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तीन दशक के अलगाव के बाद शरद यादव à¤à¤• बार फिर लालू के साथ बिहार में विपकà¥à¤· को मजबूत करने के इरादे से वरिषà¥à¤ समाजवादी नेता और पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ शरद यादव ने अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ दोसà¥à¤¤ और साथी लालू यादव की पारà¥à¤Ÿà¥€ आरजेडी से जà¥à¤¡à¤¼à¤¨à¥‡ का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जनता दल के अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सहयोगी से तीस साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ बिछोह खतà¥à¤® करते हà¥à¤ अपनी पारà¥à¤Ÿà¥€ लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• जनता दल के लालू यादव की आरजेडी में विलय की घोषणा कर दी है। औपचारिकताà¤à¤‚ 20 मारà¥à¤š को सामने आà¤à¤‚गी।à¤à¤• बयान में शरद यादव ने कहा, “विलय का यह कदम बिखरे हà¥à¤ जनता दल परिवार को à¤à¤•à¤¸à¤¾à¤¥ लाने की मेरी कोशिशों की हिसà¥à¤¸à¤¾ है। देश की मौजूदा राजनीतिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में à¤à¤¸à¤¾ करना जरूरी है।†उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दावा किया कि बीजेपी सरकार नाकाम हो चà¥à¤•à¥€ है और लोग अब à¤à¤• मजबूत विपकà¥à¤· की तरफ देख रहे हैं।बिहार के मधेपà¥à¤°à¤¾ से सांसद रह चà¥à¤•à¥‡ शरद यादव ने रेखांकित किया कि à¤à¤• समय 1989 में लोकसà¤à¤¾ में अकेले जनता दल के 143 सासंद हà¥à¤† करते थे, लेकिन वकà¥à¤¤ के साथ जनता दल में हà¥à¤ˆ à¤à¤• के बाद à¤à¤• टूट के कारण सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा कहीं खो गया है। रोचक बात यह है कि 2005 में शरद यादव ने नीतीश के साथ मिलकर ही बिहार में लालू राज को खतà¥à¤® किया था।
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