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कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी यà¥à¤µà¤¾ संगठन (केवाईà¤à¤¸) ने आज केंदà¥à¤° सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के थोपे जाने के खिलाफ आरà¥à¤Ÿà¥à¤¸ फैकलà¥à¤Ÿà¥€ पर नॉरà¥à¤¥ ईसà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¨ फोरम फॉर इंटरनेशनल सोलीडेरिटी (नेफिस) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ में à¤à¤¾à¤— लिया। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो कि संसदीय राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ समिति की 37वीं बैठक में केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ ने घोषित किया कि हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को संवाद की à¤à¤¾à¤·à¤¾ के तौर पर अà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर लाया जाना चाहिà¤à¥¤ अमित शाह के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° के राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने दसवीं ककà¥à¤·à¤¾ तक हिंदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को अनिवारà¥à¤¯ करने का निरà¥à¤£à¤¯ लिया है। यह कथन बेहद निंदनीय है और इससे साफ तौर पर हिंदी कटà¥à¤Ÿà¤°à¤µà¤¾à¤¦ को बढ़ावा दिया जा रहा है।
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिंदी थोपने की यह कोशिश साफ करती है की वह हिंदी को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बोली जा रही और संविधान की 8वें अनà¥à¤¸à¥‚ची में मानà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जरूरी समà¤à¤¤à¥€ है। à¤à¤¸à¥‡ कथनों से केवल सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• अतिवाद को बढ़ावा दिया जाता है। यह खेदजनक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के लंबे समय से चले आ रहे पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ और हाशियाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ की विशिषà¥à¤Ÿ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पहचान और गरिमा को बनाठरखने में उदासीनता का परिणाम है। à¤à¤• अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ राजà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और à¤à¤¾à¤·à¤¾ को à¤à¤• अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ विजेता के रूप में सीमांत समूहों/समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ पर थोपने के रवैये का खेदजनक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ यह है कि कई सारे समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚/सीमांत समूहों की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं को उचित मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ नहीं दी जाती है।
केवाईà¤à¤¸ इस बयान की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि यह बयान और हिंदी को थोपने का निरà¥à¤£à¤¯ दोनों को तà¥à¤°à¤‚त वापस लिया जाना चाहिà¤à¥¤ केवाईà¤à¤¸ यह à¤à¥€ मांग करता है कि केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ को इस जनविरोधी बयान के लिठसारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• माफी मांगनी चाहिà¤à¥¤
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