवाई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में की गई थी। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में यह उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के अमेठी जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है।
आईजीआरयूà¤, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¤à¥à¤¤ निकाय है और नागरिक उडà¥à¤¡à¤¯à¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ के सचिव की पदेन अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ वाली à¤à¤• शासकीय परिषद इसका कामकाज देखती है। अपनी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के अनà¥à¤°à¥‚प आईजीआरयूठने अपार उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿, अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचे के जरिठपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µ के दरà¥à¤¶à¤¨ का अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ किया है। आईजीआरयूठà¤à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ वातावरण पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है, जो देश के किसी à¤à¥€ अनà¥à¤¯ उड़ान पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से बेहतर है। बेड़ा, रखरखाव, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ मानकों, जमीनी पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£, उड़ान पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£, हवाई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° व पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ सहायता, पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ और अंतिम लेकिन कम से कम खà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¥à¤“ं से संबंधित मामलों में इसकी कोई बराबरी नहीं है। पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¥à¤“ं के चयन के लिठसाइकोमोटर (मनोपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾) कौशल को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ करने के लिठà¤à¤• विशेष सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° की सहायता से à¤à¤• अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ परीकà¥à¤·à¤¾- वोमबेट योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ जांच आयोजित की जाती है और अंत में à¤à¤• साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° लिया जाता है। अपने उचà¥à¤š वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• मानकों के साथ आईजीआरयूठनागरिक उडà¥à¤¡à¤¯à¤¨ का आईआईटी होने का दावा कर सकती है। यही वजह है कि पायलट बनने की चाहत रखने वालों के लिठआईजीआरयूठपहली पसंद है। महामारी के चलते विमानन उदà¥à¤¯à¥‹à¤— में मंदी के बाद संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ तेजी के लिठतैयारियों के जरिठऔर केंदà¥à¤° सरकार के आतà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ पहल को बढ़ावा देने के लिठआईजीआरयूठने विमानन उदà¥à¤¯à¥‹à¤— की जरूरतों को पूरा करने के लिठसà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ को देखते हà¥à¤ उड़ान की संखà¥à¤¯à¤¾ बढ़ाने के लिठसà¤à¥€ संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठहैं। साल 2021 के दौरान आईजीआरयूठने 19,000 उड़ान घंटे का कीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ बनाया। इससे पहले, पिछले पांच वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के दौरान औसतन उड़ान परिणाम 15,000 घंटा पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· था। वहीं, 2020 में यह 11,641 घंटा था। कोविड-19 महामारी के निरंतर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ और ताउते चकà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¤ के चलते खराब मौसम की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के बावजूद आईजीआरयूठने 2021 में 19,000 घंटे की इस उपलबà¥à¤§à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। इस अवधि के दौरान, 66 कैडेटों ने पिछले वरà¥à¤· के दौरान 43 की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• किया है। इस दौरान 66 कैडेटों ने सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• की उपाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। पिछले साल (2020) यह आंकड़ा 43 था। यह उपलबà¥à¤§à¤¿ तब और अधिक विशिषà¥à¤Ÿ हो जाती है, जब यह पिछले कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के दौरान 24 की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में 18 विमानों की कम बेड़े की शकà¥à¤¤à¤¿ के साथ इसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जाता है। आईजीआरयूठने पहले ही 2021 में रिकॉरà¥à¤¡ 121 कैडेटों को शामिल करके और 2022 में बेड़े की शकà¥à¤¤à¤¿ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° करने के साथ 2022 में 25000 उड़ान घंटे के लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की नींव रख दी है।
आईजीआरयूठके पास अविशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ढांचा है। यहां à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ सà¥à¤¤à¤° से à¤à¤• आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€ वाणिजà¥à¤¯à¤¿à¤• पायलट में à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ होने के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¯à¤°à¤«à¥€à¤²à¥à¤¡ व à¤à¤¯à¤°à¤¸à¥à¤ªà¥‡à¤¸, 6080 फीट का रनवे, समांतर टैकà¥à¤¸à¥€ टà¥à¤°à¥ˆà¤•, à¤à¤ªà¥à¤°à¤¨, नेविगेशन व लैंडिंग सहायता, हैंगर, à¤à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ व अगà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¤®à¤¨, विमानन ईंधन सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨, 300 कैडेटों के रहने की जगह व बोरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग के लिठछातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸/à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯, आवासीय परिसर, खेल सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚, ऑडिटोरियम और अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ उपलबà¥à¤§ हैं। यहां से पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ पायलट किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– व विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨à¥à¤¸ में शामिल होने के लिठपातà¥à¤° है। परंपरागत तौर पर, आईजीआरयूठशà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ से फिकà¥à¤¸à¥à¤¡ विंग विमान पर सीपीà¤à¤² पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, सीपीà¤à¤² कैडेटों के लिठबीà¤à¤¸à¤¸à¥€ (विमानन) में तीन वरà¥à¤· सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, डीठ42 विमान पर सीआरà¤à¤® और मलà¥à¤Ÿà¥€ कà¥à¤°à¥‚ कनà¥à¤µà¤°à¥à¤œà¤¨ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, सीà¤à¤«à¤†à¤ˆà¤à¤¸/à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤à¤¸/à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤à¤¸ के लिठरिफà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, सीपीà¤à¤² के नवीनीकरण के लिठकौशल परीकà¥à¤·à¤£ और वैमानिकी व वायà¥-यान रखरखाव इंजीनियरिंग में डिपà¥à¤²à¥‹à¤®à¤¾ करने वाले छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को नौकरी वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ का संचालन करता थी। शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ से आईजीआरयूठने देश में 1450 सबसे निपà¥à¤£ और कà¥à¤¶à¤² विमान चालकों को तैयार किया है और अà¤à¥€ à¤à¥€ यह काम लगातार कर रही है। पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ मानकों के कारण आईजीआरयूठके सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ और विदेशों के विमानन दिगà¥à¤—जों की पसंद में शामिल हैं। वैमानिकी को बढ़ावा देने और विकसित करने के अपने पà¥à¤°à¤®à¥à¤– उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ को समà¤à¤¤à¥‡ हà¥à¤ आईजीआरयूठने विमानन के कई अनà¥à¤¯ पहलों में खà¥à¤¦ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° किया है। इनमें सूकà¥à¤·à¥à¤® व लघॠशà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के डà¥à¤°à¥‹à¤¨ पर पेशेवर आरपीà¤à¤à¤¸ पायलट बनने के लिठडà¥à¤°à¥‹à¤¨ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, डà¥à¤°à¥‹à¤¨ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ के लिठ'पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤• को पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ करें' पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ दकà¥à¤·à¤¤à¤¾ (ईà¤à¤²à¤ªà¥€) पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® शामिल हैं। इसके अलावा यह विमान रखरखाव इंजीनियरिंग (à¤à¤à¤®à¤ˆ) पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को शà¥à¤°à¥‚ करके और पीपीà¤à¤²/सीपीà¤à¤² व à¤à¤Ÿà¥€à¤ªà¥€à¤à¤² के लिठडीजीसीठकी परीकà¥à¤·à¤¾ को लेकर छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को तैयार करने के लिठजमीनी पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करके अपने पोरà¥à¤Ÿà¤«à¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¥‹ का और अधिक विसà¥à¤¤à¤¾à¤° कर रही है।
|