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दिलà¥à¤²à¥€ हाईकोरà¥à¤Ÿ ने बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को इस सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के अंत में शब-à¤-बारात तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° के मदà¥à¤¦à¥‡à¤¨à¤œà¤° निजामà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ मरकज की चार मंजिलों को फिर से खोलने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दे दी। परिसर में कोविड पॉजिटिव मामलों में तेजी आने के बाद 3 मारà¥à¤š, 2020 से मरकज बंद था।दिलà¥à¤²à¥€ आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤°à¤£ (डीडीà¤à¤®à¤) के दिशानिरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मंजिल पर सौ से कम लोगों को जà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दी जा सकती है। हालांकि, इबादत करने वालों की सीमा के बारे में पीठने कहा, "जब वे कहते हैं कि कोविड पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥‹à¤•à¥‰à¤² बनाठरखेंगे, तो यह ठीक है। इसे à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ पर छोड़ दिया जाना चाहिà¤à¥¤"इससे पहले, इसी पीठने दिलà¥à¤²à¥€ वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ को संबंधित पà¥à¤²à¤¿à¤¸ थाने में à¤à¤• आवेदन दायर करने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया था, जिसमें निजामà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ मरकज में नमाज अदा करने के लिठपूरे मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ परिसर को फिर से खोलने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ मांगी गई थी।
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