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मौलाना राजाणी हसनअलीने हिजाब पर करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के फैसले पर दà¥à¤– वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा है कि अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ और कानून के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को कà¥à¤¯à¤¾ कहा जाना चाहिठकि वह कहते हैं के हिजाब इसà¥à¤²à¤¾à¤® में नहीं हैं । मौलाना राजाणी हसनअली ने कहा कि अगर हिजाब शरीयत में नहीं होता तो अनà¥à¤¯ गैर-मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ आज हिजाब पहनते और मà¥à¤à¥‡ लगता है कि कम से कम वे सजà¥à¤œà¤¨ जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने लिठअंगरकà¥à¤·à¤• रखना होगा, वे हिजाब में पहनते । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा के यदि कोई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤®à¤¾à¤¨ इस कानून का विरोध करता है तो वे इसà¥à¤²à¤¾à¤® के दायरे से बाहर हैं। मौलाना ने अपने बयान में आगे सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया कि जैसे नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात की तरह, ये सà¤à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® में अनिवारà¥à¤¯ हे । अगर उसे कोई अंजाम नहीं देता हे तो वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ गà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤—ार होगा लेकिन जो कोई à¤à¥€ इस कानून का विरोध करेगा, वह इसà¥à¤²à¤¾à¤® के दायरे को छोड़ देगा, जैसे वसीम रिज़वी ने कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ मजीद पर टिपणà¥à¤£à¥€ कर के कैसे अपने को इसà¥à¤²à¤¾à¤® से बाहर कर लिया
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