समाचार ब्यूरो
08/04/2022  :  17:48 HH:MM
युवाओं को रोजगार देने के नाम पर केजरीवाल उन्हें रोजगार बाजार, दिल्ली बाजार और शॉपिंग फेस्टिवल जैसे सपने दिखाकर केवल गुमराह कर रहे है।- चौ0 अनिल कुमार
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केजरीवाल सरकार की गलत नीतियों के कारण दिल्ली में वर्किंग पापुलेशन संख्या बढ़ने की जगह कम हुई है जबकि जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी हुई हे। - चौ0 अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट में 20 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा करने के बाद बजट की समीक्षा के दौरान केजरीवाल ने दिल्ली के युवाओं रोजगार देने के समाधान पर कोई चर्चा नही की। उन्हांने कहा कि केजरीवाल बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का सपना केवल उन्हें बेवकूफ बनाने के लिए दिखाया है। क्योकि सत्ता से पूर्व 2015 केजरीवाल ने 8 लाख युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की थी परंतु पिछले 7 वर्षों में उन्होंने केवल 440 युवाओं को ही रोजगार दिया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शब्दों और बजट में की गई घोषणाओं में कोई तालमेल नहीं है, मुख्यमंत्री ने रोजगार का समाधान विज्ञापन के रूप में ढूंढ रखा है और युवाओं को रोजगार देने के नाम पर केजरीवाल उन्हें रोजगार बाजार, दिल्ली बाजार और शॉपिंग फेस्टिवल जैसे सपने दिखाकर केवल गुमराह कर रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष स्टार्टअप की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले केजरीवाल ने अपने बजट में स्टार्टअप महोत्सव के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा था परंतु युवाओं को रोजगार दिलाने वाले स्टार्टअप बजट का 3 प्रतिशत भी खर्च नही कर पाए। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 7 वर्षों में केजरीवाल सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये और गलत नीतियों के कारण दिल्ली में वर्किंग पापुलेशन 33 प्रतिशत रह गई है जबकि 2012 के एनएसएसओ सर्वे के अनुसार दिल्ली में वर्किंग पोपुलेशन 37.3 प्रतिशत थी। यह संख्या बढ़ने की जगह कम हुई है जबकि जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी हुई है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोरोना काल में रोजगार बाजार के प्रचार के लिए करोड़ो रुपये विज्ञापन पर खर्च किए और रोजगार पोर्टल पर 15 लाख युवाओं ने पंजीकरण कराया जिसमें मात्र 3800 युवाओं को प्राईवेट कम्पनियों में रोजगार मिला और योग्यता के अनुरूप रोजगार प्राप्त नहीं मिलने से निराश युवाओं ने दिए गए रोजगार के अवसर से अपने को मुक्त करा लिया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल की युवाओं को रोजगार देने की गंभीरता इससे उजागर होती है कि युवाआें को रोजगार देने वाले एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज का रोजगार बजट इस वर्ष कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में उपजे संकट के बाद केजरीवाल सरकार को युवाओं को रोजगार मुहैया कराने लिए बजट को बढ़ाना चाहिए था परंतु रोजगार विभाग में ही जब 84 प्रतिशत पद खाली पड़े हों तो रोजगार देने में सरकार की मंशा क्या है सरकार ने बजट में कटौती करके जाहिर करके दिखा दी है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि रोजगार बाजार और स्टार्टअप की बात करने वाले केजरीवाल ने पढ़े-लिखे बेरोजगारों को उद्योग विभाग द्वारा रोजगार के लिए बजट में मात्र 5 लाख रुपये का प्रावधान रखा है और महिला उद्यमियों से वसूले जाने वाले लोन एवं ब्याज को खारिज करने के लिए दिल्ली सरकार के बजट में जो प्रावधान था उसे केजरीवाल ने खत्म कर दिया है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले उद्योग विभाग ने निर्यात प्रोत्साहन योजना के तहत बजट का 10 प्रतिशत भी खर्च नहीं किया और इस वर्ष के बजट में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का बजट 33 प्रतिशत कम कर दिया है तथा चमड़े के सामान के लिए फ्लोटेड कारखाना के बजट को भी खत्म कर दिया है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल सरकार से लगातार मांग कर रही है कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मुहैया कराकर सरकारी विभाग में खाली पड़े सभी पदों को भरा जाए और जब तक युवाओं को रोजगार नही देती तब तक 15 लाख बेरोजगार युवाओं को राजस्थान सरकार के मॉडल के आधार पर बेरोजगारी भत्ता दे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अत्यधिक बेरोजगारी को दूर करने के लिए केजरीवाल सरकार को कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किए गए महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की तर्ज पर शहरी मजदूरों के लिए भी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करना चाहिए।






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