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शब ठबरात का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया गया। शब ठबरात के अवसर पर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ और कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को सजाया वहीं बहà¥à¤¤ से जगहों पर कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की साफ सफाई की। शब ठबरात में पिछले वरà¥à¤· किठकरà¥à¤®à¥‹à¤‚ का जहां लेखा जोखा होता है। वहीं आने वाले वरà¥à¤· की तकदीर लिखी जाती है। यह रात अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ की माफी कराने à¤à¤µà¤‚ अपने पà¥à¤°à¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की मगफिरत कराने की रात है। अपने अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ को राजी करने के लिठमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ और घरों में इबादत की तथा कबरिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में अपने पà¥à¤°à¥à¤µà¤œ के कबà¥à¤° का जयारत किया à¤à¤‚व फातेहा पढ़ा। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ इबादत कर अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से अपने पà¥à¤°à¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की मगफिरत की दà¥à¤† की। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में à¤à¥€ खासा उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ देखा गया। बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में नमाज अदा की à¤à¤µà¤‚ कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की जियारत की। लोगों ने अपने और अपने परिवार, समाज, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के कामयाबी की दà¥à¤† मांगी। वहीं शब ठबरात के दिन हलवा बनाया जाता है। इस तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° मे चना, सà¥à¤œà¥à¤œà¥€, बादाम का हलवा खास तौर से बनाया जाता है, जो रिशतेदार और गरीबों मे बांटा जाता है।
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