सीतामढ़ी। शब ठबरात रहमत और बरकत की रात है। सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ से सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ तक रहमतो की बारिश होती है। उकà¥à¤¤ बातें मदरसा रहमानिया, मेहसौल के पूरà¥à¤µ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मो अरमान अली ने कही। शब ठबरात में पिछले साल किठगठकरà¥à¤®à¥‹ का लेखा जोखा और आने वाले साल की तकदीर तय होता है। इस रात को पूरी रात इबादत में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¨à¥‡ की परंपरा है।
साइंस फॉर ऑल के मो जà¥à¤¯à¤¾à¤‰à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¹ ने कहा कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® में शब ठबरात की बहà¥à¤¤ अहमियत है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ रात इबादत में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¤à¥‡ है। इस रात नमाज पढ़ने और कà¥à¤°à¤¾à¤¨ मजीद की तिलावत करने के करते हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤¯ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शबे बरात के दिन रोजा रखते हैं। इस दिन रोजा रख कर इबादत में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं।
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सिटीजंस फार à¤à¤®à¥à¤ªà¤¾à¤µà¤°à¤®à¥‡à¤‚ट के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· मो कमर अखà¥à¤¤à¤° कहते है कि शब ठबरात बरी होने की रात है। शब का अरà¥à¤¥ रात और बरात का अरà¥à¤¥ बरी होना है। इस रात की बहà¥à¤¤ फजीलत है। इस रात अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की इबादत करते हैं और अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ से तौबा करते है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® अपने उन परिजनों जो दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से रूखसत हो चà¥à¤•à¥‡ हैं, उनकी à¤à¥€ मगफिरत की दà¥à¤† करते हैं।
मदरसा रहमानिया मेहसौल के पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ मौलाना अबà¥à¤¦à¥à¤² वदूद मजाहिरी ने कहा कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ कैलेंडर के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• शब ठबरात शाबान महीने के 14 वीं तारीख को सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ के बाद शà¥à¤°à¥‚ होती है। यह रात इबादत की रात है। इस रात में अधिक से अधिक इबादत करे। नमाज पढ़े, कà¥à¤°à¤¾à¤¨ की तिलावत करें। अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ से तौबा करें। अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ से अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ की माफी मांगे। इस रात की बहà¥à¤¤ अहमियत है।
रजा ठमà¥à¤¸à¥à¤¤à¤«à¤¾ सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ जामा मसà¥à¤œà¤¿à¤¦, महà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ के मà¥à¤¤à¤µà¤²à¥à¤²à¥€ मो हैदर अली ने कहा कि अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ अपने बंदे को गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ से माफी देते हैं और जनà¥à¤¨à¤¤ के दरवाजे खोल देते हैं। शब ठबरात के रात अपने पà¥à¤°à¥à¤µà¤œ की कबà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर फातेहा पढ़ते हैं। उनके लिठमगफिरत की दà¥à¤† अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ की तौबा करते हà¥à¤ पूरी रात इबादत में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं। दिल से तौबा कर अपने गà¥à¤¨à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ की मांफी मांगता है तो अललाह माफ कर देता है।