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साढ़े तीन दशक बाद उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में नई इबारत लिखी गई है। वरà¥à¤· 1989 के बाद यह पहली बार होगा जब पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में किसी पारà¥à¤Ÿà¥€ की सतà¥à¤¤à¤¾ में लगातार दूसरी बार वापसी हà¥à¤ˆ है। à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ गठबंधन 268 सीटों पर आगे है। समाजवादी पारà¥à¤Ÿà¥€ ने 130 सीटों पर बढ़त बनायी हà¥à¤ˆ है। सतà¥à¤¤à¤° से ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सीटों पर बहà¥à¤¤ कम अंतर से मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ चल रहा है। नतीजों से साफ है कि दिखाई कà¥à¤› à¤à¥€ दिया हो, अंदर ही अंदर चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा चला है। महंगाई, बेरोज़गारी, छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ मवेशी जैसे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ और जातीय समीकरणों के मिथक धराशायी हो गà¤à¥¤ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤•à¥‹à¤‚ की à¤à¥€ यही राय है। चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के दरमà¥à¤¯à¤¾à¤¨ पिछड़े वरà¥à¤— के नेताओं ने सपा का दामन पकड़ा तो पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की सियासत में हिंदà¥à¤¤à¥à¤µ बनाम सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की लड़ाई आमने-सामने थी। लेकिन नतीजे बता रहे हैं कि विपकà¥à¤· उस लड़ाई में पीछे रह गया।
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