समाचार ब्यूरो
23/03/2022  :  17:55 HH:MM
जहां से खुदा व रसूल की बात हो वही मिंबर है: मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी
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तनज़ीमुल मकातिब के संस्थापक, तहरीक ए दीनदारी के मुखिया मौलाना सय्यद गुलाम असकरी त०स० के निधन के दिन रात में 8 बजे गोलागंज स्थित प्रसिद्ध संस्था तनज़ीमुल मकातिब परिसर में मजलिसे तरहीम आयोजित हुई।
जामिया इमामिया के छात्र मौलवी सुहैल मिर्ज़ा ने पवित्र कुरआन से मजलिस का आगाज़ किया उसके बाद मौलवी अली मोहम्मद और मौलवी मोहम्मद सादिक ने मौला की बारगाह में मंज़ूम नज़राने अकीदत पेश किया।
तनज़ीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी ने दुआ ए इफ्ताह के जुमले: "खुदाया! हम एक अच्छी सरकार की कामना करते हैं जिसके द्वारा तू इस्लाम और इस्लाम के लोगों का सम्मान करता है और पाखंडियों और पाखंड के लोगों को अपमानित करता है और हमें उन लोगों की श्रेणी में रखता है जो तेरी आज्ञा का पालन करते हैं। अपने मार्ग पर आमंत्रित और मार्गदर्शन करते हैं और इसके माध्यम से हमें अनुदान देते हैं इस दुनिया और उसके बाद की महानता और बुज़ुर्गी अता करे ” उसने पहले नबियों और रसूलों को भेजा और फिर इमामों को भेजा ताकि अल्लाह का शुद्ध संदेश मनुष्य को पता चले और वह उसका पालन करें ईश्वर ने हमें अंतिम पैगंबर का अनुयायी बनाया यानि हमारे पास अंतिम आसमानी पुस्तक पवित्र कुरआन और अंतिम शरीअत कानून है इसलिए हमारे पास अधिक ज़िम्मेदारियां हैं। हमारे सामने बारह इमामों की जीवनी है कि विभिन्न परिस्थितियों में कैसे रहना है।
मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी ने कहा जहां कहीं से भी ईश्वर और पैगंबर की बात होती है वह मिम्बर होता है। शाम में गुनाहों की बात हुई, ईश्वर और पैगंबर से हट कर बात हुई तो इमाम सज्जाद अ० स० ने मिम्बर के आकार के होते हुए भी उसे लकड़ी कहा।
तनज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा "इंतेज़ार करने का मतलब यह नहीं है कि हम हाथ में हाथ रख कर बैठें रहें बल्कि उसकी तय्यारी करें ताकि जब मौला आएं तो हम उनके साथ रहकर उनकी सेवा कर सकें।" मौलाना सय्यद गुलाम असकरी र० अ० ने यही संदेश दिया था उन्होंने कहा था कि दुनिया की हर समस्या का इलाज धर्म के पालन में है।
इसी सिलसिले में सुबह 8 बजे लखनऊ ज़िले के बिजनौर स्थित खतीबे आज़म की मकबरे पर मजलिस आयोजित हुई जिसको मजलिसे इंतेज़ाम तनज़ीमुल मकातिब के सदस्य मौलाना सय्यद सबीहुल हुसैन रिज़वी ने संबोधित किया जिसमे जामिया इमामिया के छात्रों और शिक्षकों के अलावा तनज़ीमुल मकातिब के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।






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