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पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी ने महाराजा बीर बिकà¥à¤°à¤® (à¤à¤®à¤¬à¥€à¤¬à¥€) हवाई अडà¥à¤¡à¥‡ के नठà¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² à¤à¤µà¤¨ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ किया और मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¤¾à¤® समृदà¥à¤§à¤¿ योजना à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤¯à¤¾à¤œà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ मिशन 100 जैसी पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पहलों का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकिया। तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² सतà¥à¤¯à¤¦à¥‡à¤µ नारायण आरà¥à¤¯, तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ बिपà¥à¤²à¤¬ कà¥à¤®à¤¾à¤° देब, केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ नागरिक उडà¥à¤¡à¤¯à¤¨ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया और शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ à¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• इस अवसर पर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। शà¥à¤°à¥€ सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज नठअतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤• टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² के उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ के साथ ही तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ के गौरवशाली इतिहास में à¤à¤• नया अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ जà¥à¤¡à¤¼ गया है। à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के विजन और दृढ़संकलà¥à¤ª का à¤à¤• उतà¥â€à¤•à¥ƒà¤·à¥â€à¤Ÿ उदाहरण है। इससे तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ और पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में विकास के नठदà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¥‡à¤‚गे।’
10,000 वरà¥à¤— मीटर से अधिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैला अगरतला का हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ अब 30,000 वरà¥à¤— मीटर के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बनाया गया है जो तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ की सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत को दरà¥à¤¶à¤¾à¤à¤—ा। महाराजा बीर बिकà¥à¤°à¤® हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ अब à¤à¤• साल में 13 लाख के बजाय हर साल 30 लाख यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सेवाà¤à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने में सकà¥à¤·à¤® होगा। केंदà¥à¤° सरकार की ‘कृषि उड़ान 2.0’ योजना के तहत नवंबर 2021 में 4500 किलोगà¥à¤°à¤¾à¤® कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ किया गया है, जिसमें तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ के अनानास और कटहल शामिल हैं।
अगरतला हवाई अडà¥à¤¡à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ की राजधानी में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥â€à¤¤à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हवाई अडà¥à¤¡à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। यह 4सी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के विमान संचालन को संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ में सकà¥à¤·à¤® है। इंडिगो, à¤à¤¯à¤° इंडिया, फà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤¬à¤¿à¤— जैसे ऑपरेटर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में हर सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ 230 उड़ानें संचालित कर रहे हैं, जो कोलकाता, डिबà¥à¤°à¥‚गढ़, गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥€, इमà¥à¤«à¤¾à¤², शिलांग, लेंगपà¥à¤ˆ, बेंगलà¥à¤°à¥‚ और दिलà¥à¤²à¥€ को जोड़ती हैं।
उपलबà¥à¤§ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚:
रनवे (18/36) का आयाम – 2286 मीटर x 45 मीटर à¤à¤• बार में सी टाइप के 4 à¤-321 और à¤à¤Ÿà¥€à¤†à¤°-72 टाइप का 1 विमान पारà¥à¤• करने के लिठà¤à¤ªà¥à¤°à¤¨à¥¤ à¤à¤• बार में 500 पैकà¥à¤¸ यानी यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ (250 आगमन + 250 पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨) को संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के लिठटरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² à¤à¤µà¤¨ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² 10725 वरà¥à¤— मीटर है। 1.3 मिलियन यातà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· (à¤à¤®à¤ªà¥€à¤ªà¥€à¤) की वारà¥à¤·à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¥¤ इंसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‚मेंट लैंडिंग सिसà¥à¤Ÿà¤® (आईà¤à¤²à¤à¤¸), डॉपलर वेरी हाई फ़à¥à¤°à¥€à¤•à¥à¤µà¥‡à¤‚सी ओमनी रेंज (डीवीओआर) जैसे नौवहन/संचार सहायक उपकरण उपलबà¥à¤§ हैं। कैट-VII का à¤à¤Ÿà¥€à¤¸à¥€ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² टॉवर सह तकनीकी बà¥à¤²à¥‰à¤• और अगà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¤®à¤¨ केंदà¥à¤°à¥¤ रात में à¤à¥€ विमान उतारने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚। नवीकरणीय ऊरà¥à¤œà¤¾ के लिठ2 मेगावाट के सौर पैनल। 30,000 वरà¥à¤—मीटर के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² और 1200 पीक आवर पैसेंजर (पीà¤à¤šà¤ªà¥€) की संचालन कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ वाला नया à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² à¤à¤µà¤¨ पूरा हो गया है जहां 3 à¤à¤®à¤ªà¥€à¤ªà¥€à¤ की वारà¥à¤·à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ और à¤-321 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के विमानों के लिठ6 अतिरिकà¥à¤¤ पारà¥à¤•à¤¿à¤‚ग बे के लिठà¤à¤ªà¥à¤°à¤¨ है। नठटरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² à¤à¤µà¤¨ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ 450 करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (जीà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ को छोड़कर) की लागत से किया गया है। .
विरासत: सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•/ वासà¥à¤¤à¥à¤•à¤²à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾
à¤. इस à¤à¤µà¤¨ का गतिशील और पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सà¥â€à¤µà¤°à¥‚प तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ राजà¥à¤¯ के पहाड़ी इलाके से लिया गया है। .
बी. टरà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤² à¤à¤µà¤¨ के अगà¥à¤°à¤à¤¾à¤— में à¤à¤• पà¥à¤·à¥à¤ª जाली पैटरà¥à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से बांस वासà¥à¤¤à¥à¤•à¤²à¤¾ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है जो इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के वनों और हरियाली को चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
सी. उनाकोटी पहाड़ियों की सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ जनजातीय पाषाण मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ बांस हसà¥à¤¤à¤¶à¤¿à¤²à¥à¤ª का वà¥â€à¤¯à¤¾à¤ªà¤• उपयोग अंदरूनी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में किया गया है।
डी. इस à¤à¤µà¤¨ के अंदरूनी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में कलाकृतियों और मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और वासà¥à¤¤à¥à¤•à¤²à¤¾ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है।
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