समाचार ब्यूरो
09/03/2022  :  17:33 HH:MM
मैं अपना ख़ून दे कर मुत्मइन हूँ, गुलिस्तां में बहार आए न आए
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एग्ज़िट पोल पर मत जाइये, ये गोदी मीडिया का एग्ज़िट पोल है, जो वेस्ट-बंगाल, तमिलनाडु और बिहार में अपनी रुस्वाई करवा चुके हैं:कलीमुल हफ़ीज़
लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जहाँ बहुत-सी ख़ूबियाँ हैं वहीं पर एक कमज़ोरी भी है। उसकी ख़ूबियों का ज़िक्र करें तो वो ये है कि इस निज़ाम में लोगो को अपनी पसंद की हुकूमत बनाने का इख़्तियार है, हर पाँच साल में उसे मौक़ा मिलता है, अपनी बात कहने की आज़ादी होती है, सरकार की आलोचना भी की जाती है, हालाँकि आलोचना के दरवाज़े धीरे-धीरे बन्द किये जा रहें हैं, इसके बावजूद भी इन्साफ़-पसन्द आवाज़ें उठती रहती हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के अलावा दूसरी व्यवस्थाओं में ये ख़ूबियाँ नहीं हैं। लेकिन इस व्यवस्था की सबसे बड़ी ख़राबी ये है कि यहाँ वोटों के बँट जाने की वजह से अक्सरियत की पसंद के ख़िलाफ़ उम्मीदवार जीत जाता है।अभी-अभी पाँच राज्यों में जो चुनाव हुए हैं, वहाँ कुल 60 से 65 प्रतिशत पोलिंग हुआ। इसका मतलब ये हुआ कि एक तिहाई लोगों ने अपनी कोई राय ही नहीं दी। डाले गए वोटों में भी अधिकतर जगहों पर तीन से अधिक उमीदवार शरीक हुए। अगर जीतने वाले को आधे वोट भी मिलेंगे तब भी वो कुल वोट का 50% से कम ही रह जाएगा। जबकि अधिकतर सीटों पर जीतनेवाले उम्मीदवार को आधे वोट से कम वोट ही हासिल होतें हैं। यह एक ऐसी ख़राबी है जो इस निज़ाम की तमाम ख़ूबियों पर पानी फेर देती है।इस कमज़ोरी की वजह से कम तादाद में वोट लेनेवाला मेजोरिटी पर हुकूमत करता है जबकि लोकतन्त्र की स्पिरिट ये है के लोगों की मेजोरिटी की मर्ज़ी की हुकूमत बने। इस नुक्ते पर इलेक्शन कमिशन के ज़िम्मेदारों को ज़रूर तवज्जोह देनी चाहिये। कोई ऐसी कार्य योजना ज़रूर बनानी चाहिये कि 100% पोलिंग हो और जीतने के लिए कम से कम 60% वोट हासिल किये गए हों। बहुत-से देशों में इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है। यही वजह है कि हमारा देश आबादी के अनुपात से माइनोरिटी को हुकूमत में हिस्सेदारी नहीं मिलती और वो लगातार पिछड़ेपन की तरफ़ धकेली जाती रही हैं।अभी-अभी पाँच राज्यों के चुनाव शान्तिपूर्ण तरीक़े से हुए हैं, जिसके लिये चुनाव आयोग बधाई का पात्र है। इतनी बड़ी आबादी वाले देश में शान्तिपूर्ण पोलिंग करा देना किसी कमाल से कम नहीं है। कल नतीजे भी आ जाएँगे। नतीजों से पहले एग्ज़िट पोल हम सभी के सामने हैं। ज़्यादातर एग्ज़िट पोल में पंजाब में आम आदमी पार्टी और मणिपुर और उत्तर प्रदेश में बी.जे.पी स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है। आज तक ने तो यूपी में 326 सीटें तक बीजेपी की झोली में डाल दी हैं। उत्तराखंड और गोवा में काँटे की टक्कर दिखाई जा रही है। यह एग्ज़िट पोल ख़ुद गोदी मीडिया का है।लेकिन कुछ अन्य एग्ज़िट पोल के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपनी मौजूदा सीटों में से 100 से अधिक सीटें गँवा रही है। उदाहरण के लिये इकोनॉमिक टाइम्स, ज़ी न्यूज़ के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 246 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं इंडिया न्यूज़ और इंडिया टीवी के अनुसार यह संख्या 180 से 220 तक है। न्यूज़-एक्स के अनुसार बीजेपी को केवल 211 सीटें हासिल होंगी। देशबंधु ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी गठबंधन सरकार बनाने की बात कही है। अभी ये अन्दाज़े ही हैं, फ़ाइनल नतीजों के लिये कुछ घंटे सब्र करना ही होगा। पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडु के चुनावों के मौक़े पर हम एग्ज़िट पोल का हश्र देख चुके हैं। चूँकि मीडिया का 99% गोदी मीडिया है इसलिये वो वही बात बोलेगा जो उनके मालिक चाहेंगे। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और भी हो सकती है।






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