समाचार ब्यूरो
15/04/2022  :  11:57 HH:MM
नफरत के ईंधन से चलते बुलडोज़रों से ध्वस्त होता भारत और विभाजनकारी नीतियों में जीत का मंत्र तलाशती बीजेपी
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इतिहास के जानकारों का विचार है कि इस देश में हिन्दू-मुस्लिम दंगों की शुरुआत अंग्रेजों के समय से हुई, अर्थात लगभग एक हजार वर्षों के मुस्लिम शासन काल में कम-से-कम सांप्रदायिक दंगे नहीं होते थे। अंग्रेजों के शासन की रणनीति ही ‘लड़ाओ और राज करो’ थी। इसलिए वे इस देश के दो प्रमुख समुदायों- हिन्दू और मुसलमान को आपस में लड़वाते रहे और इसी राजनीति पर लगभग सौ वर्षों तक अपना शासन चलाते रहे। सीधी-सी बात है कि दो समुदायों को आपस में लड़वाने की रणनीति केवल सफल ही नहीं बल्कि शासक वर्ग के लिए अत्यंत कारगर रणनीति है। हद यह है कि इस प्रकार फैली आपसी नफरत से प्रभावित आम आदमी गुलामी तक का दुख और पीड़ा भूलकर अंग्रेजों के शासन को सौ वर्षों तक बरदाश्त करता रहा।






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