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आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा के तीन सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ हैं, कटà¥à¤Ÿà¤° देशà¤à¤•à¥à¤¤, कटà¥à¤Ÿà¤° ईमानदारी और इंसानियत- अरविंद केजरीवाल मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ अरविंद केजरीवाल ने दिलà¥à¤²à¥€ विधानसà¤à¤¾ में ‘रोजगार बजट’ पर आठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पर सदन को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि मेरे लिठमेरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ सबसे ऊपर है और अपने देश को बेहतर बनाने के लिठअपनी आखिरी सांस तक मेहनत करता रहूंगा। आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा के तीन सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ हैं, कटà¥à¤Ÿà¤° देशà¤à¤•à¥à¤¤, कटà¥à¤Ÿà¤° ईमानदारी और इंसानियत। इसीलिठहम रेडलाइट पर à¤à¥€à¤– मांगने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठ10 करोड़ रà¥à¤ªà¤ में शानदार बोरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग सà¥à¤•à¥‚ल बनाà¤à¤‚गे। हमने सरकारी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में सारा इलाज फà¥à¤°à¥€ कर दिया। अब मेरी किसी बहन-बेटी को गरीबी की वजह से किसी का इलाज कराने के लिठअपने आपको बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ‘घर-घर राशन योजना’ को लागू करने के लिठमैं सबके पैर पड़ा, लेकिन इन लोगों ने करने नहीं दिया। उपर वाला है। à¤à¤• खिड़की बंद करता है, तो दस खोल देता है। दिलà¥à¤²à¥€ में न सही, पंजाब में लागू करके दिखाà¤à¤‚गे। सीà¤à¤® अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने ‘रोजगार बजट’ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। जब से ‘रोजगार बजट’ पेश हà¥à¤†, तब से दिलà¥à¤²à¥€ ही नहीं, देश à¤à¤° के यà¥à¤µà¤¾ खà¥à¤¶ हैं कि कम से कम देश की दिशा इस तरफ तो बà¥à¥€à¥¤ अब पूरे देश को लग रहा है कि हो तो सकता है, 75 साल में इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किया नहीं। पंजाब के नतीजे आने के बाद से लोगों को लगने लगा है कि अब ईमानदारी और देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की हवा धीरे-धीरे पूरे देश के अंदर बहेगी।
*हर राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¥€ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के पहले रोजगार की बात करती हैं और जीतने के बाद कोई रोजगार की बात नहीं करता है- अरविंद केजरीवाल*
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ अरविंद केजरीवाल ने दिलà¥à¤²à¥€ विधानसà¤à¤¾ में उपमà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ वितà¥à¤¤à¥€ शà¥à¤°à¥€ मनीष सिसोदिया दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लाठगठ‘रोजगार बजट’ के पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पर चरà¥à¤šà¤¾ के दौरान सदन को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि दिलà¥à¤²à¥€ विधानसà¤à¤¾ में जो बजट पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है, यह कोई मामूली डॉकà¥à¤¯à¥‚मेंट नहीं है। यह à¤à¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• बजट है। चाहे आप केंदà¥à¤° सरकार ले लो या फिर कोई राजà¥à¤¯ सरकार ले लो, आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में पहली बार à¤à¤• ‘रोजगार बजट’ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया। रोजगार की समसà¥à¤¯à¤¾ तो आजादी से ही है। 1947 में देश आजाद हà¥à¤† था। तà¤à¥€ से हमारे यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की रोजगार की समसà¥à¤¯à¤¾ रही है। कà¤à¥€ कम, कà¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रही है। लेकिन रोजगार à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ हà¥à¤† करता था, जिसकी चरà¥à¤šà¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ सà¤à¤¾à¤“ं में होती थी। चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के पहले होती थी। हर राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¥€ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के पहले कहती थी कि हम आà¤à¤‚गे, तो पांच लाख नौकरी दे देंगे, दस लाख नौकरी दे देंगे। चà¥à¤¨à¤¾à¤µ जीतने के बाद कोई रोजगार की बात नहीं करता है। उसके बाद फिर बंदरबांट होती है। आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि à¤à¤• बजट केवल और केवल रोजगार के इरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ बनाया गया है और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को रोजगार देने और सबके घर में खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ लाने के लिठबनाया गया है।
*कà¥à¤› दिन पहले ही पंजाब में आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की à¤à¤• ईमानदार सरकार बनी और उसके नतीजे दस दिन में ही दिखने लगे- अरविंद केजरीवाल*
सीà¤à¤® शà¥à¤°à¥€ अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अà¤à¥€ कà¥à¤› दिन पहले पंजाब में आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की à¤à¤• ईमानदार सरकार बनी और उनके नतीजे दस दिन में ही देखने को मिले कि पहली कà¥à¤› घोषणाओं में से à¤à¤• घोषणा थी कि 25 हजार सरकारी नौकरियां निकाली गईं और à¤à¤• महीने में उनकी à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ चालू हो जाà¤à¤‚गी। इसके बाद, पंजाब में 35 हजार करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पकà¥à¤•à¤¾ करने की घोषणा की गई। अब दिलà¥à¤²à¥€ के अंदर आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बजट लाया गया, जिसमें पांच साल में 20 लाख रोजगार देने का विधानसà¤à¤¾ के अंदर हमारी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ है। 20 लाख नौकरियां देने का तो किसी ने चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के पहले à¤à¥€ हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं की थी। यहां तक कि बड़े राजà¥à¤¯ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और बिहार, जहां पर बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ है, वहां पर à¤à¥€ राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¥€ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के पहले यह नहीं कहती हैं कि हमें वोट दो, हम 20 लाख नौकरियां दे देंगे। बजट जो पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है, उसमें पूरा विसà¥à¤¤à¤¾à¤° में खाका तैयार किया गया है कि किस तरह से अगले पांच साल के अंदर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठ20 लाख रोजगार तैयार किठजाà¤à¤‚गे।
*रोजगार बजट दिलà¥à¤²à¥€ ही नहीं, पूरे देश के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को à¤à¤• उमà¥à¤®à¥€à¤¦ देता है कि अगर ईमानदारी से करें तो हो तो सकता है- अरविंद केजरीवाल*
सीà¤à¤® शà¥à¤°à¥€ अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबसे यह बजट पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है, तब से बहà¥à¤¤ फोन आ रहे हैं और यà¥à¤µà¤¾ बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ हैं। केवल दिलà¥à¤²à¥€ ही नहीं, देश à¤à¤° के यà¥à¤µà¤¾ खà¥à¤¶ हैं कि कम से कम देश की दिशा इस डायरेकà¥à¤¶à¤¨ में तो आने लगी। जैसे हम मोहलà¥à¤²à¤¾ कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤• बनाते हैं, तो सारी राजà¥à¤¯ सरकारें, चाहे वो अचà¥à¤›à¥‡ बनाà¤à¤‚ या बà¥à¤°à¥‡ बनाà¤à¤‚, लेकिन मोहलà¥à¤²à¤¾ कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤• की उनको बात करनी पड़ती है। हम लोग सà¥à¤•à¥‚ल करते हैं, तो सारे लोग अचà¥à¤›à¥‡ करें या बà¥à¤°à¥‡ करें, लेकिन देश में चरà¥à¤šà¤¾ तो हो ही गई। हम बिजली मà¥à¤«à¥à¤¤ करते हैं, तो अब देश में सारी पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ जाकर चाहे हमकों कितनी à¤à¥€ गालियां दें, लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ बिजली की बात तो करनी पड़ती है। हर जगह कोई 100 यूनिट मà¥à¤«à¥à¤¤ कर रहा है, तो कोई 50 यूनिट कर रहा है। अब जब हम लोगों ने दिलà¥à¤²à¥€ के अंदर रोजगार की बात की है कि हम अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार देंगे, तो दूसरी पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ देश à¤à¤° में रोजगार की बात करनी पड़ेगी। यह बजट केवल दिलà¥à¤²à¥€ के ही नहीं, पूरे देश के यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को à¤à¤• उमà¥à¤®à¥€à¤¦ देता है कि हो तो सकता है। अगर ईमानदारी से करें तो कर सकते हैं।
*रेडलाइट पर à¤à¥€à¤– मांगने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठकिसी ने कà¥à¤› नहीं किया, जबकि यह कितने वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से चला आ रहा है- अरविंद केजरीवाल*
सीà¤à¤® अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम जो इतनी सारी चीजें करते हैं। मसलन, हम सà¥à¤•à¥‚ल, असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² बनाते हैं। यह हम कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करते हैं? हम रोजगार बजट कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ लाते हैं? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा à¤à¤¸à¥€ है। कई लोग मेरे से पूछते हैं कि आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा कà¥à¤¯à¤¾ है? आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा के तीन सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ कटà¥à¤Ÿà¤° देशà¤à¤•à¥à¤¤, कटà¥à¤Ÿà¤° ईमानदारी और इंसानियत हैं। पहला, कटà¥à¤Ÿà¤° देशपà¥à¤°à¥‡à¤®à¥¤ हम अपने देश के लिठमर-मिटने के लिठतैयार हैं। हम देश के लिठकà¥à¤› à¤à¥€ करने को तैयार हैं। हमारा रोम-रोम इस देश के लिठहै। दूसरा सà¥à¤¤à¤®à¥à¤, कटà¥à¤Ÿà¤° ईमानदारी है। इसी वजह से आज देश के दो राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में तो कम से कम दो राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में कटà¥à¤Ÿà¤° ईमानदार सरकारें हो गईं। तीसरा सà¥à¤¤à¤‚ठइंसानियत है। रेड लाइट पर जब हम रूकते हैं, वहां पर हम देखते हैं कि बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€à¤– मांग रहे हैं। यह कितने सालों से चला आ रहा है। कोई बचà¥à¤šà¤¾ हमारी कार की खिड़की पर आकर खटखटाता है। हम या तो उसे दà¥à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° देते हैं या फिर दो गाली देकर à¤à¤—ा देते हैं। अगर किसी में दया हो तो वो जेब से निकाल कर थोड़े से पैसे दे देता है। उसको लगाता है कि मेरा काम तो हो गया। मैंने पà¥à¤£à¥à¤¯ कमा लिया। कितने सालों से यह चला आ रहा है। किसी ने उनके लिठकà¥à¤› किया! कई सरकारें आईं। अà¤à¥€ तक उनके लिठजो किया है, वो बताता हूं। कà¥à¤› सरकारों ने à¤à¤‚टी बैगिंग à¤à¤•à¥à¤Ÿ निकाल दिया कि अगर कोई à¤à¥€à¤– मांगेगा, तो उसे जेल में डाल देंगे। अà¤à¥€ तक तो यही किया। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उन सरकारों में इंसानियत की कमी थी। कà¥à¤› सरकारें ने इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पकड़कर चाइलà¥à¤¡ होम में डाल दिया। वहां इतना बà¥à¤°à¤¾ हाल और बà¥à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° कि वहां से बचà¥à¤šà¥‡ निकल कर à¤à¤¾à¤— आते हैं और फिर वहीं आ जाते हैं। आपने कई जगह देखा होगा कि यह बचà¥à¤šà¥‡ सड़क के किनारे गोल चकà¥à¤•à¤° लेकर उसमें कैसे कलाबाजी खा रहे होते हैं। उनकी बॉडी कितनी फà¥à¤²à¥ˆà¤•à¥à¤¸à¥€à¤¬à¤² है। मेरे को तो लगता है कि अगर उनको थोड़ी सी टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤‚ग दी जाà¤, तो वो ओलंपिक के अवारà¥à¤¡ ला सकते हैं। यह बचà¥à¤šà¥‡ हैं, तो अपने देश के ही, लेकिन किसी ने इनकी तरफ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं दिया। हमारी पारà¥à¤Ÿà¥€ की विचारधारा देशपà¥à¤°à¥‡à¤® और इंसानियत है। इसीलिठहम इन बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठ10 करोड़ रà¥à¤ªà¤ में शानदार बोरà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग सà¥à¤•à¥‚ल बनाà¤à¤‚गे। मैं कह रहा हूं कि पूरे देश में पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ सà¥à¤•à¥‚ल à¤à¥€ देख लेना। यह बचà¥à¤šà¥‡ हॉसà¥à¤Ÿà¤² में रहेंगे। इनका मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° किया जाà¤à¤—ा। इनके लिठअचà¥à¤›à¥‡ से अचà¥à¤›à¥‡ विशेषजà¥à¤ž और शिकà¥à¤·à¤• लेकर आà¤à¤‚गे। देखना लेना यही बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤• दिन ओलंपिक के अवारà¥à¤¡ लेकर आà¤à¤‚गे।
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