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राजनीति में अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ कोई नया नहीं है। बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को बिहार में सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ढ़ वीआईपी के सà¤à¥€ तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद अब वीआईपी के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• मà¥à¤•à¥‡à¤¶ सहनी के मंतà¥à¤°à¥€ बने रहने पर à¤à¥€ संशय बरकरार है। à¤à¤¸à¥‡ में इसे अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से जोड़कर देखा जाने लगा है और उनके सरकारी बंगले से जोड़कर देखा जा रहा है।दरअसल बिहार सरकार के मंतà¥à¤°à¥€ मà¥à¤•à¥‡à¤¶ सहनी फिलहाल जिस सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤‚ड रोड सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ छह नंबर के सरकारी बंगले में रह रहे हैं, उसमें रहने वाले मंतà¥à¤°à¥€ अपना कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कम से कम पिछले तीन मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर तो यह बात सौ फीसदी सही नजर आ रही है। अब इसी को लेकर सवाल उठाठजाने लगे हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ सहनी नीतीश कà¥à¤®à¤¾à¤° मंतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤‚डल में अपना कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² पूरा कर पाà¤à¤‚गे।बताया जाता है कि इस बंगले का आवंटन वरà¥à¤· 2010 में जेडीयू नेता और उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ विà¤à¤¾à¤— के मंतà¥à¤°à¥€ अवधेश कà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¹à¤¾ को किया गया था। लेकिन कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² पूरा करने से पहले ही रिशà¥à¤µà¤¤à¤–ोरी के à¤à¤• मामले में वे फंस गà¤à¥¤ कà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¹à¤¾ को कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² के पहले ही इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ देना पड़ गया, जिससे उनका सरकारी बंगला à¤à¥€ छिन गया।
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