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शिकà¥à¤·à¤¾ ही हमारी उचà¥à¤š जिनà¥à¤¦à¤—ी की जमानत है। कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक का पहला आदेश ही पà¥à¤¨à¥‡, सीखने और शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ है। मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• हैं वह लोग जो अपनी औलाद की शिकà¥à¤·à¤¾ दीकà¥à¤·à¤¾ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करते हैं। इस राह में खूब मेहनत व कोशिश करते है। जो बचà¥à¤šà¥‡ कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक हिफà¥à¤œ करते हैं उनके लिठखà¥à¤¦à¤¾ पाक ने बहà¥à¤¤ बड़े सवाब का वादा किया है। इन विचारों को नाजिम दारूल उलूम फरंगी महल मौलाना खालिद राशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने जाहिर किया। वह आज दारूल उलूम फरंगी महल के वारà¥à¤·à¤¿à¤• जलसा दसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤¦à¥€ में समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ कर रहे थे। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने जो कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक याद किया उसी में खà¥à¤¦à¤¾ पाक ने कई आयतों में अपनी बनायी हà¥à¤ˆ कायनात पर सोच विचार करने का आदेश दिया है। उसके नतीजे में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और साइंस व टिकानोलॉजी वà¥à¤œà¥‚द में आयी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि इसकी सबसे बडा उदाहरण इबà¥à¤¨ सीना हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ बचपन में कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक याद किया उसके बाद साइंस के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अपना योगà¥à¤¯à¤¦à¤¾à¤¨ पेश किया। उनके जरिये से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को नई मेडिकल साइंस का उपहार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ यही कारण है कि आज दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ इबà¥à¤¨ सीना को फादर ऑफ मेडिसिन के नाम से जानती है। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि आज à¤à¥€ जरूरत इस बात की है कि कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक को याद करने वाले बचà¥à¤šà¥‡ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤µà¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ विशेषकर साइंस व टिकनोलॉजी की ओर विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि इस शिकà¥à¤·à¤¾ के मिशन के लिठशाहाीन à¤à¤•à¥‡à¤¡à¤®à¥€ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ लखनऊ में हà¥à¤ˆ है जिसमें अनà¥à¤¯ विधाथरà¥à¥à¤¿à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ हाफिज बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ देने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गयी है ताकि मदरसों के बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ डाकà¥à¤Ÿà¤° और इंजीनियर बनकर देश की सेवा कर सकें। दारूल उलूम के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ मौलाना नईमà¥à¤°à¥à¤°à¤¹à¤®à¤¾à¤¨ सिदà¥à¤¦à¥€à¥˜à¥€ ने मदरसों के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालते हà¥à¤ कहा कि दारूल उलूम निजामिया वह मदरसा है जिसको 1701 ई0 में अलà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¾ निजामà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ फरंगी महली ने कायम किया था जो देश का पहला मदरसा था। दारूल उलूम के मौलाना सà¥à¤«à¤¯à¤¾à¤¨ निजामी ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि खà¥à¤¦à¤¾ पाक ने अपनी पवितà¥à¤° किताब को याद करने वालों और उस पर अमल करने वालों को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ व आखिरत में कामयाबी की जमानत दी है। मौलाना अतीकà¥à¤°à¥à¤°à¤¹à¤®à¤¾à¤¨ ने कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक के पर बयान करते हà¥à¤ कहा कि जो माता पिता अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक याद कराते हें खà¥à¤¦à¤¾ पाक उनको कयामत के दिन à¤à¥ˆà¤¸à¤¾ ताज पहनायेगा जिसकी रौशनी सूरज से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होगी। इस अवसर पर दारूल उलूम के विधाथियों अबà¥à¤¦à¥à¤°à¥à¤°à¤¹à¤®à¤¾à¤¨, अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ शरीफ, अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ अहमद, मो0 बिलाल, मो0 फैजान, अबà¥à¤² बशर, मो0 अमà¥à¤®à¤¾à¤°, मो0 जहीन, मो0 शà¥à¤à¥ˆà¤¬, अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹, असद मतीन और मो0 अबà¥à¤¦à¥à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ को कà¥à¤°à¤¾à¤¨ पाक हिफà¥à¤œ करने पर सनद दी गयी और दारूल उलूम के नाजिम और अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ के हाथो से उनकी दसà¥à¤¤à¤¾à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤¦à¥€ हà¥à¤ˆà¤‚
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