समाचार ब्यूरो
12/04/2022  :  17:43 HH:MM
शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशनस मुसलमानों के लिए एक नायाब तोहफ़ा
Total View  1288


शिक्षाविद डॉ० अब्दुल क़दीर किसी परिचय के मोहताज नहीं है आपने कर्नाटक के बीदर शहर में शिक्षा का जो अलख जलाया था उसकी रौशनी अब हर तरफ दिखाई दे रही है। आप मेहनती, लगनशील,जज़्बे और ख़ुलूस से भरपूर एक बेदारमग़ज़ व नब्बाज़े वक़्त इंसान हैं । कर्नाटक के बीदर में आपका लगाया हुआ इल्म का यह पौदा देखते ही देखते तनावर दरख़्त हो गया, और उसकी शाखा पूरे हिंदुस्तान में फैल गया। अगर ऐसे फिक्र रखने वाले इस क़ौम में चंद अफ़राद पैदा हो जाएँ तो यक़ीन जानें इस मुल्क से जेहालत का जल्द खात्मा होजाएगा और मुल्क में हर तरफ खुशहाली ही खुशहाली होगी,मुल्क से बदहाली व खस्ताहाली खत्म हो जाएगी। और इस मुल्क की सबसे बदहाल व कमज़ोर अकलियत आबादी भी तालीम पाकर बेहतर तरीके से अपनी ज़िंदगी शान से जीने लगेंगी। डॉ० अब्दुल क़दीर आप “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” के फाउंडर चेयरमैन हैं। आपका नाम मुल्क में तालीमी बेदारी के आइकॉन के तौर पर लिया जाता है, डॉ. अब्दुल क़दीर आप एक इंजिनियर हैं, इनके तालीमी एदारे “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” का नाम दुनिया भर में बेहतरीन व क़्वालिटी तालीम और मेडिकल- इंजीनियरिंग कोचिंग के लिए जाना जाता है। अब UPSC के लिए भी इन्होंने अपना क़दम आगे बढाया है। आप मुल्क में तालीमी बेदारी के साथ बच्चों को नेक इंसान बनाने की मुहीम के लिए भी जाने जाते हैं , यह इंस्टीटूशन मोबाइल से फ्री है, छात्र/ छात्राएं मोबाईल से दूर रहकर तालीम हासिल करते हैं और कामयाबी की इबारतें लिखते हैं। 1989 में एक छोटे से कमरे में 17 स्टूडेंट्स के साथ कोचिंग इंस्टिट्यूट की शुरुआत की, आज इस इंस्टिट्यूट के अंतर्गत 16 प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज और 9 कॉलेज चल रहें हैं साथ ही एक डिग्री कॉलेज भी चलाया जा रहा है जिसकी ब्रांच बंगलौर और मैसूर में है। यहाँ लड़कियों के लिए पर्दे के साथ तमाम तैयारियां करने का बेहतरीन नज़्म है, लड़कियां भी NEET की तैयारी करती हैं। बीएससी और बीए की तालीम का इंतज़ाम है, “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” में काफी तादाद में गैर मुस्लिम स्टूडेंट्स भी तालीम हासिल करते हैं। डॉ. अब्दुल क़दीर का कहना है कि आजकल लोग अपने लिए बड़े बड़े मकान तामीर कर रहे हैं, और इस तामीर पर दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं, मगर लोग अपनी नस्ल की तामीर के लिए बिलकुल भी फिक्रमंद नहीं हैं, जबकि नस्ल की तामीर मकान की तामीर से ज़्यादा अहम् है, उनका कहना है कि एक बच्चे/बच्ची को पढ़ाया तो समझिये कि एक नस्ल को शिक्षित कर दिया। शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट के अंतर्गत KG (के.जी) से लेकर BA (ग्रेजुएशन) तक की शिक्षा के साथ साथ प्रोफेशनल कोर्सेज की कोचिंग भी दी जाती है। 2012 में इस इंस्टिट्यूट के 71 स्टूडेंट्स ने, 2014 में 89 , 2015 में 93 स्टूडेंट्स, 2015 में 111, 2016 में 158 और 2017 में 2000 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाबी हासिल की। 2008 से इस इंस्टिट्यूट के 1764 स्टूडेंट्स ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर मेडिकल, इंजीनियरिंग और दूसरे प्रोफेशनल गवर्नमेंट कोर्सेज में प्रवेश लिया ! शाहीन इंस्टिट्यूट के 900 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने MBBS में सफलता हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया है। डॉ. अब्दुल क़दीर का कहना है कि हमारे लिए एक एक बच्चा क़ीमती है, तालीम से कोई बच्चा या बच्ची महरूम ना रहे, वह समाज के हर तबके को तालीम देने के लिए हर वक़्त तैयार रहते हैं, इसके लिए उन्होंने स्कालरशिप प्रोग्राम भी चला रखे हैं। और जो बच्चे माली एतबार से कमज़ोर होते हैं उन्हें स्कॉलरशिप दिया जाता है। शाहीन इंस्टिट्यूट में न सिर्फ प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए कोचिंग दी जाती है, बल्कि बच्चों की समुचित तरबियत का पूरा ख़्याल रखा जाता है, उन्हें तालीम के साथ एक नेक इंसान, सभ्य नागरिक, और आज्ञाकारी संतान बनाने पर भी ज़ोर दिया जाता है, डॉ. अब्दुल क़दीर के इंस्टीट्यूट की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है उनके इंस्टिट्यूट में बड़ी संख्या में गैर मुस्लिम स्टूडेंट्स समेत कई भाजपा नेताओं, संघ से जुड़े पदाधिकारियों के बच्चे भी पढ़ते और कोचिंग लेते हैं, और उन बच्चों के कुशल व्यवहार व नैतिक सुधार पर उनके गार्जियन डॉ. साहब का शुक्रिया अदा करते हैं। आज उनके इंस्टिट्यूट में 25 राज्यों के बच्चे मेडिकल कोचिंग के लिए प्रवेश लेने आते हैं, और साथ ही विदेशों से भी लोग अपने बच्चों को पढ़ने और मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए भेजते हैं। हर साल 200 से ज़्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स सफल होकर सरकारी कॉलेजेज़ में सीट हासिल करते हैं, अब डॉ. अब्दुल क़दीर साहब ने शाहीन ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट को विस्तार दिया है, और शिमोगा, बेलगावी, मैसूर, गुलबर्गा, कोलार, राइचूर, पटना, औरंगाबाद और लखनऊ,नई दिल्ली में अपनी ब्रांचेज खोली हैं, डॉ. अब्दुल क़दीर ने एक अनोखी पहल करते हुए अपने “शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीटूशन्स” में ही "हिफज़ुल क़ुरआन प्लस" और "आलिम प्लस" का एक अलग ही तरह के कामयाब कोर्सेज भी पहले से जारी है, और पूरे मुल्क में इस कोर्स की ज़बरदस्त मक़बूलियत मिली है, और देखते ही देखते काफी एदारे वालों से ने अपने एदारों में इस कोर्स की शुरुआत किया है। इसके अलावा वह मुल्क के तमाम हुफ़्फ़ाज़ (हाफिजों) के लिए BA BSc ,और प्रोफेशनल कोर्सेज भी शुरू किये हुए हैं जो बख़ूबी चल रहा है, साथ ही कोर्सेज ख़त्म करने के बाद इन बच्चों को प्लेसमेंट में भी पूरी मदद की जाती है। डॉ. अब्दुल क़दीर साहब को शिक्षा और निस्वार्थ समाज सेवा के लिए प्रतिष्ठित ‘गुरुकुल अवार्ड’, टीचिंग रत्न प्रशस्ति पत्र, और ‘डॉ. मुलताज खान अवार्ड’ के साथ साथ कर्नाटक उर्दू अकादमी से भी पुरूस्कृत किए जा चुके हैं। डॉ. अब्दुल क़दीर और उनके जज़्बे के लिए डॉ. अल्लामा इकबाल का एक शेर पेश ख़िदमत है ! "तू शाहीन है परवाज़ है काम तेरा" ! "तेरे सामने आसमां और भी हैं" ! इसके साथ अवाम की एक गुज़ारिश भी है कि आप ऐसे राज्यों पर ख़ुसूसी तवज्जोह देने की कोशिश व फिक्र करें जो हिंदुस्तान के नक़्शे पर तालीम के मैदान में पिछड़े हुए राज्य हैं,बिहार झारखंड यूपी ओडिशा आदि जैसे राज्यों को तरजीह देने की ज़रूरत है। अख़ीर में हम दुआ करते हैं कि अल्लाह आपको सेहत व सलामती के साथ लम्बी उम्र अता करे और आप इसी तरह मुल्क व मिल्लत की बेहतर ख़िदमत अंजाम देते रहें।






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   5923600
 
     
Related Links :-
पार्श्वगायक नहीं अभिनेता बनना चाहते थे मुकेश
दिग्गज बॉलीवुड गीतकार देव कोहली का निधन
शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की निगरानी से करायें जांच : सुशील
स्वदेशी गाय की खरीद पर ट्रांसर्पोटेशन और बीमा का खर्च उठाएगी योगी सरकार
शंखनाद अभियान का आगाज करेगी भाजपा
आयकर विभाग की वेबसाइट नये स्वरूप में लाँच
अडानी ने लगायी गुजरात ऊर्जा निगम को 3900 करोड़ रुपए की चपत: कांग्रेस
लखनऊ रामेश्वरम रेल हादसे पर खडगे, राहुल, प्रियंका ने जताया शोक
तमिलनाडु ट्रेन हादसे पर मुर्मु ने जताया शोक
एनडीएमए ने ‘आपदा मित्रों’ को किया सम्मानित