समाचार ब्यूरो
29/03/2022  :  20:49 HH:MM
मेरे लिए मेरा भारत सबसे ऊपर है और अपने देश को बेहतर बनाने के लिए अपनी आखिरी सांस तक मेहनत करता रहूंगा- अरविंद केजरीवाल
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आम आदमी पार्टी की विचारधारा के तीन स्तम्भ हैं, कट्टर देशभक्त, कट्टर ईमानदारी और इंसानियत- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में ‘रोजगार बजट’ पर आए प्रस्ताव पर सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे लिए मेरा भारत सबसे ऊपर है और अपने देश को बेहतर बनाने के लिए अपनी आखिरी सांस तक मेहनत करता रहूंगा। आम आदमी पार्टी की विचारधारा के तीन स्तम्भ हैं, कट्टर देशभक्त, कट्टर ईमानदारी और इंसानियत। इसीलिए हम रेडलाइट पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपए में शानदार बोर्डिंग स्कूल बनाएंगे। हमने सरकारी अस्पतालों में सारा इलाज फ्री कर दिया। अब मेरी किसी बहन-बेटी को गरीबी की वजह से किसी का इलाज कराने के लिए अपने आपको बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ‘घर-घर राशन योजना’ को लागू करने के लिए मैं सबके पैर पड़ा, लेकिन इन लोगों ने करने नहीं दिया। उपर वाला है। एक खिड़की बंद करता है, तो दस खोल देता है। दिल्ली में न सही, पंजाब में लागू करके दिखाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने ‘रोजगार बजट’ प्रस्तुत किया है। जब से ‘रोजगार बजट’ पेश हुआ, तब से दिल्ली ही नहीं, देश भर के युवा खुश हैं कि कम से कम देश की दिशा इस तरफ तो बढ़ी। अब पूरे देश को लग रहा है कि हो तो सकता है, 75 साल में इन्होंने किया नहीं। पंजाब के नतीजे आने के बाद से लोगों को लगने लगा है कि अब ईमानदारी और देशभक्ति की हवा धीरे-धीरे पूरे देश के अंदर बहेगी। *हर राजनीतिक पार्टी चुनाव के पहले रोजगार की बात करती हैं और जीतने के बाद कोई रोजगार की बात नहीं करता है- अरविंद केजरीवाल* मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में उपमुख्यमंत्री एवं वित्ती श्री मनीष सिसोदिया द्वारा लाए गए ‘रोजगार बजट’ के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा में जो बजट प्रस्तुत किया गया है, यह कोई मामूली डॉक्यूमेंट नहीं है। यह एक ऐतिहासिक बजट है। चाहे आप केंद्र सरकार ले लो या फिर कोई राज्य सरकार ले लो, आजाद भारत के इतिहास में पहली बार एक ‘रोजगार बजट’ प्रस्तुत किया गया। रोजगार की समस्या तो आजादी से ही है। 1947 में देश आजाद हुआ था। तभी से हमारे युवाओं की रोजगार की समस्या रही है। कभी कम, कभी ज्यादा रही है। लेकिन रोजगार एक ऐसा मुद्दा हुआ करता था, जिसकी चर्चा चुनावी सभाओं में होती थी। चुनाव के पहले होती थी। हर राजनीतिक पार्टी चुनाव के पहले कहती थी कि हम आएंगे, तो पांच लाख नौकरी दे देंगे, दस लाख नौकरी दे देंगे। चुनाव जीतने के बाद कोई रोजगार की बात नहीं करता है। उसके बाद फिर बंदरबांट होती है। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि एक बजट केवल और केवल रोजगार के इर्द-गिर्द बनाया गया है और बच्चों को रोजगार देने और सबके घर में खुशहाली लाने के लिए बनाया गया है। *कुछ दिन पहले ही पंजाब में आम आदमी पार्टी की एक ईमानदार सरकार बनी और उसके नतीजे दस दिन में ही दिखने लगे- अरविंद केजरीवाल* सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी की एक ईमानदार सरकार बनी और उनके नतीजे दस दिन में ही देखने को मिले कि पहली कुछ घोषणाओं में से एक घोषणा थी कि 25 हजार सरकारी नौकरियां निकाली गईं और एक महीने में उनकी भर्ती चालू हो जाएंगी। इसके बाद, पंजाब में 35 हजार कर्मचारियों को पक्का करने की घोषणा की गई। अब दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा बजट लाया गया, जिसमें पांच साल में 20 लाख रोजगार देने का विधानसभा के अंदर हमारी प्रतिबद्धता है। 20 लाख नौकरियां देने का तो किसी ने चुनाव के पहले भी हिम्मत नहीं की थी। यहां तक कि बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार, जहां पर बहुत ज्यादा जनसंख्या है, वहां पर भी राजनीतिक पार्टी चुनाव के पहले यह नहीं कहती हैं कि हमें वोट दो, हम 20 लाख नौकरियां दे देंगे। बजट जो प्रस्तुत किया गया है, उसमें पूरा विस्तार में खाका तैयार किया गया है कि किस तरह से अगले पांच साल के अंदर युवाओं के लिए 20 लाख रोजगार तैयार किए जाएंगे। *रोजगार बजट दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के युवाओं को एक उम्मीद देता है कि अगर ईमानदारी से करें तो हो तो सकता है- अरविंद केजरीवाल* सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबसे यह बजट प्रस्तुत किया गया है, तब से बहुत फोन आ रहे हैं और युवा बहुत खुश हैं। केवल दिल्ली ही नहीं, देश भर के युवा खुश हैं कि कम से कम देश की दिशा इस डायरेक्शन में तो आने लगी। जैसे हम मोहल्ला क्लीनिक बनाते हैं, तो सारी राज्य सरकारें, चाहे वो अच्छे बनाएं या बुरे बनाएं, लेकिन मोहल्ला क्लीनिक की उनको बात करनी पड़ती है। हम लोग स्कूल करते हैं, तो सारे लोग अच्छे करें या बुरे करें, लेकिन देश में चर्चा तो हो ही गई। हम बिजली मुफ्त करते हैं, तो अब देश में सारी पार्टियां जाकर चाहे हमकों कितनी भी गालियां दें, लेकिन उन्हें भी बिजली की बात तो करनी पड़ती है। हर जगह कोई 100 यूनिट मुफ्त कर रहा है, तो कोई 50 यूनिट कर रहा है। अब जब हम लोगों ने दिल्ली के अंदर रोजगार की बात की है कि हम अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार देंगे, तो दूसरी पार्टियों को भी देश भर में रोजगार की बात करनी पड़ेगी। यह बजट केवल दिल्ली के ही नहीं, पूरे देश के युवाओं को एक उम्मीद देता है कि हो तो सकता है। अगर ईमानदारी से करें तो कर सकते हैं। *रेडलाइट पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए किसी ने कुछ नहीं किया, जबकि यह कितने वर्षों से चला आ रहा है- अरविंद केजरीवाल* सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम जो इतनी सारी चीजें करते हैं। मसलन, हम स्कूल, अस्पताल बनाते हैं। यह हम क्यों करते हैं? हम रोजगार बजट क्यों लाते हैं? क्योंकि हमारी पार्टी की विचारधारा ऐसी है। कई लोग मेरे से पूछते हैं कि आम आदमी पार्टी की विचारधारा क्या है? आम आदमी पार्टी की विचारधारा के तीन स्तम्भ कट्टर देशभक्त, कट्टर ईमानदारी और इंसानियत हैं। पहला, कट्टर देशप्रेम। हम अपने देश के लिए मर-मिटने के लिए तैयार हैं। हम देश के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। हमारा रोम-रोम इस देश के लिए है। दूसरा स्तम्भ, कट्टर ईमानदारी है। इसी वजह से आज देश के दो राज्यों में तो कम से कम दो राज्यों में कट्टर ईमानदार सरकारें हो गईं। तीसरा स्तंभ इंसानियत है। रेड लाइट पर जब हम रूकते हैं, वहां पर हम देखते हैं कि बच्चे भीख मांग रहे हैं। यह कितने सालों से चला आ रहा है। कोई बच्चा हमारी कार की खिड़की पर आकर खटखटाता है। हम या तो उसे दुत्कार देते हैं या फिर दो गाली देकर भगा देते हैं। अगर किसी में दया हो तो वो जेब से निकाल कर थोड़े से पैसे दे देता है। उसको लगाता है कि मेरा काम तो हो गया। मैंने पुण्य कमा लिया। कितने सालों से यह चला आ रहा है। किसी ने उनके लिए कुछ किया! कई सरकारें आईं। अभी तक उनके लिए जो किया है, वो बताता हूं। कुछ सरकारों ने एंटी बैगिंग एक्ट निकाल दिया कि अगर कोई भीख मांगेगा, तो उसे जेल में डाल देंगे। अभी तक तो यही किया। क्यों? क्योंकि उन सरकारों में इंसानियत की कमी थी। कुछ सरकारें ने इन बच्चों को पकड़कर चाइल्ड होम में डाल दिया। वहां इतना बुरा हाल और बुरा व्यवहार कि वहां से बच्चे निकल कर भाग आते हैं और फिर वहीं आ जाते हैं। आपने कई जगह देखा होगा कि यह बच्चे सड़क के किनारे गोल चक्कर लेकर उसमें कैसे कलाबाजी खा रहे होते हैं। उनकी बॉडी कितनी फ्लैक्सीबल है। मेरे को तो लगता है कि अगर उनको थोड़ी सी ट्रेनिंग दी जाए, तो वो ओलंपिक के अवार्ड ला सकते हैं। यह बच्चे हैं, तो अपने देश के ही, लेकिन किसी ने इनकी तरफ ध्यान नहीं दिया। हमारी पार्टी की विचारधारा देशप्रेम और इंसानियत है। इसीलिए हम इन बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपए में शानदार बोर्डिंग स्कूल बनाएंगे। मैं कह रहा हूं कि पूरे देश में प्राइवेट स्कूल भी देख लेना। यह बच्चे हॉस्टल में रहेंगे। इनका मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सुधार किया जाएगा। इनके लिए अच्छे से अच्छे विशेषज्ञ और शिक्षक लेकर आएंगे। देखना लेना यही बच्चे एक दिन ओलंपिक के अवार्ड लेकर आएंगे।






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