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जाजमऊ के यू.पी.कमà¥à¤ªà¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡ में तरावीह में कà¥à¤°à¤†à¤¨ मà¥à¤•à¤®à¥à¤®à¤² होने पर मौलाना अमीनà¥à¤² हक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ क़ासमी का खिताब अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की रहमत का दरवाज़ा बहà¥à¤¤ बड़ा है, उसका हम संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं कर सकते। हमसे जितने à¤à¥€ गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ हो जायें, अगर सचà¥à¤šà¥‡ दिल से ग़लती का à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤« करके माफी मांगें तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ पाक माफ फरमा देंगे। शैतान बार-बार दिल में यह बात डालता है कि तà¥à¤® बहà¥à¤¤ गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार हो, तà¥à¤® तौबा ना करो, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ तौबा कà¥à¤¬à¥‚ल नहीं होगी, हमें चाहिये कि अगर कोइ गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ हो जाये तो फौरन तौबा करें, फिर से गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ हो जाये तो दोबारा तौबा करें। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤¸à¤¾ होता है कि à¤à¤• ग़लती तो लोग माफ कर देते हैं लेकिन अगर फिर वही ग़लती हो तो मज़ाक बना दिया जाता है, लेकिन अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ का दरबार वह है कि सौ बार à¤à¥€ हमसे गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ हो जायें और सौ बार अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ के दरबार में जायें और दो आंसू बहा लें तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ तआला हमें हर बार माफ करने के लिये तैयार हैं। à¤à¤¸à¤¾ करने पर कोई ताना नहीं मिलेगा, बलà¥à¤•à¤¿ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ हमसे खà¥à¤¶ और राज़ी हो जायेंगे। इन विचारों को जमीअत उलमा उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मौलाना अमीनà¥à¤² हक़ अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ क़ासमी ने जाजमऊ के यू.पी. कमà¥à¤ªà¤¾à¤‰à¤£à¥à¤¡ में हो रही तरावीह में कà¥à¤°à¤†à¤¨ मà¥à¤•à¤®à¥à¤®à¤² होने के अवसर पर आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में खिताब करते हà¥à¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। मौलाना ने हज़रत हसन बसरी रह0 और क़ाज़ी फà¥à¤œà¥ˆà¤¼à¤² बिन अयाज़ रह0 समेत अनà¥à¤¯ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ां व नेक बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की की ज़िंदगी के सचà¥à¤šà¥‡ वाक़ियात की रोशनी में कहा कि अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ अपने बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से सतà¥à¤¤à¤° मां से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ करते हैं, जब गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार बनà¥à¤¦à¤¾ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की तरफ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगाता है तो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ तआला को बहà¥à¤¤ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खà¥à¤¶à¥€ होती है। गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार बनà¥à¤¦à¥‡ के दिल में यह à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ पैदा हो जाये कि मैं गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार हूं, अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को अपने बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का यह à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ बहà¥à¤¤ पसनà¥à¤¦ है। अगर कोई शखà¥à¤¸ जिसके बारे में आम तौर पर मालूम हो कि यह बहà¥à¤¤ गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤—ार इंसान है और फिर वह अगर किसी वजह से नेक कामों की तरफ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ हो तो किसी को यह अधिकार नहीं कि उसको ताना दे या आलोचना करे।
मौलाना ने कहा रमज़ान का यह महीना अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने हमें हमारे गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¤¾à¤‚ से तौबा करने के लिये दिया है। अगर हमने पूरी ज़िंदगी और साल à¤à¤° गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ और ग़फलत में गà¥à¥›à¤¾à¤°à¤¾ है तो ‘‘तौबा’’ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की तरफ से हमारे लिये बहà¥à¤¤ बड़ी नेमत है, हम मरने से पहले इस महीने में अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से अपनी सारी ज़िंदगी के गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ माफ करवा लें, अपने नामाठआमाल में सवाब लिखवाकर उसे दà¥à¤°à¥à¤¸à¥à¤¤ कर लें। इस मà¥à¥˜à¤¦à¥à¤¦à¤¸ महीने में अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की रहमतें और बरकतें सà¥à¤¬à¤¹ व शाम बारिश की तरह नाज़िल हो रही हैं। सेहरी और इफà¥à¤¤à¤¾à¤° के वकà¥à¤¼à¤¤ खास तौर पर अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ अपने बनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की दà¥à¤†à¤¯à¥‡à¤‚ कà¥à¤¬à¥‚ल कर रहे हैं। इस लिये हम सब गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ से तौबा करें, अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से माफी मांगें, आइनà¥à¤¦à¤¾ के लिये नियत करें कि इंशाअलà¥à¤²à¤¾à¤¹ हम हर तरह के गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ से अपने आप को बचायेंगे। अगर हम सचà¥à¤šà¥€ नियत के साथ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से तौबा कर लें , आंसू बहा लें तो हमें यक़ीन है कि हमारा हाल उस बचà¥à¤šà¥‡ की तरह होगा जो अà¤à¥€-अà¤à¥€ पैदा हà¥à¤† हो और उसके नामा ठआमाल में कोई गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ ना लिखा हो।
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