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हर साल की तरह इस साल à¤à¥€ 17 शाबान को जशà¥à¤¨ ठअनवार ठशाबान सफ़ीना ठहà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ (à¤à¤¸ à¤à¤š) फ़ोटोगà¥à¤°à¤¾à¥žà¥€ की ओर से लखनऊ के महबूबगंज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‡ अंजà¥à¤®à¤¨à¥‡ चशà¥à¤®à¤¾ ठकौसर में आयोजित हà¥à¤ˆà¥¤ क़ारी अली मोहमà¥à¤®à¤¦ ने तिलावते क़à¥à¤°à¤†à¤¨ ठकरीम से महफ़िल की शà¥à¤°à¥‚आत की।जिसके बाद मौलाना सयà¥à¤¯à¤¦ अली हाशिम आबà¥à¤¦à¥€ ने सूरह वल असà¥à¤° को सरनामा ठकलाम क़रार देते हà¥à¤ कहा कि इंसानों में चार गिरोह à¤à¤¸à¥‡ हैं जिनका जनà¥à¤¨à¤¤ में जाना यक़ीनी है। अमà¥à¤¬à¤¿à¤¯à¤¾, सिदà¥à¤¦à¥€à¥˜à¥€à¤¨, शोहदा और सालेहीन। अमà¥à¤¬à¤¿à¤¯à¤¾ वह हैं जिनको अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने मà¥à¤¨à¥à¤¤à¥™à¤¬ किया है वह à¤à¤• लाख चौबीस हज़ार हैं न इनमें कोई कमी मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ है और न ही इज़ाफ़ा। सिदà¥à¤¦à¥€à¥˜à¥€à¤¨, शोहदा व सालेहीन में कोई à¤à¥€ इंसान अपने ईमान, इख़लास और अमल के ज़रिठशामिल हो सकता है। हज़रत अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ अ०स० अमà¥à¤¬à¤¿à¤¯à¤¾ में तो नही हैं लेकिन सिदà¥à¤¦à¥€à¥˜à¥€à¤¨ में सफ़े अवà¥à¤µà¤² में शामिल हैं, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वफ़ा सिदà¥à¥˜ का नतीजा है और आप सिरà¥à¥ž बा वफ़ा नहीं बलà¥à¤•à¤¿ आबरू ठवफ़ा हैं। इसी तरह आप शहीद à¤à¥€ हैं और अबà¥à¤¦à¥‡ सालेह à¤à¥€à¥¤à¤®à¤¹à¥žà¤¿à¤² में शोअरा ठकेराम जनाब ज़ैन अलवी, जनाब सफ़दर अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ बेलाल, जनाब अली मोहमà¥à¤®à¤¦ बà¥à¤•à¤¨à¤¾à¤²à¤µà¥€, जनाब हसन अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ मारूफी, जनाब फ़हीम ज़ैदपà¥à¤°à¥€, जनाब क़ायम रज़ा मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤•à¤ªà¥à¤°à¥€, जनाब इरशाद हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ और जनाब सैफ़ हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ सैफ़ी ने बारगाह इसà¥à¤®à¤¤ व तहारत में मंज़ूम नज़राना ठअक़ीदत पेश किया, महफिल का संचालन जनाब ज़फ़र अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ लखीमपà¥à¤°à¥€ ने किया।
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