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हैमà¥à¤¬à¤°à¥à¤— विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯,जरà¥à¤®à¤¨à¥€ से पधारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¿à¤¦ ने हिंदी वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के इतिहास पर दिया वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ साहितà¥à¤¯ अकादेमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ मंच कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में आज हैमà¥à¤¬à¤°à¥à¤— विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯,जरà¥à¤®à¤¨à¥€ से पधारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¿à¤¦ राम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने " हिंदी वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£à¤¿à¤• परंपरा का इतिहास" विषय पर अपना वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अà¤à¥€ तक हिंदी के वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के इतिहास लेखन को हम राजा शिव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ 'सितारे हिंद' या अयोधà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ खतà¥à¤°à¥€ से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठमानते हैं जो 1875 के आसपास लिखे गठथे, लेकिन अà¤à¥€ हà¥à¤ नठशोधों से पता चला है कि इससे दो शताबà¥à¤¦à¥€ पहले ही सूरत में हिंदी वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के दो इतिहास लिखे गà¤à¥¤ पहला इतिहास à¤à¤• डच योहन योशà¥à¤† केटेलार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 1698 में लिखा गया और दूसरा इतिहास 1704 में à¤à¤• फà¥à¤°à¥‡à¤‚च पादरी कोपà¥à¤šà¤¿à¤¨ मिशनरी फादर फà¥à¤°à¤¾à¤•à¥‹à¤‡à¤¸ दे तूर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखा गया। आगे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किसी à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में उस देश का à¤à¥‚गोल,संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सामाजिक इतिहास à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ है, अत: उसका समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और संरकà¥à¤·à¤£ बहà¥à¤¤ जरूरी है। जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के संरकà¥à¤·à¤£ को लेकर कई उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय कारà¥à¤¯ हà¥à¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिंदी शबà¥à¤¦à¤•à¥‹à¤¶ में नठशबà¥à¤¦ न जोड़ें जाने ,पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ में हिंदी की जगह बढ़ते हिंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚, हिंदी के मानकीकरण को लागू न हो पाने और हिंदी साहितà¥à¤¯ के विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में बहà¥à¤¤ कम हो रहे अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ चिंता वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की।
राम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ और उनके अनà¥à¤¯ साथी अà¤à¥€ फà¥à¤°à¤¾à¤•à¥‹à¤‡à¤¸ दे तूर के वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ पर शोध कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। इसका जरà¥à¤®à¤¨ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ कà¥à¤› समय बाद आà¤à¤—ा। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देते हà¥à¤ कहा कि हमें अपनी अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना चाहिठतà¤à¥€ हम उन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ à¤à¥Œà¤—ोलिक, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और सामाजिक विरासत को बचा पाà¤à¤‚गे।
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