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दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚गता में कारà¥à¤¯ कर रही राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से समà¥à¤¬à¤¦à¥à¤§ जिले की संसà¥à¤¥à¤¾ ,आरोगà¥à¤¯à¤¾ फाउंडेशन फॉर हेलà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¶à¤¨ à¤à¤µà¤‚ कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€ बेसà¥à¤¡ रिहैबिलिटेशन के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में डà¥à¤®à¤°à¤¾ रोड सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚गन केंदà¥à¤° पर विशà¥à¤µ आटिजà¥à¤® जागरूकता दिवस के अवसर पर आटिजà¥à¤® से गà¥à¤°à¤·à¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‡ के अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ वॠअनà¥à¤¯ लोगो के बीच जागरूकता कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन किया गया। संसà¥à¤¥à¤¾ के निदेशक सह फिजियोथेरेपी चिकितà¥à¤¸à¤• डॉ राजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° सà¥à¤®à¤¨ ने आटिजà¥à¤® के बारे में बिसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की।
डॉ राजेश ने बताया की à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आटिजà¥â€à¤® से पीड़ित बचà¥â€à¤šà¥‹à¤‚ और वयसà¥â€à¤•à¥‹à¤‚ की संखà¥â€à¤¯à¤¾ काफी है । ऑटिजà¥à¤® से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बाहरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से अनजान अपनी ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में खोया रहता है। ऑटिजà¥à¤® के दौरान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को कई समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ हो सकती हैं, यहां तक कि वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मानसिक रूप से विकलांग हो सकता है।ऑटिजà¥à¤® के रोगी को मिरà¥à¤—ी के दौरे à¤à¥€ पड़ सकते हैं।
कई बार ऑटिजà¥à¤® से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को बोलने और सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ आती हैं।
डॉ राजेश ने बताया की ऑटिजà¥à¤® पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में फैला हà¥à¤† है। वरà¥à¤· 2010 तक विशà¥à¤µ में तकरीबन 7 करोड़ लोग ऑटिजà¥à¤® से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ थे। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दस हजार में से 20 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इस रोग से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं। कई शोधों में यह à¤à¥€ बात सामने आई है कि ऑटिजà¥à¤® महिलाओं के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ पà¥à¤°à¥‚षों में अधिक देखने को मिला है।
डॉ राजेश ने बचà¥à¤šà¥‹ में ऑटिजà¥à¤® लकà¥à¤·à¤£ के बारे में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालते हà¥à¤ बताया की इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के बचà¥à¤šà¥‡ कà¤à¥€ कà¤à¥€ किसी à¤à¥€ बात का जवाब नहीं देते या फिर बात को सà¥à¤¨à¤•à¤° अनसà¥à¤¨à¤¾ कर देते हैं। कई बार आवाज लगाने पर à¤à¥€ जवाब नहीं देते।किसी दूसरे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की आंखों में आंखे डालकर बात करने से घबराते हैं।अकेले रहना अधिक पसंद करते हैं, à¤à¤¸à¥‡ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ गà¥à¤°à¥à¤ª में खेलना à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पसंद नहीं होता।बात करते हà¥à¤ अपने हाथों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² नहीं करते या फिर अंगà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से किसी तरह का कोई संकेत नहीं करते।बदलाव इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पसंद नहीं होता। रोजाना à¤à¤• जैसा काम करने में इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मजा आता है।यदि कोई बात सामानà¥à¤¯ तरीके से समà¤à¤¾à¤¤à¥‡ हैं तो इस पर अपनी कोई पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नहीं देते।बार-बार à¤à¤• ही तरह के खेल खेलना इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पसंद होता हैं।बहà¥à¤¤ अधिक बेचैन होना, बहà¥à¤¤ अधिक निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ होना या फिर बहà¥à¤¤ अधिक सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ होना। कोई à¤à¥€ काम à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤® लेवल पर करते हैं।ये बहà¥à¤¤ अधिक वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° कà¥à¤¶à¤² नहीं होते और बचपन में ही à¤à¤¸à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में ये लकà¥à¤·à¤£ उà¤à¤°à¤¨à¥‡ लगते हैं।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि डॉ दिनेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को संबोधित कर बताया की ऑटिजà¥à¤® पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ दे, उनà¥à¤¹à¥‡ सामाजिक गति विधियों मे समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ करे, उनà¥à¤¹à¥‡ आसपास के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ खेलने दे साथ ही फिजियो थेरेपी, सà¥à¤ªà¥€à¤š थेरेपी, ओकà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤¨à¤² थेरेपी अचà¥à¤›à¥‡ चिकितà¥à¤¸à¤• के देख रेख मे कराते रहे।
संसà¥à¤¥à¤¾ की कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤•à¤² साइकोलोजिसà¥à¤Ÿ मधà¥à¤°à¤¿à¤®à¤¾ रानी ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ,à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार की निरामया वीमा योजना के बारे में अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ को जानकारी दी बताया की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वरà¥à¤· 1 लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की सहायता राशि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के इलाज के लिठसरकार देती है।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के समापन में दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग बचà¥à¤šà¥‹ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ केक काटा गया व टॉफ़ी à¤à¤µà¤‚ बिसà¥à¤•à¥à¤Ÿ बितरित की गयी। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में संसà¥à¤¥à¤¾ के मधà¥à¤°à¤¿à¤®à¤¾ रानी ,बबन कà¥à¤®à¤¾à¤° ,निà¤à¤¾ चटरà¥à¥›à¥€, अदिति रंजना, ममता कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€, सौमà¥à¤¯à¤¾ व दरà¥à¥›à¤¨à¥‹ दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग व उनके अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤¬à¤• मौजूद थे।
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