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सिख विचारधारा का पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° समरà¥à¤¥à¤¨ करने के लिठ'दबाव समूह' बनाने की जरूरत: जीके
जागो पारà¥à¤Ÿà¥€ के अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मनजीत सिंह जीके ने आज दिलà¥à¤²à¥€ के सà¤à¥€ पंथक दलों को à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से शिरोमणि अकाली दल दिलà¥à¤²à¥€ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· परमजीत सिंह सरना को à¤à¤• पतà¥à¤° सौंपा। दिलà¥à¤²à¥€ कमेटी के अपने साथी सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रकाबगंज साहिब सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सरना पारà¥à¤Ÿà¥€ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पहà¥à¤‚चे जीके ने मीडिया को बताया कि शिरोमणी अकाली दल का राजनीतिक आधार बादल परिवार की खराब नीतियों तथा पंथ से पहले परिवार को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देने के कारण सिकà¥à¤¡à¤¼ गया है।नतीजतन इस वजह से सरकार के दरबार में सिखों की अहमियत कम होने का खतरा पैदा होने की आंशका पैदा हो गई है। जो कि à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सिख हितों के लिठहानिकारक हो सकता है। पंजाब में आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ की सरकार बनने के बाद पंजाब के हितों के लिठराजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ में बोलने का रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ बंद हो गया है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आम आदमी पारà¥à¤Ÿà¥€ ने राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ के लिठगैर-पंजाबी और पंजाब के हितों के लिठउदासीन उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को मैदान में उतारा है। इसलिठआज पंथक हलकों में पंजाब और सिखों के उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठसà¤à¥€ पंथक दलों को à¤à¤• साथ लाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसलिठपंथ और पंजाब के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हितों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ मैंने जागो पारà¥à¤Ÿà¥€ परिवार के साथ अतीत में रचनातà¥à¤®à¤• चरà¥à¤šà¤¾ की है। जिसमें यह निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया कि जागो पारà¥à¤Ÿà¥€ को इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर पंथ की à¤à¤•à¤¤à¤¾ के लिठपहल करनी चाहिà¤à¥¤à¤œà¥€à¤•à¥‡ ने कहा कि पंथ की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ के लिठशिरोमणि अकाली दल के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को मजबूती से बनाठरखना हम सà¤à¥€ की पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों ने शिरोमणी अकाली दल के 100 साल लंबे गौरवशाली असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठअपना खून à¤à¥€ बहाया है।अकाली दल उस अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ शासन के दौरान पैदा हà¥à¤† था, जिसने 1857 के ग़दर और सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की कई अनà¥à¤¯ आवाज़ों को आसानी से दबा दिया था। लेकिन यह गौरी सरकार ही थी जिसने पंथ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾, समरà¥à¤ªà¤£ और शहादतों के सामने घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ टेके थे। यहां तक ​​कि महातà¥à¤®à¤¾ गांधी को à¤à¥€ कहना पड़ा था कि "सिखों ने आजादी की पहली लड़ाई जीत ली है।" जैसा कि हमारा इतिहास रहा है की सिख मिसलों ने अपने वैचारिक मतà¤à¥‡à¤¦à¥‹à¤‚ के बावजूद à¤à¥€ शà¥à¤°à¥€ अकाल तखà¥à¤¤ साहिब के नेतृतà¥à¤µ में कौम के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ दिखाई थी। चूंकि पंजाब के काले दौर के समय देश-विदेश में रहने वाले सिखों ने नरसंहार के साथ ही मानवाधिकारों पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ को अपने शरीर पर à¤à¥‡à¤²à¤¾ था और पंथ अà¤à¥€ à¤à¥€ इस मामले में नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पाने के लिठसंघरà¥à¤· कर रहा है। इसलिठहमने दिलà¥à¤²à¥€ की सà¤à¥€ पंथक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤• मंच पर लाने का फैसला किया है, ताकि सिख विचारधारा का पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° समरà¥à¤¥à¤¨ करने वाले 'दबाव समूह' का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करके सिख हितों की सतरà¥à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ संà¤à¤µ हो सके। बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में पंजाब से बाहर रहने वाले सिखों के हितों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठà¤à¥€ इस पंथक à¤à¤•à¤¤à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। केंदà¥à¤° और राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दलों की सरकारों के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के कारण à¤à¥€ सà¤à¥€ पंथक नेताओं को सरकारों पर वैचारिक दबाव बनाने के लिठइस 'दबाव समूह' में शामिल रहना आवशà¥à¤¯à¤• है ताकि सà¤à¥€ को साथ लेकर सिख मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर आम सहमति बन सके। जीके की पहल का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤ सरना ने आशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ दिया कि हम पंथक हितों को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त हितों से ऊपर रखकर पंथ की à¤à¤•à¤¤à¤¾ के हिमायती हैं। जीके के साथ दिलà¥à¤²à¥€ कमेटी सदसà¥à¤¯ परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह और महिंदर सिंह à¤à¥€ मौजूद थे।
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