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छोटी खगौल मोहलà¥à¤²à¤¾ के हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ मंजिल महफूज़ आलम के घर पर सात रोजाह तरावीह का इंतेजाम किया गया जिसमे हज़रत हाफ़िज़ व कारी मà¥à¤¸à¥à¤¤à¤«à¤¾ रज़ा सीतामà¥à¥€ ने तरावीह पà¥à¤¾à¤ˆ इनकी कीरत व तक़रीर से सà¤à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¥à¤²à¥‡à¤¯à¤¾à¤¨ काफ़ी ख़à¥à¤¶ हà¥à¤. इनके इसà¥à¤¤à¥˜à¤¬à¤¾à¤² में मà¥à¥˜à¥à¤¤à¤¦à¥€ व मà¥à¤¸à¤²à¥à¤²à¥‡à¤¯à¤¾à¤¨ ने 2 लाख का नजराना से नवाज़ा औऱ हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ कि तरक़à¥à¥˜à¥€ व आपसी à¤à¤¾à¤ˆ चारे के लिठदà¥à¤µà¤¾ की गई और हर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ अपने बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ को हाफ़िज़ क़à¥à¤°à¤¾à¤¨ बनाने की à¤à¥€ दà¥à¤† की गयी। इस मौक़े पर महफूज़ आलम मो. फरोग महमूद उरà¥à¤« रिंकà¥, शहज़ादा आलम, अरशद आलम, अरवल मिसà¥à¤¬à¤¾à¤¹ हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨, उज़ैर हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ व सà¤à¥€ दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ अहबाब व बड़े बà¥à¤œà¥‚रà¥à¤— मौज़ूद थे.
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