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उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की राजधानी लखनऊ के नज़दीकी शहर सीतापà¥à¤° में हदाना à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨à¤² à¤à¤‚ड वेलफ़ेयर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की जानिब से 26, 27, 28 मारà¥à¤š 2022 को तीन रोज़ा इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कारगाह का इनेक़ाद किया गया।
यह कारगाह हदाना à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨à¤² à¤à¤‚ड वेलफ़ेयर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· हà¥à¤œà¥à¤œà¤¤à¥à¤² इसà¥à¤²à¤¾à¤® मौलाना अख़à¥à¤¤à¤° अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ जौन‌ साहब की‌‌ सरपरसà¥à¤¤à¥€ में मà¥à¤¨à¤…क़िद हà¥à¤ˆà¥¤ इस कारगाह में मà¥à¤²à¥à¤• à¤à¤° से आठउलमा की मौजूदगी में मà¥à¤¨à¤…क़िद हà¥à¤ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® के दौरान बहà¥à¤¤ ही ख़ूबसूरत नज़ारे देखने को मिले।
इस कारगाह में बड़ों से लेकर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठअहम à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¿à¤Ÿà¥€à¤œà¤¼ के ज़रिठबेहतरीन इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ माहौल का नज़ारा पेश किया गया।
इस कारगाह में उलमा-à¤-किराम की मà¥à¤«à¤¼à¤¸à¥à¤¸à¤² गà¥à¤«à¤¼à¥à¤¤à¥à¤—ॠकई मौज़à¥à¤†à¤¤ पर मà¥à¤¶à¥à¤¤à¤®à¤¿à¤² रही। इन अहम मौज़à¥à¤†à¤¤ में मारिफ ठक़à¥à¤°à¤†à¤¨ (क़à¥à¤°à¤†à¤¨ & डेली लाइफ), सà¥à¤•à¤¾à¤‰à¤Ÿà¥à¤¸ की अहमियत, तरवीज व तामीर में ख़वातीन का किरदार, अज़ादारी के मसाà¤à¤², उमà¥à¤®à¤¤-साज़ी और अवाम‌‌ की क़यादत, रूहानी तरबियत, इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• सिसà¥à¤Ÿà¤® व तिबà¥à¤¬à¥‡ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ के साथ-साथ, पैनल डिसà¥à¤•à¤¶à¤¨ के ज़रिठमà¥à¤–à¥à¤¼à¤¤à¤²à¤¿à¤«à¤¼ मौज़à¥à¤†à¤¤ जैसे की à¤à¤®à¥à¤ªà¥à¤²à¥‰à¤¯à¤®à¥‡à¤‚ट, à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨, पॉलिटिकà¥à¤¸, सोशल मीडिया, साइबर सिकà¥à¤¯à¥‹à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€ व दीगर समाजी मौज़à¥à¤†à¤¤ पर à¤à¥€ बहस की गई।
इस कारगाह में शरीक हà¥à¤ उलमा में मौलाना आक़ा अख़à¥à¤¤à¤° अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ जौन साहब (लखनऊ), मौलाना सयà¥à¤¯à¤¦ फ़ैयाज़ बाक़िर हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨à¥€ साहब (बंबई), मौलाना क़ाज़ी असकरी साहब (दिलà¥à¤²à¥€), मौलाना मंज़र सादिक़ साहब (लखनऊ), मौलाना बशीर अहमद à¤à¤Ÿ साहब (कशà¥à¤®à¥€à¤°), मौलाना हमीदà¥à¤² हसन साहब (सीतापà¥à¤°), मौलाना हैदर अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ साहब (लखनऊ), मौलाना मà¥à¤¨à¤µà¥à¤µà¤° अली साहब (हैदराबाद), मौलाना नज़र अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ साहब (लखनऊ), मौलाना रफ़ीक़ मोमिन साहब (गोवा), आलिमात में आलीमात में आलिमा गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° फातिमा, आलिमा कसीम जैदी (रूबी) और सà¥à¤•à¤¾à¤‰à¤Ÿà¥à¤¸ मासà¥à¤Ÿà¤° जनाब नजीर मà¥à¤•à¤¬à¤¿à¤² साहब (सीतापà¥à¤°) मौजूद रहें।
अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से दà¥à¤† है कि वह इस कोशिश को क़à¥à¤¬à¥‚ल‌ फ़रमाठऔर इस कारगाह में शरीक होने वाले हर फ़रà¥à¤¦ और उन तमाम लोगों का शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अदा करतें है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किसी à¤à¥€ ज़रिठसे इस पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® को कामयाब होने में मदद की।
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