समाचार ब्यूरो
26/03/2022  :  17:36 HH:MM
दिल्ली का बजट गरीब विरोधी, दलित विरोधी, युवा विरोधी झूठ का पुलिंदा है। - चौ0 अनिल कुमार
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रोजगार बजट सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत 15 लाख बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाना है।- चौ0 अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट रोजगार बजट नही बल्कि युवा बेरोजगारों के जले पर नमक छिड़कने वाला गरीब विरोधी बजट है। बजट में दलित उत्थान, महंगाई पर नियंत्रण के लिए कोई प्रावधान नही रखा गया है। दिल्ली में 15,34,832 युवा बेरोजगार है परंतु केजरीवाल सरकार युवाओं को जब तक रोजगार नही देती उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने का कोई प्रावधान भी बजट में नही किया पर 20 लाख रोजगार देने की खोखली घोषणा कर रहे। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि राजधानी में रोजगार के लिए सिर्फ 800 करोड़ आंवटित करना अपने आप में संदेह है, क्या केजरीवाल सरकार ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के कल्याण अथवा उनके रोजगार सृजनके लिए यह राशि रखी है? चौ0 अनिल कुमार ने मांग की कि केजरीवाल सरकार ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना की तर्ज पर शहरी रोजगार गांरटी योजना के तहत न्याय योजना के अंतर्गत 7000 रुपये प्रतिमाह का भत्ता तथा पंजाब में की गई घोषणा के तहत दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह अंतरिम राहत भत्ता दें। केजरीवाल सरकार रोजगार देने की घोषणा कर रही है परंतु 64 हजार अनुबंधित कर्मचारी जिनमें गेस्ट टीचर और आंगनबाड़ी कर्मचारी भी शामिल है उनके नियमित करने संबधी कोई घोषणा नही की। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में 54 लाख लोग राशन कार्ड के लिए 7 वर्षों से इंतजार कर रहे है, इस पर बजट में वितमंत्री ने कोई चर्चा नही की, जबकि 1 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर, 2021 तक एक आरटीआई के अनुसार 14 लाख 64 हजार 655 राशन कार्ड आवेदन आऐं है, जिन पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दूसरे राज्यों में शिक्षा का ढोल पीटने वाली केजरीवाल सरकार ने वर्ष 22-23 के बजट में शिक्षा के बजट को बढ़ाने की बजाय कम कर दिया है जबकि कोविड महामारी में आर्थिक संकट के कारण एक लाख से भी अधिक छात्र अपनी पढ़ाई जारी रखने में प्रभावित हुए थे। स्टार्ट अप के नाम पर गुमराह करने वाली केजरीवाल सरकार दिल्ली के स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम रही है जिससे बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई छोड़ रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार बजट में एक भी नए फ्लाई ओवर का प्रावधान नही किया है, जहां झुग्गी वहीं मकान जिस पर आप पार्टी ने चुनाव के वक्त बड़ी-बड़ी घोषणा की थी, बजट में एक शब्द नही कहा गया, जबकि उपराज्यपाल ने भी अपने भाषणा में जहां झुग्गी वहीं मकान जिक्र किया था। 16 हजार मकान डूसीब की जमीन पर बनेंगे उनका भी बजट में कोई चर्चा नही करना केजरीवाल की गरीबों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 2018 में गीन बजट पेश करने वाली केजरीवाल सरकार के शासन लगातार चौथी बार सबसे प्रदूषित राजधानी बनीं, जबकि हजारों करोड़ रुपये प्रदूषण रोकने व उसके विज्ञापन पर खर्च किए गए। प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर ई-वाहनां के प्रोत्साहन पर जोर-शोर से बयानबाजी कर रहे है परंतु 2018 में 1000 इलेक्ट्रिक बसें लाने की घोषणा के बावजूद आज तक डीटीसी में इलेक्ट्रिक बसे नही आई। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा दिल्ली में सबसे अधिक बसें सड़कों पर होने का गलत बयान कर रहे है क्योंकि सिसोदिया कलस्टर बसों पर अपनी वाहवाही लूट रहे है जबकि डीटीसी की बसों की संख्या लगातार सड़कों पर घट रही है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार भाजपा की तर्ज पर निगमों को असहाय करने की राह पर चल पढ़ी है, बजट में पिछले वर्ष की तुलना में कम बजट आवंटन करके सिर्फ 6154 करोड़ रुपये निगम के लिए प्रावधान है जबकि पिछले वर्ष 6172 करोड़ दिए थे। केजरीवाल दिल्ली की जनता को बेहतर सिविक सेवा, कर्मचारियों को समय पर वेतन व मूलभूत सुविधाऐं देने के पक्ष में नही है। बजट में कांग्रेस की मांग निगमों को 13000 करोड़ के बेलआउट पैकेज देने पर भी कोई ध्यान नही दिया गया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि वर्किंग पॉपुलेशन को 33 प्रतिशत से 43 प्रतिशत का सपना दिखाने वाले केजरीवाल पहले यह बताऐं कि 7 वर्षों में पॉपुलेशन बढ़ी है या घटी है? उन्होंने कहा कि वर्तमान में वर्किंग पॉपुलेशन 33 प्रतिशत है जबकि 2012 में वर्किंग पॉपुलेशन का प्रतिशत 33.39 था। आंकड़े साफ दर्शाते हैं कि कांग्रेस काल के बाद वर्किंग पॉपुलेशन की संख्या घटी है। उन्होंने कहा कि बजट में पुरानी घोषित योजनाओं पर कितना काम हुआ इस पर कोई चर्चा नही करके उन योजनाओं को ही दोबारा घोषित कर रहे है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली वालां को पानी देने की उपलब्धता बढाने पर केजरीवाल सरकार झूठी घोषणा कर रही है क्योंकि वर्ष 2014 में दिल्ली में पानी की उपलब्धता 50 गैलन प्रति व्यक्ति प्रतिदिन थी जो आज घटकर 44.7 गैलन प्रति व्यक्ति रह गई। यह आंकड़े भारत सरकार के सर्वें के है, जिन्हें केजरीवाल झुठला नही सकते। केजरीवाल झूठ की बुनियाद पर सरकार और सरकारी योजनाए चला रहे है वास्तविकता दिल्ली की जनता पहचान चुकी है।






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