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करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपà¥à¤°à¤¾ के होयसल मंदिरों को वरà¥à¤· 2022-2023 के लिठविशà¥à¤µ धरोहर के रूप में विचार करने के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ के नामांकन के रूप में शामिल किया गया है। होयसल के ये पवितà¥à¤° सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• 15 अपà¥à¤°à¥ˆà¤², 2014 से संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° शैकà¥à¤·à¤¿à¤•, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संगठन (यूनेसà¥à¤•à¥‹) की संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ सूची में हैं और मानव रचनातà¥à¤®à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के उचà¥à¤šà¤¤à¤® बिंदà¥à¤“ं में से à¤à¤• का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करने के साथ ही और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की समृदà¥à¤§ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत की गवाही à¤à¥€ देते हैं।
अब पहला कदम विशà¥à¤µ धरोहर केंदà¥à¤° में आवशà¥à¤¯à¤• पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को जमा करना है जो उसकी तकनीकी जांच करेगा। यूनेसà¥à¤•à¥‹ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ शà¥à¤°à¥€ विशाल वी शरà¥à¤®à¤¾ ने आज 31 जनवरी, 2022 को औपचारिक रूप से यूनेसà¥à¤•à¥‹, विशà¥à¤µ धरोहर के निदेशक, शà¥à¤°à¥€ लाज़ारे à¤à¤²à¥Œà¤‚डौ को औपचारिक रूप से नामांकन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया हैI
à¤à¤• बार पà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° जमा हो जाने के बाद यूनेसà¥à¤•à¥‹ मारà¥à¤š की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में वापस समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• करेगा। उसके बाद सितंबर/अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2022 में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मूलà¥à¤¯à¤¾à¤‚कन होगा और जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ/ अगसà¥à¤¤ 2023 में डोजियर पर विचार किया जाà¤à¤—ा ।
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